हर दिन बीजी (भाजपा) से जुड़ी नई खबर आती रहती है, पर अक्सर हमें पता नहीं चलता कि कौन सी चीज़ असल में मायने रखती है। इस पेज पर हम उन सबसे जरूरी बातों को साइड‑बाय‑साइड रखते हैं, ताकि आप जल्दी समझ सकें कि बीजेपी की आज की चाल क्या है और इसका आपके जीवन या समाज पे क्या असर पड़ेगा।
पिछले हफ्ते भारत में कई राज्य में उपराष्ट्रपति पद का चुनाव हुआ, जहाँ भाजपा गठबंधन ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज B. सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार घोषित किया। इस फैसले से पार्टी की दहलीज़ मजबूत हुई और विपक्षी पार्टियों को नई चुनौती मिल गई। वोटिंग प्रक्रिया के दौरान कई बार धक्का‑मरम्मत वाली खबरें आईं, पर परिणाम साफ़ था – गठबंधन ने अपने समर्थन बेस को फिर से जुटाया।
इसके अलावा, अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी भी तेज़ी से चल रही है। बीजी ने नई युवा चेहरे को सामने लाकर युवाओं के वोट को खींचने की कोशिश की है। कई राज्य में पार्टी का इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और रोजगार योजना फिर से चर्चा में हैं, जिससे जनता को आश्वासन मिल रहा है कि विकास जारी रहेगा।
बीजी ने हाल ही में कुछ आर्थिक कदम उठाए हैं जो सीधे आम लोगों की जेब को छूते हैं। सबसे बड़ी बात है 2025 के बजट में मध्यम वर्ग के लिए नई टैक्स स्लैब और कर राहत का प्रस्ताव। इससे कई छोटे व्यवसायी और नौकरीपेशा लोग फायदा उठा सकते हैं। साथ ही, सरकार ने ग्रामीण विकास पर फोकस बढ़ाया है – नयी सड़कें, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र जल्दी बनेंगे, जैसा कि हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया।
पर्यावरण के मुद्दे भी बीजी की एजेंडा का हिस्सा हैं। नई नीति में सोलर ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के लिए सब्सिडी बढ़ाई जाएगी और प्लास्टिक पर पेनल्टी कड़ी की जा रही है। ये कदम उन लोगों के लिये अच्छे हैं जो साफ़-सफाई और स्वच्छता से जुड़े काम करते हैं।
अगर आप सोच रहे हैं कि इन नीतियों का असर आपके घर तक कैसे पहुँचेगा, तो देखिए: टैक्स में राहत मिलने से सालाना खर्च कम हो सकता है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में नई सड़कें बनना स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देगा। यही कारण है कि कई लोग बीजी के वादों को भरोसेमंद मान रहे हैं।
समाज में महिलाओं की भागीदारी भी भाजपा ने बढ़ाने का वादा किया है। नए स्कीम्स में महिला उद्यमियों को आसान लोन, तकनीकी प्रशिक्षण और मार्केटिंग सपोर्ट दिया जाएगा। यह पहल कई छोटे-छोटे परिवारों के लिये आर्थिक सशक्तिकरण लेकर आएगी।
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फिल्म अभिनेता सुरेश गोपी, जो थ्रिसूर लोकसभा क्षेत्र से नव-निर्वाचित सांसद हैं, अपने व्यस्त फ़िल्म शेड्यूल के कारण नरेंद्र मोदी मंत्रालय से इस्तीफा देने की सोच रहे हैं। उनके नजदीकी सूत्रों का कहना है कि इनके असंतोष का कारण उन्हें कैबिनेट रैंक न मिलने से है। सुरेश गोपी ने बीजेपी नेतृत्व को बताया है कि वह थ्रिसूर की जनता के लिए सांसद के रूप में काम करते रहेंगे।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी की निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद अपने संघर्ष को जारी रखने की ठान ली है। उन्होंने पार्टी के गलत राजनीतिक गणित को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्र से उपमुख्यमंत्री पद से मुक़्ती की आग्रह की है ताकि वह आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी पर ध्यान केंद्रित कर सकें। फडणवीस ने माना कि विपक्षी महागठबंधन से वोटों का अंतर केवल दो लाख का था।
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