तमिल फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता दिल्ली गणेश अब हमारे बीच नहीं रहे। उनकी मृत्यु ने भारतीय सिनेमा जगत को गहरे शोक में डाल दिया है। 80 साल के उम्र में अपने पारिवारिक सदस्यों और चाहने वालों को अलविदा कह चुके इस अद्भुत अभिनेता को आज भी उनकी उत्तम अभिनय कला के लिए हमेशा याद किया जाएगा। दिल्ली गणेश ने अपनी गहरी भूमिका और सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के लिए सिने प्रेमियों के बीच अमिट छाप छोड़ी है।
दिल्ली में जन्मे दिल्ली गणेश का बचपन से ही थिएटर और सिनेमा की तरफ रुझान था। यह शायद उनकी मुस्कान में दिखाई दे रहा था कि कला का अद्वितीय दर्शन उनके रक्त में बह रहा था। इसके बावजूद उन्होंने अपने शुरुआती जीवन में भारतीय वायु सेना में एक दशक तक सेवा की थी। लेकिन, उनकी आत्मा को सुकून केवल कला के जरिए ही मिलता था। यही कारण था कि उन्होंने के बालाचंदर की फिल्म 'पट्टिना प्रवेशम' से अभिनय के करियर की शुरुआत की।
सत्तरी के दशक में फिल्मों का सफर शुरू करने वाले दिल्ली गणेश का अभिनय कैरियर अत्यंत सफल रहा। उन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय कौशल से लगभग 400 फिल्मों में काम करने का गौरव हासिल किया। तमिल सिनेमा के कुछ सबसे उल्लेखनीय फिल्मों जैसे 'सिंधु भैरवी', 'नायकन', 'अपूर्व सहोदरगल', 'माइकल मदना कामा राजन' और 'तेनाली' में उनकी भूमिकाएँ सिने प्रेमियों के दिलों में अमिट छाप छोड़ चुकी हैं।
उनके इस सफर की गवाही देने वाली उनकी प्रिय फिल्म है 'सिंधु भैरवी' (1985), 'नायकन' (1987) और 'अपूर्व सहोदरगल' (1989)। इन फिल्मों के अलावा उन्होंने 'माइकल मदाना कामा राजन' (1990) और 'अहा..!' (1997) में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। उनके अन्य चर्चित फिल्मों में 'तेनाली' (2000) रही, जिसमें उन्होंने अपनी श्रेष्ठ अभिनय क्षमता को उजागर किया।
महान अभिनेता कमल हासन के साथ काम करने का सुनहरा मौका भी दिल्ली गणेश को कई बार मिला। कमल हासन जैसे अभिनेता के साथ काम कर दिल्ली गणेश ने न केवल अपनी प्रतिभा को स्थापित किया, बल्कि इसके जरिए उन्होंने अपनी अभिनय क्षमता का नए आयामों को छुआ। कमल हासन के साथ उनकी जोड़ी को दर्शक विशेष पसंद करते थे, और उन्होंने कई अहम फिल्मों में एक साथ काम किया। दिल्ली गणेश के लिए 'अव्वै शनमुगी', 'तेनाली', 'माइकल मदाना कामा राजन' और 'अपूर्व सहोदरगल' जैसी फिल्में विशेष रूप से प्रिय थीं।
कमल हासन के बारे में बात करते हुए दिल्ली गणेश अक्सर कहते थे कि हासन एक ऐसे अदाकार हैं जो अपने सहकलाकारों को भरपूर स्थान देते हैं, जिससे अभिनय का अनुभव और भी समृद्ध होता है। उनके अनुसार यह विशेष गुण उन्हें अन्य अभिनेताओं से अलग बनाता है और यही कारण था कि उनके साथ काम करने वाले सभी कलाकार उन्हें आदर और स्नेह की दृष्टि से देखते हैं।
दिल्ली गणेश को उनके शानदार अभिनय के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें 1979 में 'पासी' फिल्म के लिए तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार विशेष पुरस्कार प्राप्त हुआ था। इसके साथ ही उन्हें 1994 में कला ममणि पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था, जो उनकी कला के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
उनकी कला की पूजा और उनके योगदान को आदर से देखते हुए, दिल्ली गणेश को तमिल फिल्म इंडस्ट्री का एक अनमोल गहना कहा जा सकता है। उनका निधन न केवल तमिल सिनेमा बल्कि पूरे भारतीय फिल्म जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, और उनके निभाए गए किरदारों में उनके फैन्स उन्हें हमेशा अमरता अनुभव करेंगे।
दिल्ली गणेश ने अपनी पूरी जिन्दगी को दर्शकों और कला के प्रति समर्पित कर दिया। उनकी अदाकारी में दर्शक उनके जुनून और कड़ी मेहनत का प्रतिबिम्ब देख सकते थे। सिनेमा के प्रति उनका समर्पण और उनकी निष्ठा ने उन्हें आज उस स्थान पर पहुँचाया था जहाँ पर वह स्वयं और उनके प्रशंसक बेहद गर्व अनुभव करते थे।
इसी प्रकार उन्होंने दूसरे फिल्म निर्माता उद्योगों में भी काम किया और मलयालम, तेलुगू और हिंदी फिल्मों में भी अपने अभिनय का जादू बिखेरा। उनकी मेहनत और समर्पण के बल पर उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में एक अमिट छाप छोड़ी। दिल्ली गणेश का निधन एक युग का अंत है। वह केवल एक अभिनेता नहीं थे, बल्कि अनेक उम्मीदों के प्रतीक भी थे। उन्होंने संघर्षों के बीच से उभरकर अपनी पहचान बनाई, जिसने उन्हें एक प्रेरणा के स्रोत के रूप में स्थापित किया। उनके द्वारा चित्रित पात्र और उनकी अदाकारी आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित है, और यही कारण है कि वह हमेशा हमारी यादों में जीवित रहेंगे।
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Sanjay Gupta
ये आदमी तो बस एक अभिनेता नहीं था, ये तो एक इंसान था जिसने अपनी आवाज़ से लाखों दिलों को छू लिया। उसकी मौत से तमिल सिनेमा का एक अहम हिस्सा खो गया है।
Kunal Mishra
इस तरह के अभिनेता को सिर्फ फिल्मों की संख्या से नहीं, बल्कि उनके अंदर की गहराई से मापना चाहिए। दिल्ली गणेश ने कभी किसी को ओवरशूट नहीं किया, हर रोल में उसने अपनी आत्मा डाल दी।
Ron DeRegules
दिल्ली गणेश ने 400 फिल्मों में काम किया ये बात तो सुनकर लगता है कि उन्होंने हर फिल्म में अलग इंसान बनने की कोशिश की थी लेकिन असली बात ये है कि उन्होंने हर बार अपने अंदर के असली आदमी को बरकरार रखा था जिसकी वजह से दर्शक उन्हें पहचान पाते थे और उनके साथ जुड़ जाते थे उनकी आवाज़ में एक अजीब सी गहराई थी जो आज के अभिनेताओं में नहीं मिलती और ये वो चीज़ है जिसे हम भूल रहे हैं कि अभिनय बस एक्टिंग नहीं बल्कि जीवन का एक अनुभव है
Manasi Tamboli
कभी-कभी लगता है कि हम लोग उन लोगों को तब तक नहीं समझते जब तक वो हमारे बीच नहीं चले जाते... दिल्ली गणेश ने जिंदगी में बहुत कुछ छुपा रखा था और अब उसकी यादों में हम सब उसे ढूंढ रहे हैं।
Ashish Shrestha
अभिनय का दर्शन? बस फिल्मों की संख्या बढ़ाने का नाम है। इन दिनों लोग बस नाम लेकर चलते हैं।
Mallikarjun Choukimath
दिल्ली गणेश का अभिनय एक ऐसा वास्तुकला था जिसमें भावनाओं के स्तंभ और शब्दों के तीर थे, जिसे आज का अभिनेता न तो समझ सकता है और न ही निर्माण कर सकता है।
Sitara Nair
मैंने उनकी 'सिंधु भैरवी' देखी थी और उस दिन का दिल अब भी धड़क रहा है... उनकी मुस्कान ने मुझे बताया कि जिंदगी का सबसे बड़ा अर्थ क्या है... 🌸💔
Abhishek Abhishek
क्या आपने कभी सोचा कि दिल्ली गणेश ने अपने जीवन में कितने बार बालाचंद्र के साथ बात की होगी? क्या वो उन्हें असली दोस्त मानते थे? क्या वो उनके घर गए थे? क्या उनके बच्चे उनके साथ खेलते थे? क्या वो अपनी पत्नी के साथ चाय पीते थे? क्या वो अपने बाप के साथ बात करते थे? क्या वो अपने दोस्तों के साथ शाम को बैठते थे? क्या वो अपने खाने को देखकर मुस्कुराते थे? क्या वो अपने बिस्तर पर आँखें बंद करके सोचते थे?
Avinash Shukla
उनकी आवाज़ में एक शांति थी... जैसे कोई बारिश के बाद की हवा चल रही हो। आज के दौर में ऐसे लोग बहुत कम हैं। उन्होंने अभिनय को एक आध्यात्मिक अनुभव बना दिया। 🙏
Harsh Bhatt
इन दिनों लोग फिल्मों में बस लाइक्स के लिए अभिनय करते हैं... दिल्ली गणेश तो अपनी आत्मा को फिल्मों में दे देते थे। वो एक जिंदगी थे, एक अभिनेता नहीं।
dinesh singare
अगर तुम्हें लगता है कि ये बस एक अभिनेता था तो तुम गलत हो। वो एक जादूगर थे जिन्होंने अपनी आँखों से दर्शकों के दिलों को छू लिया। उनकी मौत से तमिल सिनेमा ने अपना दिल खो दिया।
Priyanjit Ghosh
दिल्ली गणेश ने कमल हासन के साथ काम किया और फिर भी अपनी पहचान बनाई... ये तो बहुत बड़ी बात है! 😎❤️