भाई‑बहनों, हर साल बजट के साथ हमारे जेब में कितना पैसा रहेगा या जाएगा, ये सब चर्चा का मुद्दा बनता है। इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं जो आम आदमी की जिंदगी पर सीधे असर डालेंगे। चलिए बिना झंझट के देखते हैं कि कौन‑से बदलाव आए हैं और उनका मतलब क्या है।
सबसे पहले बात करते हैं उन प्रमुख चीज़ों की जो इस बजट में सामने आईं। आयकर स्लैब में थोड़ी कमी की गई, जिससे मध्यम वर्ग को थोड़ा राहत मिलेगी। साथ ही छोटे व्यवसायियों और स्टार्ट‑अप्स के लिए टैक्स छूट बढ़ाई गई, ताकि निवेश का माहौल बने। स्वास्थ्य क्षेत्र में 2.5 ट्रिलियन रुपये अलग रखे गए हैं, जिसका लक्ष्य ग्रामीण अस्पतालों की सुविधाओं को अपग्रेड करना है। कृषि सेक्टर में सस्ते कर्ज़ और बीमा योजना को विस्तार दिया गया, जिससे किसानों को मौसम‑से जुड़ी अनिश्चितता से बचाव हो सके।
अब सवाल ये उठता है कि इन कदमों का वास्तविक असर कब दिखेगा? अगर टैक्स छूट सही तरह लागू हुई तो छोटे उद्यमी नई नौकरियां बना पाएँगे, और आय में बढ़ोतरी होगी। स्वास्थ्य बजट से गांव‑गांव तक डॉक्टर की उपलब्धता बेहतर हो सकती है, पर इसके लिए राज्य सरकारों के सहयोग की जरूरत पड़ेगी। कृषि में सुधार तभी काम करेगा जब बैंकों का कर्ज़ वितरण समय पर हो और बीमा प्रक्रिया आसान बने।
एक बात तो तय है कि निर्मला सीतारमण ने इस बजट को ‘विकास‑केन्द्रित’ कहा है, इसलिए हर योजना के पीछे आर्थिक बढ़ोतरी की ध्वनि है। लेकिन विकास तभी सच्चा होगा जब आम लोग समझें कि इन नीतियों का फायदा उन्हें कैसे मिलेगा। इसलिए अपने अधिकारों और नई स्कीमों के बारे में जानकारी रखें, ताकि आप भी इस बजट से जुड़ सकें।
अंत में यही कहूँगा—बजट सिर्फ कागज़ पर नहीं रहता, यह आपके रोज़मर्रा की जिंदगी को प्रभावित करता है। अगर आप सही समय पर योजना का लाभ उठाएँ तो आर्थिक सुरक्षा और विकास दोनों हाथों में रख सकते हैं। निर्मला सीतारमण का 2025 बजट इस दिशा में एक कदम है, बस इसे समझना आपका काम है।
बजट 2024 में लंबे समय के पूंजीगत लाभ (LTCG) टैक्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है। हालांकि, छूट की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी गई है। इससे करदाताओं को बचत का मौका मिलेगा। यह बदलाव निम्न और मध्यम आय वर्ग के समर्थन के लिए है।
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