शुभ मुहूर्त – आपके जीवन के खास पलों का सही समय

जब हम किसी नए काम की शुरुआत करते हैं, तो अक्सर पूछते हैं ‘क्या इस दिन शुभ है?’ यही सवाल हर भारतीय के दिमाग में चलता रहता है। शुभ मुहूरत टैग पर आपको वही जवाब मिलेगा – वो क्षण जब ग्रह‑ग्रन्थियों का असर सबसे अच्छा होता है और सफलता की संभावना बढ़ जाती है। यहाँ हम सरल भाषा में बताएँगे कि कैसे आप रोज़मर्रा के काम, शादी या व्यवसायिक लांच को सही समय से शुरू कर सकते हैं.

शुभ मुहूरत कैसे चुनें?

पहला कदम है अपना जन्म कुंडली या कम से कम सूर्य‑चंद्र तालिका देखना। यदि आपके पास पूरी कुंडली नहीं है, तो भी पंचांग की जानकारी काफी मददगार रहती है। मुख्य बात यह है कि ‘दुर्भाग्य’ वाले नक्षत्रों और ग्रहों को हटाएँ और ‘फले‑फलावती’ नक्षत्रों को अपनाएँ। उदाहरण के तौर पर मंगल का प्रभाव जब आपके चार्ट में ‘शुभ’ घर में हो तो नए प्रोजेक्ट या शादी के लिए आदर्श माना जाता है। आप ऑनलाइन पंचांग calculators या हमारे साइट के “ज्योतिष” सेक्शन से ताज़ा डेटा ले सकते हैं, जिससे कोई भी निर्णय जल्दी और भरोसेमंद बनता है.

मुख्य त्यौहारों के प्रमुख मुहूरत

हर साल हिन्दू कैलेंडर में कई बड़े त्यौहार आते हैं – दीपावली, होली, व्रत‑विवाह आदि। इन दिनों के लिए विशेष ‘मुहूरत’ तय किए जाते हैं ताकि घर में शांति और समृद्धि बनी रहे. जैसे कि दीपावली की रात्रि में अग्निकुंड का समय, या होली के पहले दिन दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक का ‘लौकिक’ काल। इन मौकों पर यदि आप कोई नई योजना शुरू करते हैं तो सफलता की संभावना बहुत बढ़ जाती है. हमारे टैग में आपको हर त्यौहार के लिए सटीक समय‑समय की जानकारी मिलेगी, जिससे आप अपने परिवार और दोस्तों को सही सलाह दे सकेंगे.

सिर्फ बड़े इवेंट्स ही नहीं, रोज़मर्रा की छोटी-छोटी चीजें भी ‘शुभ मुहूरत’ से फायदा उठा सकती हैं। नौकरी के इंटरव्यू, परीक्षा का रजिस्ट्रेशन या घर में नई बिजली कनेक्शन – इन सबके लिए एक छोटा‑सा समय अंतराल बड़ा फर्क डाल सकता है. हमारे लेखों में अक्सर ऐसे छोटे‑छोटे टिप्स होते हैं: “सुबह 9‑10 बजे का समय मंगल के साथ सबसे अनुकूल” या “शुक्रवार को दोपहर से पहले किसी भी दस्तावेज़ पर साइन करने से लाभ मिलता है”. ये सब व्यावहारिक उदाहरण आपके दिन-प्रतिदिन के निर्णयों में मदद करेंगे.

अंत में, याद रखिए कि ‘शुभ मुहूरत’ सिर्फ एक समय नहीं, बल्कि मन की शांति और सकारात्मक ऊर्जा का भी संकेत है. जब आप सही क्षण चुनते हैं, तो आपका विश्वास भी बढ़ता है और काम आसान हो जाता है. इस टैग पेज पर रोज़ नई अपडेट्स मिलती रहेंगी – चाहे वह नया ग्रह‑स्थिति विश्लेषण हो या किसी विशेष त्यौहार की विस्तृत मुहूरत तालिका. तो अगली बार जब आप कोई बड़ा कदम उठाने वाले हों, पहले यहाँ चेक कर लें और अपने जीवन को एक सकारात्मक दिशा दें.

विश्वकर्मा पूजा 2024: तारीख, समय, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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विश्वकर्मा पूजा, जिसे विश्वकर्मा जयंती या विश्वकर्मा दिवस भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। यह त्योहार विश्व के दिव्य वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। 2024 में यह पूजा 16 सितंबर को मनाई जाएगी, हालांकि 17 सितंबर को भी कुछ लोग इसे मनाते हैं। इस दिन लोग अपने वाहनों, मशीनों, औजारों और अन्य उपकरणों की पूजा करते हैं।

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