सेमीफाइनल, एक टूर्नामेंट का वो अंतिम चरण होता है जिसके बाद सिर्फ दो टीमें बचती हैं और फाइनल के लिए लड़ती हैं. यह एक ऐसा मौका होता है जहाँ एक गलती भी खेल बर्बाद कर सकती है, और एक बेहतरीन प्रदर्शन पूरी टीम को इतिहास में दर्ज कर देता है. भारत में जब भी सेमीफाइनल की बात आती है, तो लोग टीवी के सामने जम जाते हैं—चाहे वो क्रिकेट हो या कबड्डी।
क्रिकेट, एक ऐसा खेल है जहाँ सेमीफाइनल का मैच दिल की धड़कन बढ़ा देता है। एशिया कप 2025 में पाकिस्तान ने बांग्लादेश को 11 रनों से हराकर सेमीफाइनल जीता और भारत के सामने आ गया। वहीं, ICC महिला विश्व कप में भारत ने पाकिस्तान को 88 रनों से हराकर फाइनल का रास्ता खोला। ये मैच सिर्फ स्कोरबोर्ड नहीं, बल्कि देश के दिलों पर छाप छोड़ जाते हैं।
प्रो कबड्डी, एक ऐसा खेल है जहाँ सेमीफाइनल में एक राइड भी इतिहास बना सकता है। जयपुर पिंक पैंथर्स ने टाइटन्स को 41-28 से हराकर फाइनल का टिकट जीता। नियरज नारवाल की सुपर 10 और अर्जुन देसवाल का 1,100 राइड पॉइंट्स का माइलस्टोन इस जीत का दिल था। यहाँ कोई बड़ा नाम नहीं, बल्कि बेहतरीन खेल बनता है।
सेमीफाइनल में कोई भी टीम आराम से नहीं खेलती। यहाँ टॉस की गलती भी फाइनल का रास्ता बंद कर सकती है, जैसा ICC महिला विश्व कप में हुआ। यहाँ कोई टिप्पणीकार का गलत शब्द भी विवाद बन जाता है, जैसे सना मीर ने बांग्लादेश-पाकिस्तान मैच में कहा था। और फिर भी, इसी तनाव में नश्रा सांधु ने 6 विकेट लेकर पाकिस्तान को सफेद धुलाई से बचाया।
ये सभी मैच—चाहे क्रिकेट हो या कबड्डी—एक ही सच बताते हैं: सेमीफाइनल कोई साधारण मुकाबला नहीं होता। यह वो पल होता है जहाँ खिलाड़ी अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा दांव लगाते हैं। आपके सामने वो खबरें हैं जिन्होंने इसी तरह के दबाव में इतिहास रचा। जिनमें जीत का ताज नहीं, बल्कि अपने खेल के प्रति लगन का बेहतरीन प्रमाण है।
बारिश‑से‑बाधित मैच में भारत महिला टीम ने 53 रनों से जीत कर 2025 विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में जगह पक्की की, Smriti Mandhana और Pratika Rawal की शतक साझेदारी ने बनाया इतिहास।
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