जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रूस की यात्रा की, तो भारत‑रूस के रिश्ते फिर से चर्चा में आए। इस दौरे का मुख्य मकसद ऊर्जा, रक्षा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में समझौते पक्के करना था। दो दिन की मुलाकातों में कई हाई‑लेवल बातचीत हुईं, जिससे दोनों देशों को नई उम्मीदें मिलीं। अगर आप जानना चाहते हैं कि कौन‑से प्रोजेक्ट्स आगे बढ़ेंगे, तो नीचे पढ़िए.
मोदी जी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कई दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए। सबसे बड़ा सौदा ऊर्जा क्षेत्र में था – भारत को रूस के एटीएस‑1 बायोफ्यूल टैंकर, गैस पाइपलाइन और सौर प्रौद्योगिकी का एक्सेस मिला। रक्षा सहयोग भी तेज हुआ; दो साल में पाँच मिलियन डॉलर की वैरिएंट हथियार प्रणाली और ड्रोन्स खरीदे जाने की सम्भावना है। व्यापार के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) स्थापित करने की योजना बनायी गयी, जिससे दोनों देशों के छोटे‑बड़े उद्यमियों को नई बाजार मिल सकेगी.
रोज़गार से लेकर तकनीकी सहयोग तक इस यात्रा ने कई लाभ दिखाए हैं। ऊर्जा कीमतों में स्थिरता आएगी, जिससे आम लोग गैस और बिजली के बिल पर राहत महसूस करेंगे. रक्षा समझौतों से भारत की सुरक्षा क्षमता मजबूत होगी, खासकर सीमाओं के किनारे. व्यापारिक पहलें छोटे व्यवसायियों को नई निर्यात‑आयात अवसर देंगी, जबकि स्टार्ट‑अप्स को रूसी टेक्नोलॉजी का समर्थन मिलेगा.
परंतु इस दौरे में कुछ सवाल भी उठे – जैसे अमेरिकी-रूसी तनाव के बीच भारत कैसे संतुलन बनाये रखेगा? विशेषज्ञ कहते हैं कि मोदी जी ने अपनी नीति में ‘मुक्त विकल्प’ की राह चुनी है, जिससे भारत किसी एक ब्लॉक पर निर्भर नहीं रहेगा. यही कारण है कि इस यात्रा को रणनीतिक समझा गया.
भविष्य के लिए अब बात ये है कि इन समझौतों को जमीन पर कैसे उतारा जाए। दोनों देशों ने कार्यकारी समितियों की स्थापना का फैसला किया, जो हर छः महीने में मिलेंगी और प्रगति की जाँच करेंगी. यदि आप व्यवसायी हैं या निवेशक, तो इस समय सही कदम उठाकर लाभ उठा सकते हैं.
संक्षेप में, पीएम मोदी का रूस दौरा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाओं का द्वार खोलता है. आप भी इन बदलावों को ध्यान में रखकर अपने फैसले ले सकते हैं – चाहे वह करियर की बात हो या निवेश की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कज़ान शहर में ब्रिक्स समिट 2024 के लिए पहुँचे हैं। यह सम्मेलन रूस द्वारा आयोजित किया जा रहा है और इस बार ब्रिक्स में नए सदस्यों की भागीदारी देखी जाएगी। सम्मेलन में वैश्विक सुरक्षा और विकास पर ध्यान दिया जाएगा। मोदी सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय वार्ताएँ करेंगे, जिसमें प्रमुखता से आर्थिक विकास और वैश्विक शासन ढांचे की सुधारों पर चर्चा होगी।
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