ब्रिक्स समिट 2024: पीएम मोदी का रूस दौरा, प्रमुख मुद्दे और द्विपक्षीय वार्ताएँ

ब्रिक्स समिट 2024: पीएम मोदी का रूस दौरा, प्रमुख मुद्दे और द्विपक्षीय वार्ताएँ

ब्रिक्स समिट 2024: कज़ान में पीएम मोदी का पहुंचना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कज़ान पहुंचे हैं, जहाँ वे 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह सम्मेलन 22 से 24 अक्टूबर, 2024 के बीच आयोजित हो रहा है। रूस की अध्यक्षता में हो रहे इस सम्मेलन का खास महत्व है, क्योंकि इसमें नए सदस्यों जैसे इजिप्ट, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात की भी भागीदारी होगी। यह पहला अवसर है जब ब्रिक्स के नए विस्तारित सदस्य इस समूह के अधिवेशन में हिस्सा ले रहे हैं। यह सम्मेलन उभरती आर्थिक शक्तियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

प्रमुख मुद्दे और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

इस सम्मेलन का एक प्रमुख मुद्दा है रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का प्रस्ताव, जिसमें उन्होंने ब्रिक्स के अंतर्गत एक नई भुगतान प्रणाली स्थापित करने की बात कही है, जो SWIFT का प्रतिद्वंद्वी हो सके। SWIFT से 2022 में रूस को अलग कर दिया गया था। इसके माध्यम से रूस वैश्विक वित्तीय नेटवर्क में खुद को पुनः जोड़ने की कोशिश कर रहा है। इसके अलावा, पश्चिम एशिया की बदलती स्थिति एक अन्य महत्वपूर्ण चर्चा का विषय होगी। यह सम्मेलन इसी थीम पर ध्यान केंद्रित कर रहा है कि कैसे वैश्विक विकास और सुरक्षा को सुदृढ़ किया जा सकता है।

द्विपक्षीय वार्ताओं का महत्व

सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ताओं में भी शामिल होंगे, जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल हैं। इन वार्ताओं का प्रमुख लक्ष्य होगा पिछली मुलाकातों में तय की गई पहलों का मूल्यांकन करना और भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा तैयार करना। इस तरह की द्विपक्षीय बैठकें यह सुनिश्चित करती हैं कि सदस्य देश आर्थिक विकास और वैश्विक शासन ढाँचे में सुधार के प्रति अपने योगदान को सुदृढ़ कर सकें।

ब्रिक्स और वैश्विक राजनीति

ब्रिक्स समिट को अन्य सदस्य देशों द्वारा एक बड़े प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें गैर-पश्चिमी शक्तियाँ अपने प्रभाव को प्रदर्शित करना चाहती हैं। भारत का इनमें विशेष योगदान रहा है और उसने इसे विभिन्न क्षेत्रों में समूह की पहलों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण माना है। जैसा कि विदेशी सचिव विक्रम मिश्रि ने कहा, भारत की भूमिका आर्थिक बढ़ोतरी और सतत विकास में बहुमूल्य रही है। साथ ही, वैश्विक शासन ढाँचे में सुधार लाने की दिशा में पहल की है।

नए सदस्य और अंतरराष्ट्रीय संबंध

इस सम्मेलन में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन और फिलिस्तीन के नेता महमूद अब्बास के भी शामिल होने की संभावना है। पश्चिम एशिया में जारी तनाव, खासकर गाजा विवाद और ईरान-इजरायल संबंधों पर चर्चा अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर प्रमुखता से रहेगी। इसमें चीनी दृष्टिकोण से देखा जाए तो ब्रिक्स नई शुरुआत के कगार पर है, जिसमें सहयोग को बढ़ाने की नई दिशाएँ तलाशी जा रही हैं। इस पहल के तहत आत्मनिर्भरता और सहयोग पर जोर दिए जाने की संभावना है।

रूस की भूमिका और वैश्विक सहयोग

सम्मेलन में रूस ने एक मुख्य भूमिका निभाई है, जहाँ से महाशक्तियों के बीच एक नई सामरिक दृष्टिकोण को जन्म दिया जा रहा है। व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, ब्रिक्स को एक संभावित भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं देखा जा रहा है, बल्कि एक ऐसा मंच माना जा रहा है, जिसमें सहयोग से नई संभावनाएँ तलाशने का प्रयास किया जा सकता है।

इस प्रकार, ब्रिक्स समिट 2024 एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है जो वैश्विक राजनीति को एक नई दिशा में ले जा सकता है। यह विभिन्न आर्थिक सहयोग हेतु नई संभावनाओं का द्वार खोल सकता है और वैश्विक स्तर पर संतुलन स्थापित करने का प्रयास कर सकता है। ऐसे में, अपेक्षा की जा रही है कि यह शिखर सम्मेलन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक नई उर्जा और संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत करेगा।

टिप्पणि

  • Sitara Nair
    Sitara Nair

    ये ब्रिक्स समिट तो अब सिर्फ एक मीटिंग नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है! 🌍✨ पहले तो सिर्फ ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका-अब इजिप्ट, ईरान, UAE, इथियोपिया... ये सब एक साथ आ गए हैं! SWIFT के बिना भी दुनिया चल सकती है, और अब ये साबित हो रहा है। मैं तो बस यही उम्मीद करती हूँ कि ये सब वाकई लोकतंत्र, विकास और समानता की ओर बढ़े। ❤️🇮🇳

  • Abhishek Abhishek
    Abhishek Abhishek

    अरे ये सब बकवास है। SWIFT के बिना भुगतान? कौन भरेगा इसकी लागत? ये सब तो बस एक नए बुलशिट का नाम है। भारत क्यों इसमें उलझ रहा है? अपनी अर्थव्यवस्था सुधारो पहले।

  • Avinash Shukla
    Avinash Shukla

    मुझे लगता है कि ये ब्रिक्स का विस्तार बहुत समझदारी से हुआ है। जब दुनिया एक तरफ से बंद कर रही है, तो दूसरी तरफ खुल रही है। ईरान और इथियोपिया का शामिल होना... ये तो असली बहुलवाद की बात है। भारत ने इसे एक अवसर के रूप में देखा है, न कि एक खतरे के रूप में। 🤝

  • Harsh Bhatt
    Harsh Bhatt

    अरे भाई, ये ब्रिक्स तो बस एक बड़ा गैंग है जो अपने आप को विश्व व्यवस्था का दूसरा ध्रुव बनाना चाहता है। पुतिन के लिए ये एक राजनीतिक बचाव है, चीन के लिए एक आर्थिक विस्तार, और भारत के लिए... एक अच्छा फोटो ऑप्शन। लेकिन दरअसल? ये सब अपने अपने फायदे के लिए खेल रहे हैं। वैश्विक शासन में सुधार? बस शब्दों का खेल। 🤨

  • dinesh singare
    dinesh singare

    ये ब्रिक्स वाले लोग तो सोचते हैं कि वो दुनिया को बदल देंगे। लेकिन देखो तो बस एक फेसबुक ग्रुप जैसा है! जब तक भारत अपने घर की चीज़ें सुधारे, तब तक दूसरों के घर का रंग बदलने की कोशिश करना बेकार है। अगर हमारे बाजार में फर्जी दवाएं नहीं बिक रहीं, तो इस ब्रिक्स की जरूरत क्या है? 🤦‍♂️

  • Priyanjit Ghosh
    Priyanjit Ghosh

    अरे यार, इतना बड़ा इवेंट है और तुम सब इसे नकार रहे हो? ये तो दुनिया का अगला चैप्टर है! अगर तुम्हारे पास एक नया बैंकिंग सिस्टम है, तो उसे फेल न करो! हमारे बच्चे इसी दुनिया में बड़े होंगे। इस ब्रिक्स को एक नया अवसर मानो, न कि एक खतरा। 💪🌍

  • Hiru Samanto
    Hiru Samanto

    मैंने इस ब्रिक्स के बारे में थोड़ा रिसर्च किया और लगता है ये वाकई एक बड़ा मोमेंट है। रूस के साथ भारत का संबंध तो पुराना है, लेकिन अब इसमें नए देश भी शामिल हो रहे हैं। ये तो एक नए दुनिया की नींव है। मैं बस यही चाहता हूँ कि ये सब शांति और समृद्धि के लिए हो। 🙏

  • Divya Anish
    Divya Anish

    प्रधानमंत्री श्री मोदी की इस यात्रा का अत्यंत महत्वपूर्ण उद्देश्य है कि भारत की आर्थिक स्वतंत्रता और वैश्विक सहयोग के लिए एक स्थिर आधार बनाया जाए। इस सम्मेलन के माध्यम से भारत ने अपने विकास के लिए एक व्यापक रणनीति को आगे बढ़ाया है, जिसमें स्थायी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। यह एक ऐतिहासिक अवसर है जिसे अत्यधिक गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

  • md najmuddin
    md najmuddin

    मुझे लगता है कि भारत की भूमिका बहुत अच्छी रही है। हमने कभी किसी देश के साथ जुड़ने के लिए नहीं कहा, बल्कि एक नए तरीके से जुड़ने के लिए कहा है। ये ब्रिक्स तो एक ऐसा मंच है जहाँ हम अपनी आवाज़ उठा सकते हैं। और ये बहुत अच्छी बात है। 🌱

  • Ravi Gurung
    Ravi Gurung

    सच बताऊँ तो मुझे इस बारे में ज्यादा नहीं पता लेकिन जो भी हो रहा है, वो बहुत बड़ा है। जब तक हम अपने देश के बारे में सोचते हैं, तब तक दुनिया बदल रही है। अगर हम इसमें शामिल हो गए, तो अच्छा ही है।

  • SANJAY SARKAR
    SANJAY SARKAR

    SWIFT के बिना भुगतान? ये तो बहुत जमकर फेक न्यूज़ है। कौन बनाएगा ये नया सिस्टम? और कौन उसका इस्तेमाल करेगा? बस इतना ही नहीं, ब्रिक्स तो पहले से ही एक बड़ा फेक है।

  • Ankit gurawaria
    Ankit gurawaria

    देखो यार, ये ब्रिक्स तो एक नए दुनिया की रचना है। जब अमेरिका और यूरोप अपने आप को एकमात्र नियम बना रहे थे, तो दूसरी दुनिया ने अपना रास्ता बनाया। भारत ने इसमें अपना योगदान दिया है, और ये बहुत बड़ी बात है। हमने अपने अपने बाजार को बचाया, अपने विकास को बढ़ाया, और अब दुनिया के साथ एक नए तरीके से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ये तो बस एक अच्छा शुरुआत है। अगर हम इसे गलत तरीके से नहीं लेंगे, तो ये हमारे बच्चों के लिए एक नया भविष्य बन सकता है।

  • AnKur SinGh
    AnKur SinGh

    इस ब्रिक्स समिट का असली महत्व यह है कि यह एक वैश्विक शासन ढांचे के अंतर्गत एक समान आर्थिक विकास के लिए एक नया आधार बना रहा है। भारत की भूमिका यहाँ अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम एक ऐसे देश हैं जो न केवल अपने आंतरिक विकास को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि विकासशील देशों के लिए एक आदर्श भी बन रहा है। ब्रिक्स का विस्तार न केवल आर्थिक, बल्कि राजनीतिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी एक नया आयाम जोड़ रहा है। यह एक ऐसा अवसर है जिसे हमें जागरूकता और दूरदर्शिता के साथ उठाना चाहिए।

  • Sanjay Gupta
    Sanjay Gupta

    ब्रिक्स? ये तो बस एक बड़ा भारतीय फैंटेसी है। जब तक हमारे घरों में बिजली नहीं आती, तब तक दुनिया को बदलने की कोशिश करना बेकार है। ये सब बस एक शो है। और जो इसे अच्छा बता रहे हैं, वो या तो गुलाम हैं या फिर बहुत ज्यादा बातें सुन चुके हैं।

  • Kunal Mishra
    Kunal Mishra

    ये ब्रिक्स का विस्तार एक वैश्विक राजनीतिक अपराध है। ये सब लोग एक नए अक्ष की नींव रख रहे हैं-एक ऐसे अक्ष की जिसमें लोकतंत्र, मानवाधिकार, और स्वतंत्रता का कोई स्थान नहीं है। भारत को इस नए बुलशिट में शामिल होना चाहिए था? नहीं। यह एक ऐतिहासिक गलती है।

  • Ron DeRegules
    Ron DeRegules

    ब्रिक्स वाला नया भुगतान प्रणाली अभी तक बहुत धुंधला है। लेकिन एक बात स्पष्ट है-ये एक वैकल्पिक रास्ता है। जब दुनिया का एक हिस्सा बंद कर दे, तो दूसरा हिस्सा खुल जाता है। भारत ने इसे एक अवसर के रूप में देखा है। अगर हम इसे सही तरीके से इस्तेमाल करें, तो ये हमारे लिए एक बड़ी जीत हो सकती है।

  • Manasi Tamboli
    Manasi Tamboli

    क्या तुमने कभी सोचा है कि ये सब ब्रिक्स वाली बातें... असल में हमारे दिलों की खालीपन को भरने के लिए हैं? हम इतने छोटे हैं, इतने अकेले... तो अब हम दुनिया को बदलने का नाटक कर रहे हैं। ये तो बस एक भावनात्मक भाग लेने का तरीका है।

  • Ashish Shrestha
    Ashish Shrestha

    ये ब्रिक्स एक नया विश्व व्यवस्था नहीं, बल्कि एक नया भ्रम है। जब तक भारत के बाजार में गुणवत्ता नहीं आएगी, तब तक ये सब बकवास है।

  • Sitara Nair
    Sitara Nair

    अरे ये ब्रिक्स के बारे में जो लोग नकार रहे हैं... उन्हें बस याद रखना चाहिए कि जब भारत ने अपने आप को दुनिया के लिए खोला, तो क्या वो तुरंत सफल हुआ? नहीं। लेकिन आज हम एक अलग दुनिया में हैं। ये ब्रिक्स भी ऐसा ही है। इसे देखो, इसे समझो, और फिर जुड़ो। ❤️🌍

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