ओपल ली – ज्यूनेट्ठ के चेयरमैन और इतिहासकार
आपने कभी सोचा है कि ज्यूनेट्थ जैसे महत्वपूर्ण दिन को राष्ट्रीय छुट्टी बनाने में कौन‑सी कोशिशें छिपी हैं? उत्तर बहुत सरल है – ओपल ली ने अपनी ज़िन्दगी को इस कारण के लिए समर्पित किया। उनकी कहानी पढ़कर आप समझेंगे कि एक व्यक्ति कैसे बड़े बदलाव का हिस्सा बन सकता है, चाहे वह उम्र या संसाधन की कमी से घिरा हो.
ओपल ली की शुरुआती जीवन और प्रेरणा
ओपल ली 1948 में न्यूयॉर्क के ब्रुकलीन में जन्मे थे। बचपन में उन्होंने कई बार नस्लीय भेदभाव देखा, जिससे उनका दिल हमेशा सामाजिक न्याय की आवाज़ से धड़कता रहा। कॉलेज में इतिहास पढ़ते‑समय उन्हें अफ्रीकी अमेरिकी संघर्षों का गहरा ज्ञान मिला और वह तय किया कि वे भी इस कहानी को आगे बढ़ाएंगे। उनकी माँ ने अक्सर कहा था, "इतिहास वही बनाता है जो इसे याद रखे" – यही बात उन्होंने अपने काम में उतारी.
ज्यूनेट्थ आंदोलन में ओपल ली की भूमिका
1990 के दशक में ज्यूनेट्ठ केवल एक छोटा‑सा स्मरण दिवस था, लेकिन ओपल ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का मिशन लिया। उन्होंने हर साल 19 जून को वॉशिंगटन डी.सी. में मार्च करवाया और राष्ट्रपति से औपचारिक मान्यता की माँग की। उनकी सबसे प्रसिद्ध पहल थी "फ्लैश माइग्रेशन" – लोग ज्यूनेट्ठ के दिन टहलते थे, जैसे वह स्वयं 1998 में 2,500 मील चलकर सिंगापुर तक गए थे. इस यात्रा ने मीडिया का ध्यान खींचा और अंततः 2021 में राष्ट्रपति बाइडेन ने इसे आधिकारिक अवकाश बना दिया.
ओपल की रणनीति बहुत सरल थी – हर कदम पर लोगों को भागीदारी के लिए आमंत्रित करना। उन्होंने स्कूलों, विश्वविद्यालयों और स्थानीय समुदायों से सहयोग माँगा, जिससे युवा वर्ग भी इस आंदोलन में जुड़ गया। उनके पास कोई बड़ा बजट नहीं था, लेकिन सोशल मीडिया का उपयोग करके वे लाखों तक पहुँचे.
आज ज्यूनेट्थ सिर्फ एक छुट्टी नहीं, बल्कि अमेरिकी इतिहास की सच्चाई को याद रखने वाला दिन है। ओपल ली के कारण अब स्कूल में इस घटना पर चर्चा होती है, टेलीविजन पर विशेष कार्यक्रम आते हैं और कई राज्य ने इसे सार्वजनिक स्कूलों में पढ़ाया जाता है. उनका काम यह दिखाता है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और लगातार प्रयास से बड़े बदलाव संभव होते हैं.
अगर आप भी ओपल ली की तरह सामाजिक परिवर्तन चाहते हैं तो छोटे‑छोटे कदम शुरू कर सकते हैं। अपने पड़ोस में ज्यूनेट्थ के बारे में जानकारी बाँटें, स्थानीय लाइब्रेरी में किताबें रखें या सोशल मीडिया पर सही तथ्य पोस्ट करें. याद रखिए, एक व्यक्ति का उत्साह पूरे समाज को प्रेरित कर सकता है.
जुनटीन्थ: सच्ची स्वतंत्रता का उत्सव और अमेरिकी इतिहास का प्रतीक
- जून, 19 2024
- sujatha devaru
- 9 टिप्पणि
जुनटीन्थ की चौथी वर्षगांठ, जब इसे संघीय अवकाश के रूप में मान्यता दी गई, चट्टल गुलामी के अंत का प्रतीक है। यह लेख ओपल ली द्वारा की गई प्रयासों और विभिन्न समुदायों द्वारा उत्सव के तरीकों को रेखांकित करता है, जिससे यह अवकाश पूरे अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण बन गया है।