जुनटीन्थ, जिसे 19 जून के नाम से भी जाना जाता है, संयुक्त राज्य अमेरिका में चट्टल गुलामी के अंत का प्रतीक है। 1865 में, इसी दिन टेक्सास के गैल्वेस्टन में गुलामों को स्वतंत्रता की सूचना मिली थी। यह घटना गृहयुद्ध के दो साल बाद आई थी जब राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने 'मुक्ति उद्घोषणा' पारित की थी। इसलिए, जुनटीन्थ ने एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में इतिहास की पुस्तकों में जगह बनाई।
हालांकि यह तारीख लंबे समय से कुछ समुदायों द्वारा मनाई जा रही थी, 2021 में इसे संघीय अवकाश के रूप में मान्यता दी गई। यह अमेरिकी समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसे ओपल ली जैसे कार्यकर्ताओं की लंबी लड़ाई के बाद पूरा किया गया। ओपल ली, जिन्हें 'जुनटीन्थ की दादी' के रूप में जाना जाता है, ने पूरी जिंदगी इस अवकाश की व्यापक मान्यता के लिए समर्पित की।
ओपल ली के प्रयास बेहद प्रेरणादायक रहे हैं। उन्होंने जुनटीन्थ की मान्यता के लिए हजारों मील की यात्रा की, लोगों से मिले और इस दिन की महत्वपूर्णता को समझाने के लिए काम किया। उनके लगातार प्रयासों का अंततः परिणामस्वरूप, 2021 में जुनटीन्थ संघीय अवकाश बना। उन्हें सम्मान में इस वर्ष एक नया घर प्रदान किया गया, जो उसी भूमि पर बना है जहां उनका परिवार 1939 में अपने घर को खो चुका था।
इस वर्ष, देश भर के विभिन्न हिस्सों में जुनटीन्थ के उत्सव हो रहे हैं। गैल्वेस्टन, टेक्सास में, जहां यह अवकाश उत्पन्न हुआ था, परिवार इस दिन को पीढ़ियों से मना रहे हैं। वहां के स्थानीय लोग इस ऐतिहासिक स्थल का दौरा करते हैं और विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
एथेंस, जॉर्जिया में इस वर्ष पहली बार मिस जुनटीन्थ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें कई युवतियों ने भाग लिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। यह प्रतियोगिता स्थानीय समुदाय के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी।
बोस्टन की कवियत्री लौरेट, पोर्शा ओलायोवाला, ने इस दिन को oppression और स्वतंत्रता दोनों का प्रतीक बताते हुए एक कविता प्रस्तुत की। उन्होंने लोगों को याद दिलाया कि यह दिन उत्सव के साथ-साथ एक अनुस्मारक भी है कि आज भी समाज में असमानता और अन्याय मौजूद हैं। उन्होंने इस अवसर पर सरकारी तंत्र और समाज के विभिन्न वर्गों से अपील की कि वे सभी नागरिकों के लिए सच्ची स्वतंत्रता सुनिश्चित करें।
इस प्रकार, जुनटीन्थ का यह उत्सव सिर्फ एक छुट्टी नहीं है, बल्कि यह क्षण सच्ची स्वतंत्रता और समानता की ओर एक कदम है। यह दिन हमें उन संघर्षों की याद दिलाता है, जो हमारे पूर्वजों ने सहन किए और हमें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। ओपल ली और अन्य कार्यकर्ताओं के प्रयासों का सम्मान करते हुए, हम सभी को इस दिन का महत्त्व समझना और इसे मर्यादा के साथ मनाना चाहिए।
जुनटीन्थ को धीरे-धीरे और व्यापक स्तर पर अपनाया जा रहा है। इस प्रक्रिया में, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इसके ऐतिहासिक महत्व को न भूलें। यह दिन सभी नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां वे अपने पूर्वजों के संघर्षों को याद करें और समाज में समानता और न्याय के लिए संकल्प लें।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि जुनटीन्थ केवल एक दिन का उत्सव नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे एक आन्दोलन के रूप में देखना चाहिए, जो हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता का मतलब सभी प्रकार की असमानताओं से मुक्ति है। हमें इस दिन को एक प्रेरणा के रूप में लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में अपनी भूमिका निभाएं।
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Rashmi Naik
जुनटीन्थ? अरे यार ये सब बकवास है। अमेरिका में गुलामी खत्म हुई तो भी अब भी ब्लैक लाइव्स मैटर क्यों? ये सब ट्रेंडिंग वाली नैरेटिव हैं। डेटा को देखो तो अमेरिका में अभी भी न्यूनतम वेतन वाले 70% लोग ब्लैक हैं। ये उत्सव बस एक डिस्ट्रैक्शन है।
Vishakha Shelar
ओपल ली की याद आ गई... रो रही हूँ😭 उनकी मेहनत ने दुनिया बदल दी... अब मैं भी इस दिन को मनाऊंगी... बस एक बार गैल्वेस्टन जाना है... ❤️
Ayush Sharma
यह घटना ऐतिहासिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। गृहयुद्ध के बाद दो साल तक लोगों को अनिवार्य रूप से गुलाम बनाए रखना एक अमानवीय अत्याचार था। ओपल ली के प्रयासों को अत्यधिक सम्मान के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए।
charan j
फिर से इतिहास का रिमाइंडर लोगों को याद दिलाने के लिए जब उन्हें अपने आप को अच्छा महसूस करना होता है
Kotni Sachin
यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है! लेकिन हमें इसे सिर्फ एक छुट्टी के रूप में नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी के रूप में लेना चाहिए! हर व्यक्ति को अपने आसपास के समुदाय में असमानता के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए! और हाँ, ओपल ली के लिए एक बहुत बड़ा धन्यवाद! वे एक असली हीरो हैं! और बोस्टन की कविता? वाह! वह बिल्कुल सही कह रही थी! यह दिन उत्सव है, लेकिन याद दिलाने का भी समय है!
Nathan Allano
मैंने इस दिन के बारे में पहली बार जाना था जब मैं अमेरिका गया था। असल में, यह बहुत भावनात्मक है। ओपल ली की कहानी ने मुझे रो दिया। यह दिन बस एक तारीख नहीं है, यह एक जीवन शैली का आह्वान है। अगर हम वाकई स्वतंत्रता चाहते हैं, तो हमें अपने अंदर के पूर्वाग्रहों को भी खत्म करना होगा। यह एक अवसर है कि हम सब एक दूसरे के लिए अधिक संवेदनशील बनें।
Guru s20
मैंने अपने दोस्त के साथ गैल्वेस्टन में जुनटीन्थ का उत्सव मनाया था। वहाँ एक बहुत बड़ा समुदाय था। बच्चे नाच रहे थे, बुजुर्ग गाने गा रहे थे। एक बूढ़ी औरत ने मुझे एक छोटा सा गिफ्ट दिया-एक लाल, पीला और हरा फूल। बोली, 'ये तुम्हारे लिए है, तुम भी इसे आगे बढ़ाओ।' अब मैं हर साल इसे याद करता हूँ।
Raj Kamal
अगर हम इस दिन को वास्तविक रूप से समझना चाहते हैं तो हमें इसके ऐतिहासिक संदर्भ को गहराई से समझना होगा, जैसे कि 1863 की मुक्ति उद्घोषणा के बाद भी गुलामी के अंत तक दो साल क्यों लगे, क्योंकि संघीय सरकार की शक्ति टेक्सास जैसे राज्यों में तब तक नहीं पहुँची जब तक यूनियन सेना वहाँ नहीं पहुँची, और इसीलिए जुनटीन्थ एक ऐतिहासिक बिंदु है जो अब तक अनदेखा रहा क्योंकि अमेरिकी शिक्षा प्रणाली ने इसे नजरअंदाज किया, और ओपल ली ने इसे वापस लाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा दी, जिसमें वह अकेले घूमकर लोगों को बताती रहीं, बिना किसी सहायता के, और इसी तरह यह एक ऐसा उदाहरण है जहाँ एक व्यक्ति के प्रयास ने राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव ला दिया, जो हमें यह भी सिखाता है कि बदलाव किसी बड़े आंदोलन की जरूरत नहीं, बल्कि एक निरंतर और दृढ़ संकल्प की जरूरत होती है, और इसीलिए आज भी जब हम इस दिन को मनाते हैं, तो हमें यह याद रखना चाहिए कि स्वतंत्रता का अर्थ सिर्फ अनुमति नहीं, बल्कि समानता और न्याय है, जिसे अभी भी पूरा नहीं किया गया है।
Rahul Raipurkar
स्वतंत्रता का अर्थ है बाहरी श्रेणी के बंधनों से मुक्ति। लेकिन जुनटीन्थ एक ऐसा दिन है जहाँ बाहरी मुक्ति के बाद भी आंतरिक दासता बनी रही। यह एक दर्शनिक विरोधाभास है। अमेरिका ने गुलामी को समाप्त किया, लेकिन उसके विरासत को नहीं। इसलिए यह उत्सव एक रूपक है-एक रूपक जो स्वतंत्रता के नाम पर असमानता को वैध बनाता है।