आपका पैसा काम करे, आप नहीं। कई लोग सोचते हैं कि बचत मतलब खर्च कम करना है, लेकिन असली बचत वो होती है जब आपका निवेश खुद ही आपको अतिरिक्त रिटर्न देता हो। इस लेख में मैं ऐसे व्यावहारिक कदम बताने वाला हूँ जो आपकी आय को ज्यादा से ज्यादा बचा कर सही जगह लगाएँगे और आपके पैसे की शक्ति दो गुना होगी।
सबसे पहले अपने महीने के सभी आय‑स्रोत लिखें – सैलरी, फ्रीलांस पेमेंट या किसी भी तरह का अतिरिक्त कमाई। फिर हर ख़र्च को श्रेणियों में बाँटें: किराया, खाने‑पीने, ट्रांसपोर्ट, मनोरंजन व बचत। यह कदम सिर्फ कागज़ी काम नहीं, बल्कि आपका पहला आँख खोलने वाला एक्सरसाइज़ है। एक बार जब आप देखेंगे कि कितना पैसा कहाँ जा रहा है, तो अनावश्यक खर्चों को काटना आसान हो जाएगा। उदाहरण के तौर पर, अगर आप हर दिन बाहर खाना खाते हैं, तो इसे घर से बनाकर ही बचत में जोड़ सकते हैं – महीनों में सैकड़ों रुपये की बचत संभव है।
बजट को एक ऐप या एक्सेल शीट में रखें और हफ्ते‑हफ्ते अपडेट करें। जब भी आपका खर्च योजना से बाहर जाए, तुरंत नोटिस लें और कारण समझें। इस तरह आप ‘खर्च का ट्रैकिंग’ की आदत डालते हैं जिससे बचत स्वाभाविक बनती है।
बचत के बाद अगला कदम सही जगह पैसा लगाना है। म्यूचुअल फंड, SIP (Systematic Investment Plan) और डीमैट अकाउंट में शेयरों को छोटा‑छोटा हिस्सा लेकर शुरू करना सबसे आसान तरीका है। अगर आप पहली बार निवेश कर रहे हैं, तो बड़े‑बाजार वाले ब्लू‑चिप स्टॉक्स की बजाय बैंको के डेब्ट फंड या एलीवेटेड रिटर्न वाला म्यूचुअल फंड चुनें। ये कम जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न देते हैं और आपके पैसे को सुरक्षित रखते हुए बढ़ाते हैं।
एक और अच्छा उपाय है कर‑बचत वाली योजनाएँ, जैसे कि PPF या ELSS। इनको साल में एक बार लगाना ही पर्याप्त रहता है, पर रिटर्न टैक्स फ्री मिलता है जिससे आपकी असली कमाई में इज़ाफ़ा होता है। साथ ही, अगर आपके पास कुछ बची हुई नकद राशि है तो उसे हाई‑इंट्रेस्ट सविंग अकाउंट या डिमांड डिपॉजिट में रखें – यह छोटे‑छोटे लिक्विडिटी की जरूरतों को पूरा करता है और बिना जोखिम के थोड़ा फायदा देता है।
निवेश पर बचत का सबसे बड़ा रहस्य है ‘डायरेक्ट डिपॉज़िट’ से बचना। कई बार लोग बैंक में जमा करके ही अपने पैसे को सुरक्षित समझते हैं, लेकिन इन्फ्लेशन की गति इसको जल्दी कम कर देती है। इसलिए, हर साल अपनी बचत के 30‑40% को निवेश में डालें और बाकी को आपातकालीन फंड के रूप में रखें। यह बैलेंस्ड एप्रोच आपको आर्थिक सुरक्षा भी देता है और भविष्य में बड़े लक्ष्य – घर, कार या रिटायरमेंट की ओर कदम बढ़ाने में मदद करता है।
अंत में, याद रखिए कि बचत कोई एक‑बार का काम नहीं, बल्कि रोज़मर्रा की आदत बननी चाहिए। छोटे-छोटे बदलाव जैसे लाइट बंद रखना, अनावश्यक सब्सक्रिप्शन कैंसल करना और सेल में सही समय पर खरीदारी करना आपके वित्तीय लक्ष्य को तेज़ी से हासिल कर सकते हैं। जब आप इन सभी टिप्स को एक साथ अपनाएँगे, तो ‘निवेश पर बचत’ का मतलब सिर्फ पैसे जमा करना नहीं, बल्कि हर रुपये को दोहरा लाभ देने वाला सिस्टम बनाना होगा। अभी शुरू करें और देखिए कैसे आपका वित्तीय भविष्य बदलता है।
बजट 2024 में लंबे समय के पूंजीगत लाभ (LTCG) टैक्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है। हालांकि, छूट की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दी गई है। इससे करदाताओं को बचत का मौका मिलेगा। यह बदलाव निम्न और मध्यम आय वर्ग के समर्थन के लिए है।
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