जब हम निफ्टी, भारत के 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों का औसत मूल्य दर्शाता है. Also known as Nifty 50, यह इंडेक्स भारतीय अर्थव्यवस्था की बेंचमार्क की तरह काम करता है। निफ्टी को समझना निवेशकों के लिए आधारभूत कदम है क्योंकि यह बाजार की गति, जोखिम प्रोफ़ाइल और निवेश रणनीति को सीधे प्रभावित करता है।
इसी संदर्भ में शेयर बाजार, सभी स्टॉक और डेरिवेटिव ट्रेडिंग का मंच है निफ्टी के साथ गहरी नज़दीकी रखता है। निफ्टी दर्शाता है शेयर बाजार में 50 प्रमुख कंपनियों का प्रदर्शन, इसलिए जब बाजार में उतार‑चढ़ाव होता है तो निफ्टी असल में एक चेतावनी संकेत देता है। इससे निवेशक तुरंत तय कर सकते हैं कि अपने पोर्टफ़ोलियो में बदलाव की जरूरत है या नहीं।
निवेश ( निवेश, लंबी अवधि में पूँजी बढ़ाने की रणनीति ) के फैसले अक्सर निफ्टी की गति से प्रेरित होते हैं। जब निफ्टी स्थिर या ऊपर की तरफ बढ़ता है, तो जोखिम‑भरे स्टॉक्स में डाल‑डाल निवेश करना आकर्षक लगता है; वहीं गिरावट में बचत‑उन्मुख निवेश विकल्पों की ओर रुकाव बढ़ता है। इसी तरह, बैंकिंग सेक्टर ( बैंकिंग सेक्टर, वित्तीय संस्थानों का समूह जो ऋण, जमा और भुगतान सेवाएं देता है ) का स्वास्थ्य निफ्टी को कई बार प्रभावित करता है, क्योंकि अधिकांश कंपनियों की वित्तीय स्थितियां बैंकों के ऋण और क्रेडिट सुलभता पर निर्भर करती हैं। इस कारण निफ्टी की स्थिरता सीधे आर्थिक संकेतकों जैसे GDP वृद्धि, उपभोक्ता खर्च और व्यावसायिक निवेश से जुड़ी होती है।
इन सभी कड़ियों को देखते हुए, निफ्टी, शेयर बाजार, निवेश और बैंकिंग सेक्टर आपस में एक जटिल लेकिन समझने योग्य नेटवर्क बनाते हैं। आप जब इस पेज पर नीचे स्क्रॉल करेंगे, तो निफ्टी से संबंधित ताज़ा ख़बरें, विश्लेषण और बाजार प्रवृत्तियों की विस्तृत सूची पाएंगे, जो आपके अगले निवेश निर्णय को सशक्त बना सकती है।
संयुक्त राज्य के 100% औषधि टैरिफ की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार ने सातवें लगातार गिरते हुए सत्रों को दर्ज किया। सेंसेक्स 80,426 पर बंद, निफ्टी 24,654 पर गिरी। फार्मा और आईटी सेक्टर में सबसे अधिक दबाव, तकनीकी संकेतक निरंतर गिरावट की ओर इशारा। निवेशकों ने सोना‑चांदी जैसे सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर रुख किया।
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