जब हम थ्रिलर की बात करते हैं, तो अक्सर बॉलीवुड या हॉलीवुड ही याद आते हैं। लेकिन केरल की मलयालम फ़िल्में एक अलग लहजा लाती हैं—डार्क, तीव्र और अक्सर सामाजिक मुद्दों को घेरती हैं। अगर आप अभी‑अभी इस जेनर की खोज शुरू कर रहे हैं, तो यह गाइड आपके लिए सही जगह है।
पहली बात तो ये समझनी है कि मलयालम थ्रिलर सिर्फ "एक्शन" नहीं होते। यहाँ कहानी में अक्सर मनोवैज्ञानिक टकराव, पुलिस‑आधारित केस और गैंगस्टर की व्याख्या मिलती है। उदाहरण के तौर पर "Drishyam" (2013) एक झाँकी देता है कि कैसे एक आम परिवार को बचाने के लिए पूरी साज़िश बुन ली जाती है। इसी तरह "Memories" में मानसिक तनाव वाले पुलिस इंस्पेक्टर की कहानी दिल को छू जाती है।
इन फ़िल्मों में अक्सर एक बारीकी से लिखी स्क्रिप्ट, तेज़-तर्रार एडिटिंग और प्राकृतिक लोकेशन का उपयोग किया जाता है। आप यह भी देखेंगे कि क्या‑केवल बड़े बजट वाले प्रोजेक्ट होते हैं, बल्कि छोटे‑बजट फ़िल्में भी शहरी और ग्रामीण दोनों पृष्ठभूमियों को बड़े चतुराई से प्रयोग करती हैं।
अगर अभी तक नहीं देखी, तो नीचे दी गई सूची को अपने ‘वॉचलिस्ट’ में जोड़िए। हर फ़िल्म का छोटा‑सा सारांश और कहाँ स्ट्रीम कर सकते हैं, साथ में दिया गया है:
इन फ़िल्मों में आपको न सिर्फ थ्रिल मिलेगा, बल्कि केरल की संस्कृति, भाषा और सामाजिक परिप्रेक्ष्य का भी गहरा दृश्य मिलेगा। चाहे आप हिंदी में डब्ड या सबटाइटल चाहते हों, अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म पर विकल्प मौजूद हैं।
अब सवाल ये आता है – कौन सी फ़िल्म आपके मूड के हिसाब से है? अगर आप कॉम्प्लेक्स प्लॉट और मनोवैज्ञानिक मोड़ पसंद करते हैं, तो *Drishyam* या *Memories* देखें। अगर आप तेज‑रफ़्तार एक्शन चाहते हैं तो *Kali* या *Vettah* आपके लिये सही रहेगा।
आखिर में, मलयालम थ्रिलर सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं, ये अक्सर सामाजिक असुरक्षा, न्याय प्रणाली की खामियों और व्यक्तिगत संघर्ष को दर्शाते हैं। जब आप अगली बार कोई थ्रिलर फ़िल्म चुनें, तो इन पहलुओं को ध्यान में रखें – इससे एक साधारण पॉपकॉर्न‑टाइम से ज्यादा अर्थपूर्ण अनुभव मिलेगा।
तो, अपनी पसंदीदा प्लेटफ़ॉर्म खोलिए, प्ले बटन दबाइए, और केरल के मस्त थ्रिलर की दुनिया में डुबकी लगाइए। आपका अगले सस्पेंस फ़ॉल्ट कोन है?
फहद फ़ासिल, कुंचाको बोबन और ज्योतिर्मयी की मलयालम थ्रिलर ‘Bougainvillea’ अब SonyLIV पर स्ट्रीम हो रही है. थिएट्रिकल रिलीज 17 अक्टूबर 2024 के करीब दो महीने बाद यह ओटीटी पर आई. अमल नीरद के निर्देशन में बनी फिल्म लाजो जोस के उपन्यास ‘Ruthinte Lokam’ पर आधारित है. मिक्स्ड रिव्यू के बावजूद फिल्म बॉक्स ऑफिस पर चली और ज्योतिर्मयी की 11 साल बाद वापसी भी सुर्खियों में रही.
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