महाकुंभ मेला – क्या है और क्यों खास?

अगर आप भारत की सबसे बड़ी धार्मिक सभा के बारे में सुनते हैं तो सोचे बिना नहीं रह सकते कि यह कब, कहाँ और किसके लिये आयोजित होता है। महाकुंभ मेला हर 12 साल में चार प्रमुख तीर्थस्थलों पर लगता है – उज्जैन, प्रयागराज, नासिक और हरिद्वार। इन शहरों में गंगा, यमुना, गोदावरी या कावेरी जैसी पवित्र नदियों के संगम होते हैं। यह मिलन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि लाखों यात्रियों को एक साथ लाता है।

महाकुंभ मेले का इतिहास और प्रमुख स्थल

पहला उल्लेखित महाकुंभ 5वीं सदी में मिलता है, लेकिन आज जैसा बड़ा आयोजन बना वह 20वीं सदी के मध्य से शुरू हुआ। प्रत्येक स्थल की अपनी कहानी है – प्रयागराज (इलाहाबाद) में संधि का महत्व, उज्जैन में महा सिद्धी और काशी विश्वनाथ में शिव जी की आराधना। इन स्थलों पर स्नान करने को मोक्ष मानते हैं, इसलिए हर बार भीड़ बढ़ती ही रहती है।

उज्जैन का मेले में सबसे बड़ा आकर्षण पवित्र नर्मदा नदी के किनारे शत्रु-शत्रु रथ यात्रा होती है। प्रयागराज में संगम पर गंगा‑यमुना‑सरस्वती के मिलन को देखना एक अद्भुत दृश्य होता है, जहाँ लोग काफ़ी देर तक स्नान करते हैं और भजन‑कीर्तन सुनते हैं। नासिक में गोदावरी नदी का किनारा यात्रियों को शांति देता है, जबकि हरिद्वार में गंगा की धुंधली लहरों के साथ शिव जी की महापर्यटन यात्रा चलती रहती है।

आगामी महाकुंभ मेले के मुख्य बिंदु

2025 में नासिक में महाकुंभ होगा, और इस बार कई नई सुविधाएँ जोड़ने का वादा किया गया है। सरकार ने पानी की गुणवत्ता सुधारने, स्वच्छता बढ़ाने और ट्रैफ़िक को आसान बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। साथ ही डिजिटल टिकट प्रणाली लागू होगी जिससे भीड़ नियंत्रण आसान हो जाएगा।

यदि आप इस मेले में भाग लेना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखें:

  • पहले से योजना बनाएं – होटल या धामस्थली की बुकिंग जल्दी करें, क्योंकि कमरे जल्दी भरते हैं।
  • सुरक्षा उपायों को अपनाएँ – मास्क, सैनिटाइज़र और भीड़ में जगह बनाकर चलें।
  • खाना-पीना सावधानी से चुनें – स्वच्छता प्रमाणित स्टाल चुनें और जल का स्रोत जाँच लें।

मेले के दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं – नृत्य, संगीत, शिल्प प्रदर्शनी और धार्मिक प्रवचन। ये सभी यात्रियों को आध्यात्मिक और सामाजिक दोनों तरह से समृद्ध बनाते हैं। बच्चों के लिए विशेष खेल क्षेत्र भी बनाए जाते हैं, जिससे परिवार का अनुभव और सुखद हो जाता है।

महाकुंभ मेला सिर्फ एक बड़ी सभा नहीं, बल्कि भारत की विविधता, धरोहर और आध्यात्मिक ऊर्जा का संगम है। चाहे आप पहली बार आए हों या कई बार, हर यात्रा में कुछ नया सीखने को मिलता है। इस वर्ष के मेले की तैयारियों पर नजर रखें, क्योंकि यह आपके जीवन में नई प्रेरणा लाने का एक शानदार मौका हो सकता है।

तो अगली बार जब भी महाकुंभ का नाम सुनें, बस नहीं सोचे कि यह सिर्फ भीड़ है – यह आत्मा को छूने वाला अनुभव है, जहाँ हर कदम पर इतिहास और विश्वास मिलते हैं। आपका स्वागत है इस पावन यात्रा में!

महाकुंभ के कारण प्रयागराज 2025 की यूपी बोर्ड परीक्षाएं स्थगित, 9 मार्च की नई तारीख

महाकुंभ के कारण प्रयागराज 2025 की यूपी बोर्ड परीक्षाएं स्थगित, 9 मार्च की नई तारीख

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने महाकुंभ मेले के दौरान भारी भीड़ के कारण प्रयागराज में 2025 की कक्षा 10 और 12 की परीक्षाएं 24 फरवरी से स्थगित कर 9 मार्च की नई तारीख तय की है। परीक्षा के समय वही रहेंगे और अन्य जिलों में परीक्षाएं पूर्व निर्धारित रूप से चलेंगी।

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