हर साल 26 जुलाई को भारत में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। यह वो दिन है जब हमारे जवान ने कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में एक कठिन लड़ाई जीतकर दुश्मन को पीछे धकेल दिया था। इस जश्न का मतलब सिर्फ परेड या इवेंट नहीं, बल्कि उन सैनिकों की बहीर और साहस की याद दिलाना है जो सीमा की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं।
पिछले कुछ हफ्तों में कई समाचार सामने आए हैं जो इस दिन को और भी खास बनाते हैं। पहले, रक्षा मंत्रालय ने कारगिल की सीमा पर नई निगरानी तकनीक लगाई है ताकि भविष्य में कोई अड़चन न बने। दूसरा, केंद्रीय सरकार ने एक विशेष योजना शुरू की है जिसमें वीर जवानों के परिवारों को आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही कई स्कूल और कॉलेजों ने इस मौके पर विद्यार्थियों को राष्ट्रीय सेवा की भावना से परिचित कराने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
अगर आप इस दिन कुछ अलग करना चाहते हैं तो इन आसान तरीकों को अपनाएँ:
इन छोटे‑छोटे कदमों से हम सब मिलकर इस वीरता को याद रख सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों में इसे आगे बढ़ा सकते हैं।
कारगिल विजय दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं, यह हमारे राष्ट्रीय आत्मविश्वास की कहानी है। हर साल जब ध्वज लहराता है तो हमें उस दिन के साहसी सैनिकों की याद आती है जो भारत को सुरक्षित रखने के लिए अपने जीवन का बलिदान करते हैं। इस भावना को अपनाएँ और देशभक्ति के साथ आगे बढ़ें।
२५ जुलाई २०२४ को, देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय मिलिट्री कॉलेज (RIMC) में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सिम्फनी बैंड परफॉर्मेंस का आयोजन किया गया। इस आयोजन में कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीरों की साहस और बलिदान को श्रद्धांजलि दी गई। यह कार्यक्रम शहीदों की वीरता और अदम्य साहस को याद करने के लिए आयोजित किया गया था।
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