भारत और यूके का मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दो देशों के बीच सामान‑सेवा की आवाज़ को तेज़ करने वाला कदम है। इस समझौते से आयात‑निर्यात पर टैक्स घटेगा, कस्टम प्रक्रिया आसान होगी और नए निवेश के मौके खुलेंगे। अगर आप व्यापारी हैं या विदेश में पढ़ाई‑काम का सोच रहे हैं, तो यह लेख आपके लिये काम आएगा।
सबसे पहले, समझौता कौन‑कौन से सेक्टर को कवर करता है? कृषि, टेक्नोलॉजी, फाइनेंस और सर्विसेज़ में टैरिफ कम करने की बात तय हुई है। इसका मतलब है कि भारतीय कपड़े या दालें यूके में कम कीमत पर पहुंचेंगी, और यूके की मशीनरी भारत में सस्ती होगी। साथ ही, सेवा क्षेत्र जैसे IT, शिक्षा, स्वास्थ्य‑सेवा को भी आसानी से एक्सेस मिलेगा – यानी कंपनी के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया तेज़ हो जाएगी।
दूसरा बड़ा पॉइंट है नियमों का सरलीकरण। कस्टम क्लियरेंस अब ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से होगी, जिससे समय बचेगा और दस्तावेज़ी काम कम होगा। छोटे व्यापारियों को भी इस समझौते के तहत ‘डिजिटल सर्टिफिकेशन’ मिल पाएगा, जो पहले बड़े कंपनियों तक ही सीमित था।
FTA लागू होने से पहले कुछ तैयारियाँ जरूरी हैं:
इन कदमों के साथ आप FTA के फायदों का पूरा लुत्फ़ उठा सकते हैं। याद रखें, समझौते की प्रक्रिया अभी भी चल रही है – अंतिम हस्ताक्षर और लागू होने की तिथि सरकारें तय करेंगी। इसलिए अपडेटेड न्यूज देखना न भूलें।
अगर आपके पास कोई खास सवाल है जैसे "भारत‑यूके कपड़ों पर टैरिफ कब घटेगा?" या "नए स्टार्टअप को कौन‑सी लाइसेंसिंग चाहिए?", तो नीचे टिप्पणी में पूछ सकते हैं। हम जल्द से जल्द जवाब देंगे।
भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते की छठी दौर की बातचीत लंबे समय तक सुर्खियों में रही। 3 साल तक चले 14 राउंड के बाद 6 मई 2025 को फाइनल करार हुआ, जिसमें 85% टैरिफ हटाकर द्विपक्षीय व्यापार को हर साल £25.5 बिलियन बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया।
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