जब भी मध्य पूर्व की खबरों में इज़रायल का नाम आता है, अक्सर उसकी सेना के बारे में बात होती है। लेकिन आम लोग नहीं जानते कि इस बल ने कैसे छोटा देश को इतना मजबूत बनाया। यहाँ हम आसान शब्दों में बता रहे हैं कि इज़रायली सेना कैसे बनी, उसके प्रमुख भाग कौन‑से हैं और आज वह क्या कर रही है।
इज़रायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) तीन मुख्य शाखाओं में बँटी हुई है – जमीन, हवा और समुद्र. ज़मीन सेना सबसे बड़ी होती है, जिसमें इन्फैंट्री, टैंक ब्रिगेड, आर्टिलरी और विशेष बल शामिल हैं। हवाई शक्ति इज़राइल एरफ़ोर्स के पास आधुनिक फ़ाइटर जेट्स जैसे F‑35 और दहलीज़ी ड्रोन होते हैं। समुद्र में नेवी छोटे लेकिन तेज़ फुज्यें चलाती है, जो भूमध्य सागर में निगरानी करती हैं.
विशेष बल, यानी सैयरा मोट्कावा (Sayeret Matkal), गुप्त ऑपरेशन और एंटी‑टेरर कामों के लिए मशहूर है। इस इकाई ने कई हाई‑प्रोफ़ाइल हेज़लेटिक मिशन पूरे किए हैं, जैसे 1976 का इंक्लिन ऑपरेशन. ये सैनिक अक्सर चुनिंदा प्रशिक्षण से गुजरते हैं – शारीरिक फिटनेस, मानसिक दृढ़ता और उन्नत तकनीकी ज्ञान पर ध्यान दिया जाता है.
इज़रायल अपनी रक्षा में टेक्नोलॉजी को बहुत महत्व देता है. ‘Iron Dome’ जैसे एंटी‑मिसाइल सिस्टम ने छोटे रॉकेटों को 90% तक रोक दिया है, जिससे नागरिक जीवन सुरक्षित रहता है। इसके अलावा ‘Davy Crockett’ और ‘David’s Sling’ जैसी लंबी दूरी की रक्षा प्रणाली भी विकसित हुई हैं.
ड्रोन तकनीक में इज़रायल सबसे आगे है. निगरानी ड्रोन से लेकर लड़ाई के लिए स्वायत्त UAV तक, सब कुछ यहाँ बनता है। इससे सेना को जल्दी निर्णय लेने और दुश्मन पर तेज़ी से हमला करने की ताकत मिलती है.
रणनीति में ‘मिनिमल फोर्सेज’ का सिद्धांत अपनाया गया है – छोटे, मोबाइल यूनिट्स जो तुरंत बदलते खतरे के अनुसार तैनात हो सकें। यह लचीलापन इज़रायल को सीमाओं पर तेज़ प्रतिक्रिया देने में मदद करता है.
सुरक्षा नीति भी सामाजिक स्तर से जुड़ी हुई है. सैनिक सेवा सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य है, इसलिए लगभग हर व्यक्ति को कुछ समय तक सेना में रहना पड़ता है। इससे राष्ट्रीय एकजुटता बढ़ती है और लोगों में सुरक्षा का एहसास रहता है.
हालिया ऑपरेशन में इज़रायल ने गाज़ा स्ट्रिप पर कई हवाई हमले किए, जो अंतरराष्ट्रीय चर्चा के केंद्र रहे. इस दौरान ‘Iron Dome’ ने कई रॉकेटों को रोकते हुए नागरिक क्षति कम रखी। ऐसी घटनाएँ दर्शाती हैं कि तकनीक और रणनीति किस तरह वास्तविक समय में काम करती है.
भविष्य की बात करें तो इज़रायल AI‑आधारित सायबर डिफेंस, हाइपरसोनीक एंटी‑टैंक गाइडेड मिसाइल और क्वांटम कम्युनिकेशन पर ध्यान दे रहा है. ये सभी प्रोजेक्ट्स रक्षा को अधिक तेज़, सुरक्षित और अनभव बनाते हैं.
समग्र रूप से देखिए तो इज़रायली सेना छोटे आकार के बावजूद अत्याधुनिक तकनीक, कठोर प्रशिक्षण और लचीले रणनीति की वजह से क्षेत्र में एक मजबूत शक्ति बनी हुई है. अगर आप मध्य पूर्व की राजनीति या सुरक्षा का अध्ययन कर रहे हैं, तो IDF को समझना अनिवार्य हो जाता है.
28 सितंबर, 2024 को इजरायली सेना ने घोषणा की कि हिज़्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या बेरूत, लेबनान में हवाई हमले में हुई। इजरायली वायु सेना के लड़ाकू विमानों द्वारा किया गया यह हमला हिज़्बुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय को लक्षित करता था, जो बताया जाता है कि एक आवासीय इमारत के नीचे भूमिगत स्थित था।
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