28 सितंबर, 2024 को इजरायली सेना ने एक बड़ा बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने यह दावा किया कि हिज़्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या एक सटीक और योजनाबद्ध हवाई हमले में की गई। यह हमला पर्लूबलौती क्षेत्र में हिज़्बुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय को निशाना बना कर किया गया। इस हमले का उद्देश्य था उन वरिष्ठ हिज़्बुल्लाह कमांडरों को समाप्त करना जो वहाँ मौजूद थे और इजरायल के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों की योजना बना रहे थे।
इजरायली वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने गोपनीय सूत्रों के द्वारा प्राप्त सटीक जानकारी के आधार पर इस हमले को अंजाम दिया। हमले में हसन नसरल्लाह के साथ-साथ हिज़्बुल्लाह के दक्षिणी फ्रंट के कमांडर अली करकी और अन्य वरिष्ठ कमांडरों की भी मौत हो गई। यह जानकारी तब सामने आई जब इमारत के मलबे से शवों की पहचान की गई।
लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इस हमले में छह लोगों की मौत हो गई और 91 लोग घायल हो गए। इस घटना ने छह अपार्टमेंट इमारतों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है और कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हसन नसरल्लाह, जिन्होंने तीन दशकों से हिज़्बुल्लाह का नेतृत्व किया, एक प्रमुख और विवादास्पद व्यक्तित्व थे। उनके नेतृत्व में हिज़्बुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ कई संगठित हमलों को अंजाम दिया, जिनमें से कईयों ने इजरायली नागरिकों और सैनिकों की जान ली। नसरल्लाह हमेशा से ही एक छिपे हुए और जटिल रणनीतिकार माने जाते थे जो अपने समर्थकों के बीच एक नायक की तरह देखे जाते थे।
इजरायली सेना के सेना प्रमुख ने एक कड़े बयान में कहा, 'जो कोई भी इजरायली नागरिकों को धमकी देगा, हम उसे ढूंढ निकालेंगे। हमारा मैसेज बिल्कुल साफ है: यह हमारी क्षमताओं का अंत नहीं है।' यह बयान इस संकेत देता है कि आने वाले समय में इजरायल की तरफ से और भी कठोर कार्रवाई की जा सकती है।
हालांकि, हिज़्बुल्लाह की तरफ से हसन नसरल्लाह की मौत पर अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। हिज़्बुल्लाह से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि नसरल्लाह से आखिरी संपर्क शुक्रवार शाम को हुआ था, और तब से अब तक उनका कोई पता नहीं चला है।
इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच का संघर्ष दशकों पुराना है। हिज़्बुल्लाह, जो कि एक लेबनानी मिलिशिया और राजनीतिक दल है, ने लंबे समय से इजरायल के खिलाफ युद्ध छेड़ा हुआ है। नसरल्लाह के नेतृत्व में पारीटी ने अपनी सैनिक और नीतिगत क्षमताओं को विकसित किया और कई बार इजरायल की सैन्य और नागरिक ठिकानों पर हमलों को अंजाम दिया।
इस संघर्ष ने वर्षों से मध्य पूर्व की स्थिरता को प्रभावित किया है और अब नसरल्लाह की मौत के बाद, यह देखना होगा कि क्षेत्र में और क्या बदलाव होते हैं।
हसन नसरल्लाह की हत्या कई नए प्रश्न खड़े करती है। क्या हिज़्बुल्लाह ने उनके उत्तराधिकारी के रूप में किसी को तैयार किया है? क्या हिज़्बुल्लाह अपने नेतृत्व के बिना भी अपने मिशन को जारी रख पायेगा? और सबसे महत्वपूर्ण, इजरायल और लेबनान के बीच संबंधों का आगे क्या भविष्य होगा?
नसरल्लाह के बिना, हिज़्बुल्लाह का आंतरिक ढांचा कमजोर हो सकता है, लेकिन संगठन की कट्टरपंथी विचारधारा और मज़बूत सैन्य क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, इसे समाप्त मानना अनुचित होगा। आने वाले समय में, इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच और भी तल्ख संघर्ष देखने को मिल सकते हैं।
अंत में, यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि एक व्यापक संघर्ष का हिस्सा है जो दशकों से चला आ रहा है और शायद आने वाले दशकों तक चलता रहेगा। यह समय ही बताएगा कि इस हत्या का असर किस तरह से क्षेत्रीय राजनीति और रणनीतियों पर पड़ता है।
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