गिफ्ट सिटी – नवीनतम खबरें और विश्लेषण

जब हम गिफ्ट सिटी, गुजरात में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय क्लस्टर है जो वित्त, तकनीक और रियल एस्टेट को एक साथ जोड़ता है. इसे अक्सर गुजरात अंतरराष्ट्रीय वित्तीय टेक‑सिटी कहा जाता है.

गुजरात की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्र, एक ऐसा आर्थिक वभाग है जहाँ विदेशी निवेश, बैंकों की शाखाएँ और नयी वित्तीय सेवाएँ सहजता से मिलती हैं के रूप में गिफ्ट सिटी ने कई प्रमुख कंपनियों को आकर्षित किया है. यहाँ का कस्टम‑फ्रेंडली माहौल, कम टैक्स दर और एशिया‑पैसिफिक में सबसे उन्नत इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेशकों को भरोसा दिलाते हैं.

राज्य सरकार ने गिफ्ट सिटी को गुजरात, भारत के सबसे व्यवसाय‑उन्मुख राज्यों में से एक, जहाँ औद्योगिक नीतियाँ निवेश को प्रोत्साहित करती हैं के विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के रूप में घोषित किया। इस कदम ने भूमि के मूल्य को बढ़ाया और स्थानीय औद्योगिक समूहों को नई अवसर प्रदान किए।

रियल एस्टेट सेक्टर में भी गिफ्ट सिटी का प्रभाव गहरा है. इस क्षेत्र में रियल एस्टेट, व्यावसायिक और आवासीय प्रोजेक्ट्स का मिश्रण, जो वित्तीय केंद्र की सुविधाओं को सपोर्ट करता है के कई प्रीमियम प्रोजेक्ट्स विकसित हुए हैं। बड़ी कंपनियों के ऑफिस, हाई‑टेक कंपनियों के डेटा‑सेंटर और ग्रीन‑हाउसिंग दोनों यहाँ की पहचान बन गए हैं.

तकनीकी पहल के बिना इस इकोसिस्टम को पूरा नहीं माना जा सकता. गिफ्ट सिटी ने एक टेक्नोलॉजी पार्क, स्टार्ट‑अप, R&D सेंटर और इंटेलिजेंट सॉल्यूशंस के लिए समर्पित क्षेत्र स्थापित किया है जहाँ एआई, ब्लॉकचेन और फिनटेक कंपनियाँ एक साथ काम करती हैं। इस पार्क में इनक्यूबेशन सुविधाएँ, फंडिंग ग्रांट और व्यावसायिक नेटवर्किंग इवेंट्स नियमित रूप से आयोजित होते हैं.

इन सभी तत्वों ने गिफ्ट सिटी को विदेशी निवेश (FDI) का एक प्रमुख हब बना दिया है. हाल के आंकड़ों के अनुसार, यहाँ की वार्षिक निवेश आय पिछले दो साल में 30% तक बढ़ी है। कंपनियों को यहाँ आसान कंपनी पंजीकरण, 100% विदेशी इक्विटी स्वामित्व और ‘सिंगल विंडो’ प्रक्रियाएँ मिलती हैं, जो समय और लागत दोनों बचाती हैं.

नई वित्तीय खबरें अक्सर गिफ्ट सिटी को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के तौर पर, रिलायंस ने अनंत अंबानी को कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में नई दिशा मिल सकती है, और ये प्रोजेक्ट्स गिफ्ट सिटी के स्थायी विकास एजेंडा के साथ जुड़ते हैं। इसी तरह, बिटकॉइन और नास्डैक के बाजार में उतार‑चढ़ाव भी वित्तीय सेवा संस्थानों की रणनीति को निर्धारित करता है, जो गिफ्ट सिटी के फिनटेक कंपनियों के लिए अवसर बनाता है.

पर्यावरणीय स्थिरता भी यहाँ की प्राथमिकता है। गिफ्ट सिटी में हर बिल्डिंग को ‘ग्रीन बिल्डिंग कॉड’ के तहत डिजाइन किया गया है, जिससे ऊर्जा उपयोग 25% कम होता है। सतत जल प्रबंध, सौर पैनल इंस्टॉलेशन और इको‑फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट सिस्टम को लागू करके यह क्लस्टर भविष्य में एक मॉडल शहर बन रहा है.

शिक्षा और कौशल विकास पहल भी इस इकोसिस्टम को समर्थन देती हैं। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) ने गिफ्ट सिटी में फिनटेक और एआई के लिये विशेष प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए हैं। यहाँ की युवा प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार किया जाता है, जिससे कंपनियों को योग्य workforce मिलती है.

आगे देखते हुए, गिफ्ट सिटी के चरण 2 और 3 में अतिरिक्त नोड्स, हाइपरलूप कनेक्शन और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के साथ सीधाकनेक्शन की योजना है। ये इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास न केवल व्यापार को तेज करेगा, बल्कि पर्यटन और जीवन गुणवत्ता को भी ऊँचा उठाएगा।

नीचे आप विभिन्न लेखों, रिपोर्ट्स और विश्लेषण को पाएँगे जो गिफ्ट सिटी की वित्तीय, रियल एस्टेट, तकनीकी और सामाजिक पहलुओं को गहराई से समझाते हैं. चाहे आप निवेशक हों, छात्र हों या सिर्फ जिज्ञासु पाठक, यहाँ की खबरें आपको व्यापक दृष्टिकोण देंगी.

आइए, आगे की सूची में गिफ्ट सिटी से जुड़ी ताज़ा खबरें और इन‑डिटेल विश्लेषण देखें—हर लेख आपको नए पर्स्पेक्टिव और actionable insights देगा.

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CBDT ने 20 जून 2025 को जारी किए गए नोटिफिकेशन 67/2025 के तहत गिफ्ट सिटी IFSC इकाइयों को TDS छूट दी है। यह छूट 1 जुलाई 2025 से लागू होगी और सात वर्ग के पेमेन्टर्स को लाभ मिलेगा। शर्तों में Section 80LA के तहत कर राहत का चयन और वार्षिक Form 1 जमा करना अनिवार्य है। इस कदम से भारत का वित्तीय हब बनने का लक्ष्य तेज़ होगा। विदेशी निवेशकों और संस्थागत पूँजी के प्रवाह में भी आशा की नई रोशनी दिखेगी।

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