अगर आप भी साल भर की थकान से छुटकारा पाने के लिए कुछ रंगीन और मज़ेदार चाहते हैं, तो दिल्ली में चल रहे गणेश उत्सव पर एक नज़र डालें। यहाँ लोग छोटे‑छोटे घरों से लेकर बड़े पंडाल तक, हर जगह भगवान गणेश को बड़े धूमधाम से पूजते हैं। इस टैग पेज पर हम आपको बता रहे हैं कि क्या होता है, कब और कहाँ जाना चाहिए, ताकि आप भी इस उत्सव का पूरा आनंद ले सकें।
दिसंबर‑जनवरी में कई जगहों पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाती है। सुबह जल्दी मंदिर या पंडाल के पास लोग रिवाज़ी स्नान करके आते हैं, फिर भोग और मोदक बाँटे जाते हैं। अक्सर संगीत, नृत्य और रंगीन झिलमिली लाइटिंग भी देखे को मिलती है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस समय कई सामाजिक संगठनों द्वारा मुफ्त में स्वास्थ्य जांच या शैक्षणिक कैंपेन चलाए जाते हैं – तो आप अपनी ज़रूरत के हिसाब से भाग ले सकते हैं।
1. **कनॉट प्लेस**: यहाँ का पंडाल बड़ी भीड़ आकर्षित करता है, और मोदकों की कतार लम्बी रहती है।
2. **जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU)**: युवा वर्ग के बीच इस जगह पर सांस्कृतिक कार्यक्रम बहुत होते हैं – बैंड, नाट्य प्रस्तुतियां और स्ट्रीट फूड का मज़ा दोहरा होता है।
3. **सरोजिनी नगर**: यहाँ छोटे‑छोटे सामुदायिक पंडाल होते हैं जहाँ स्थानीय कलाकारों की कलाकृतियाँ देखी जा सकती हैं।
इन जगहों पर आप सुबह के समय स्नान और पूजा कर सकते हैं, दोपहर में मोदक का स्वाद ले सकते हैं, और शाम को संगीत‑नृत्य कार्यक्रम देख सकते हैं। यदि भीड़ से बचना चाहते हैं तो सप्ताह के बीच वाले दिन (मंगल या गुरुवार) जाने की सलाह दी जाती है; भीड़ कम होती है और माहौल ज्यादा शांत रहता है।
दिल्ली में गणेश उत्सव सिर्फ पूजा तक सीमित नहीं है, यह सामाजिक जुड़ाव का एक बड़ा अवसर है। कई NGOs इस मौके पर दान अभियान चलाते हैं – आप अपने छोटे योगदान से किसी जरूरतमंद बच्चे की पढ़ाई या स्वास्थ्य देखभाल मदद कर सकते हैं। साथ ही स्थानीय स्टॉल पर बिकने वाले कारीगरों के बने आइटम खरीदकर आप उनके व्यापार को सपोर्ट भी कर रहे होते हैं।
अगर पहली बार जा रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें: आरामदायक जूते पहनें, पानी की बोतल साथ रखें और भीड़ में अपने सामान पर नजर रखें। मोबाइल चार्जर या पावर बैंक रखना फायदेमंद रहेगा क्योंकि अक्सर पंडाल में फोटो‑खिंचवाने के लिए बिजली की जरूरत पड़ती है।
इस टैग पेज को बुकमार्क कर लें, ताकि जब भी नई खबर आए या नया कार्यक्रम घोषित हो, आप तुरंत देख सकें। दिल्ली में गणेश उत्सव का मज़ा तभी पूरी तरह से महसूस होता है जब आप स्थानीय लोगों के साथ मिलकर इस रंगीन माहौल को जिएँ। तो चलिए, अपने कैलेंडर में तारीख नोट कर लें और इस साल की सबसे बड़ी धूमधाम वाला त्यौहार अनुभव करें!
तमिल सिनेमा के दिग्गज अभिनेता दिल्ली गणेश ने 80 वर्ष की उम्र में निधन कर दिया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रसिद्ध निर्देशक के बालाचंदर की फिल्म 'पट्टिना प्रवेशम' से की थी। 10 साल भारतीय वायु सेना में सेवा देने के बाद उन्होंने थिएटर से फिल्मों की ओर रुख किया। दिल्ली गणेश ने 400 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें 'सिंधु भैरवी', 'नायकन', 'अपूर्व सहोदरगल' जैसी प्रमुख फिल्में शामिल हैं।
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