अगर आप भारतीय क्रिकेट के शौकीन हैं तो दलिप ट्रॉफी का नाम सुना होगा। यह घरेलू टूर्नामेंट भारत में ज़ोनों की टीमों के बीच खेला जाता है और कई बड़े अंतरराष्ट्रीय सितारे यहाँ से निकलते हैं। इस लेख में हम इतिहास, फॉर्मेट, नवीनतम सीजन और देखे जाने वाले प्रमुख पॉइंट्स को सरल शब्दों में समझेंगे.
दलेप ट्रॉफी की शुरुआत 1961‑62 में हुई थी। मूल रूप से यह चार ज़ोन (उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम) के बीच मुकाबला था, पर समय के साथ टीमों की संख्या बदली है। शुरुआती दौर में फर्स्ट क्लास मैच होते थे, जबकि अब इसे फ्रेंडली फॉर्मेट में खेला जाता है जिसमें दो‑इंडिया या तीन‑इंडिया ज़ोनों को शामिल किया जा सकता है। यह बदलाव इसलिए हुआ क्योंकि बोर्ड ने नई टैलेंट खोजने की कोशिश तेज़ करनी चाही थी।
आज दलेप ट्रॉफी में आमतौर पर दो‑इंडिया फॉर्मेट अपनाया जाता है – एक टीम भारत के पूर्वी ज़ोनों (बांग्लादेश, असम) की और दूसरी पश्चिमी ज़ोनों (कर्नाटक, महाराष्ट्र) की। प्रत्येक मैच चार दिन का होता है, जिससे बल्लेबाज़ों को लंबा पिच समझने का मौका मिलता है। चयन प्रक्रिया में राज्य स्तर के प्रदर्शन, रन‑रेट या विकेट‑रेट को देखा जाता है। इसलिए अगर आप अपने स्टेट टीम में अच्छा खेलते हैं, तो दलेप ट्रॉफी की शर्ट पहनना आपके लिए बड़ा कदम हो सकता है।
नवीनतम 2025 सीजन ने कई नई बातें लाईं। पहला मैच दिल्ली के नयी ग्राउंड पर हुआ जहाँ रौशन सिंह ने दोहरा शतक बनाया और टीम को जीत दिलाई। दूसरी ओर, तेज़ गेंदबाज़ अंशु यादव ने पाँच विकेट लेकर सभी की नजरें अपनी ओर खींच लीं। इस सीजन में कई युवा खिलाड़ियों ने अपने करियर का पहला डबल सैंक्चर भी बनाया, जो दर्शाता है कि दलेप ट्रॉफी अब भी टैलेंट के लिए एक मुख्य मंच है।
मैच देखने का तरीका भी बदल गया है। बीसीसीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर लाइव स्कोर और हाइलाइट्स मिलते हैं, जबकि यूट्यूब चैनल पर रिव्यू और विश्लेषण भी उपलब्ध होते हैं। अगर आप स्टेडियम में जाना चाहते हैं तो टिकट बुकिंग बीसीसीआई के मोबाइल ऐप से आसानी से हो जाती है – बस अपना नाम दर्ज करें और सीट चुनें।
दलेप ट्रॉफी का महत्व सिर्फ एक टूर्नामेंट तक सीमित नहीं है। यहाँ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी अक्सर राष्ट्रीय टीम में चयनित होते हैं। 2023‑24 के भारत के कप्तान ने खुद बताया था कि उन्होंने दलेप ट्रॉफी में अपने खेल को सुधार कर ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जगह बनाई थी। इसलिए अगर आप क्रिकेट का सपना देखते हैं, तो इस प्रतियोगिता को गंभीरता से लेना चाहिए।
भविष्य की बात करें तो बीसीसीआई नई ज़ोन संरचना और अधिक टी‑20 फॉर्मेट की संभावनाएं देख रहा है। इसका मतलब है कि अगली बार जब दलेप ट्रॉफी आएगी, तो शायद कम दिनों में पूरा हो जाए या छोटे‑छोटे मैचों का मिश्रण हो। इस बदलाव से दर्शकों को भी तेज़ एंट्री मिल सकती है और युवा खिलाड़ियों को विभिन्न परिस्थितियों में खेलने का अनुभव मिलेगा।
संक्षेप में, दलेप ट्रॉफी भारतीय क्रिकेट की एक कड़ी है जो प्रतिभा को निखारती है, खिलाड़ियों को बड़े मंच पर ले जाती है और दर्शकों को रोचक मैच देता है। चाहे आप खिलाड़ी हों या फैन, इस टूर्नामेंट को फ़ॉलो करना आपके क्रिकेट ज्ञान को बढ़ाएगा और शायद आपको अगले महान सितारे की पहचान भी करा दे।
श्रेयस अय्यर का संघर्ष दलीप ट्रॉफी में जारी है, जहां वह दूसरी बार शून्य पर आउट हुए। वहीं दूसरी तरफ, संजू सैमसन के शानदार प्रदर्शन ने भारत डी को एक मजबूत स्थिति में पहुँचाया।
© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|