दलीप ट्रॉफी में शून्य पर आउट हुए श्रेयस अय्यर, संजू सैमसन का शानदार प्रदर्शन

दलीप ट्रॉफी में शून्य पर आउट हुए श्रेयस अय्यर, संजू सैमसन का शानदार प्रदर्शन

दलीप ट्रॉफी में श्रेयस अय्यर का निराशाजनक प्रदर्शन

भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी के लिए प्रयासरत श्रेयस अय्यर का दलीप ट्रॉफी में प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। वर्तमान टूर्नामेंट में वह दूसरी बार शून्य पर आउट हो चुके हैं। अनंतपुर में गुरुवार को भारत डी और भारत बी के बीच खेले गए मैच में भी श्रेयस का बल्ला खामोश रहा।

संजू सैमसन का शानदार प्रदर्शन

संजू सैमसन का शानदार प्रदर्शन

वहीं दूसरी तरफ, भारत डी के अन्य प्रमुख बल्लेबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। संजू सैमसन ने नाबाद 89 रनों की पारी खेली, जिसमें 10 चौके और तीन छक्के शामिल थे। संजू ने 83 गेंदों का सामना करते हुए छक्के और चौके लगाए और टीम को मजबूत स्थिति में पहुँचाया।

अन्य प्रमुख बल्लेबाजों का योगदान

संजू सैमसन के अतिरिक्त देवदत्त पडिक्कल (50 रन), श्रीकर भरत (52 रन) और रिकी भुई (56 रन) ने भी शानदार प्रदर्शन किया। इन बल्लेबाजों के अच्छे प्रदर्शन की बदौलत भारत डी ने अपनी पहली पारी में 306/5 का स्कोर खड़ा किया।

भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन

भारत बी की गेंदबाजी में सबसे प्रभावी रहे लेग स्पिनर राहुल चाहर, जिन्होंने 3 विकेट लिए और 60 रन दिए। मुकेश कुमार (1/37) और नवदीप सैनी (1/51) ने भी एक-एक विकेट हासिल किया।

दलीप ट्रॉफी के इस मैच में पृथ्वी मैदान ग्रामीण विकास ट्रस्ट स्टेडियम में खेले गए मैच में भारत बी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया।

श्रेयस अय्यर की मुश्किलें बढ़ीं

श्रेयस अय्यर की मुश्किलें बढ़ीं

श्रेयस अय्यर का कमजोर प्रदर्शन उनके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। उन्होंने इस टूर्नामेंट में अब तक 5 पारियों में केवल 104 रन बनाए हैं और औसत रहा है मात्र 20.80। आगामी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज के लिए उनके चयन की संभावनाएं अब धूमिल होती दिख रही हैं।

अब यह देखना होगा कि अय्यर आने वाले मैचों में कैसा प्रदर्शन करते हैं और क्या वे भारतीय टेस्ट टीम में अपनी जगह बना पाते हैं या नहीं।

टीम के प्रदर्शन का सारांश

टीम के प्रदर्शन का सारांश

भारत डी के बल्लेबाजों ने अपने मजबूत प्रदर्शन से टीम को अच्छी स्थिति में पहुँचाया है। वहीं गेंदबाजों ने भी अपना काम बेहतरीन तरीके से किया है। राहुल चाहर की स्पिन गेंदबाजी खास आकर्षण रही, जिन्होंने अपने प्रभावशाली प्रदर्शन से टीम को मजबूती दी।

उम्मीद है कि आने वाले मुकाबलों में भी खिलाड़ियों का प्रदर्शन इसी स्तर पर बना रहेगा और दर्शकों को रोमांचक क्रिकेट मैच देखने को मिलेंगे।

खिलाड़ियों के व्यक्तिगत प्रदर्शन के साथ-साथ टीम की सामूहिक श्रूंखला भी खेल प्रेमियों के लिए आनन्ददायक रहेगी।

टिप्पणि

  • PK Bhardwaj
    PK Bhardwaj

    श्रेयस का फॉर्म अब सिर्फ ट्रॉफी का मुद्दा नहीं, बल्कि टेस्ट टीम के लिए एक बड़ा अलर्ट है। उनकी टेक्निक तो बहुत सॉफिस्टिकेटेड है, लेकिन अब उनकी डिसिजन-मेकिंग में एक डिस्कनेक्ट दिख रहा है। बाउंसर्स के खिलाफ उनका रिएक्शन टाइमिंग में लेट हो रहा है, और लेग साइड की गेंदों पर उनका शॉट सिलेक्शन बिल्कुल नॉन-ऑप्टिमल है। इस लेवल पर, फॉर्म सिर्फ रनों का मुद्दा नहीं, बल्कि माइंडसेट का है।

  • Soumita Banerjee
    Soumita Banerjee

    अरे यार, फिर से शून्य? अब तो ये ट्रेंड बन गया है। अय्यर को बस एक बार भी बल्ला चलाने दो, बाकी सब तो बस टीवी पर बैठे टीम मैनेजमेंट की बातें कर रहे हैं।

  • Navneet Raj
    Navneet Raj

    संजू का इंटरवेंशन बहुत जरूरी था। जब टीम का टॉप ऑर्डर फेल हो जाए, तो लोअर मिडिल ऑर्डर का एक रन-मैकिंग बल्लेबाज जरूरी हो जाता है। उनकी टेक्निक में उस बैलेंस की कमी नहीं है, बल्कि उनकी एडाप्टेबिलिटी है जो असली गेम चेंजर है। ये वो खिलाड़ी हैं जिनके साथ टीम अपग्रेड होती है।

  • Neel Shah
    Neel Shah

    अय्यर को बाहर निकाल दो!! 🤬 और फिर से बैक टू बेसिक्स का ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करो!! 😭 और ये संजू कौन है? एक बार फिर से अपनी नेशनल टीम के लिए नहीं खेल रहा है? 🤔

  • shweta zingade
    shweta zingade

    ये जो संजू ने खेला है, वो बस एक इन्स्टाग्राम रील नहीं है - ये टेस्ट क्रिकेट का असली अर्थ है! 🙌 एक बल्लेबाज जो 83 गेंदों में 89 रन बना दे, उसके अंदर एक बहुत बड़ी आत्मा है। श्रेयस को बस ये समझना है - रन बनाना नहीं, टाइम बनाना है। जब तक वो अपनी आत्मा के साथ खेलेंगे, तब तक वो फिर से नहीं आएंगे।

  • Pooja Nagraj
    Pooja Nagraj

    अय्यर के शून्य का तात्पर्य केवल रनों की कमी नहीं है - यह एक फिलोसोफिकल असफलता है। एक बल्लेबाज के रूप में उनकी अस्तित्व की अस्वीकृति, जो अब उनके बल्ले के अंदर बैठी है। यह एक युग का अंत है, जहाँ बल्लेबाजी एक अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि एक अनुकूलन का अभ्यास बन गई है।

  • Anuja Kadam
    Anuja Kadam

    shreyas ko phir zero? yeh kya ho rha hai?? 😅 sambhalo yaar, ye toh sab kuch khatam ho rha hai

  • Pradeep Yellumahanti
    Pradeep Yellumahanti

    दलीप ट्रॉफी में शून्य का मतलब है - आपका नाम टीम के लिए अब एक नाम नहीं, बल्कि एक सवाल बन गया है। संजू का खेल तो बहुत अच्छा था, लेकिन ये सब तो एक राष्ट्रीय टीम के लिए नहीं, बल्कि एक फैन बेस के लिए है। जब तक आप इस लेवल पर खेलते हैं, तब तक आपका चयन एक अनुमान ही रहेगा।

  • Shalini Thakrar
    Shalini Thakrar

    संजू की पारी देखकर लगा जैसे कोई एक शायर बल्ले से कविता लिख रहा हो। 🌸 जब आप गेंद को देखकर नहीं, बल्कि उसकी आवाज़ सुनकर खेलते हैं, तो वो आपके लिए रन नहीं, अनुभव बन जाता है। श्रेयस को भी बस इतना चाहिए - अपने अंदर की आवाज़ सुनना।

  • pk McVicker
    pk McVicker

    शून्य। फिर शून्य। बस।

  • Laura Balparamar
    Laura Balparamar

    अय्यर को एक बार भी बल्ला चलाने दो और फिर देखो क्या होता है। ये जो टीम वाले बार-बार उनकी टेक्निक पर बात कर रहे हैं, वो खुद भी कभी बल्ला नहीं उठाए। जो खेलता है, वो जानता है - फॉर्म नहीं, फिजिकल और मेंटल बॉडी की तैयारी है जो असली बात है।

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