आपने कभी सुना होगा ‘अवैध संपत्ति’ शब्द? अक्सर खबरों में सुनते‑सुनते थक जाता है। लेकिन असली बात यह है कि जब कोई जमीन या इमारत कानूनी कागजात के बिना बेची जाती है, तो वह अवैध बन जाती है और मालिक को कई परेशानी हो सकती है। इस पेज पर हम सरल भाषा में समझाएंगे कि अवैध संपत्ति कैसे पहचानें, किस तरह की खबरें अक्सर आती हैं और आप किन कदमों से खुदको बचा सकते हैं।
पहले तो ये जानना जरूरी है कि जमीन या घर के कागजात में क्या‑क्या होना चाहिए: रजिस्ट्री, टैक्स रिसीट और सही तौर पर जमा की गई सिटी प्लानिंग एप्रूवल। अगर इनमें से कोई भी दस्तावेज़ नहीं मिलता या बहुत देर से मिलता है, तो सावधान रहें। अक्सर ठेकेदार ‘डबल डील’ करते हैं – एक असली कागज बनाते हैं और दूसरे को नकली करके बेचते हैं।
सरकारी पोर्टल जैसे भू-सेवा या राजस्व विभाग की वेबसाइट पर जाकर खंडित विवरण देखना फ्री में संभव है। अगर आपके पास जमीन का पिनकोड, दास्तावेज़ संख्या या मालिक का नाम है तो बस एक ही क्लिक से पता चल जाता है कि वह संपत्ति वैध है या नहीं।
अगर आपको संदेह है कि आप अवैध संपत्ति खरीद रहे हैं, तो तुरंत सर्वेयर को बुलाकर जमीन का सर्वे करवाएँ। एक बार सटीक सर्वे मिल जाए तो आप कोर्ट में ‘जॉइंट लेटर’ या ‘नोटिस’ दे सकते हैं।
दूसरा आसान तरीका है – खरीद‑फ़रोख़्त के पहले वकील से परामर्श लेना। वकील कागजात की वैधता, दायित्व और संभावित जोखिमों को समझा सकता है और यदि ज़रूरत पड़े तो रजिस्ट्री में केस फ़ाइल कर सकता है।
सरकार ने भी इस समस्या से लड़ने के लिए कई कदम उठाए हैं। पिछले साल ‘अवैध संपत्ति रोकथाम योजना’ लॉन्च हुई जिसमें ऑनलाइन शिकायत पोर्टल, तेज़ निपटारा और दण्डी कार्रवाई की व्यवस्था है। अगर आप किसी झूठे विज्ञापन या फर्जी दस्तावेज़ देख रहे हों तो तुरंत पुलिस थाने में रिपोर्ट करें।
एक बात याद रखें – ‘सस्ता’ हमेशा अच्छा नहीं होता। बहुत कम कीमत पर मिलने वाली जमीन अक्सर लाल‑फ़्लैग होती है। मार्केट रिसर्च, पड़ोसियों से पूछताछ और कानूनी सलाह लेकर ही कदम बढ़ाएँ।
बाल सहायता समाचार पर हम लगातार अवैध संपत्ति से जुड़ी नई खबरें अपडेट करते रहते हैं – चाहे वह बड़े प्रोजेक्ट्स में धांधली हो या छोटे‑छोटे लोकल केस। आप यहाँ ‘Realme 15 Pro 5G’ जैसे टेक गजेट की बॅटरी ख़बरों के साथ-साथ रियल एस्टेट धोखाधड़ी पर भी ताज़ा रिपोर्ट पढ़ सकते हैं।
अंत में, अगर आपको लगता है कि आपका या आपके परिचित का मामला अवैध संपत्ति से जुड़ा है, तो ऊपर बताए गए कदम अपनाएँ और तुरंत मदद लें। सही जानकारी और समय पर कार्रवाई से आप बड़े नुकसान से बच सकते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। यह अपील 8 जुलाई, 2024 को दाखिल की गई जिसमें ईडी ने सोरेन पर अवैध संपत्ति हासिल करने और अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
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