आरएसएस क्या है? आसान समझ और उपयोग के टिप्स

अगर आप रोज़ाना कई वेबसाइट खोल‑खोल कर खबरें पढ़ते हैं तो आरएसएस (RSS) आपके समय बचा सकता है। ये एक छोटा कोड फाइल है जो साइट की नई सामग्री को संकलित करके आपके फ़ीड रीडर या मोबाइल ऐप में भेजती है। बस एक बार सब्सक्राइब करो, फिर हर नया लेख खुद‑आपके पास आ जाएगा.

आरएसएस कैसे काम करता है?

जब कोई साइट आरएसएस सपोर्ट करती है तो वह .xml फॉर्मेट में फ़ीड बनाती है। इस फ़ाइल में शीर्षक, लिंक और संक्षिप्त विवरण होते हैं। आपका रीडर नियमित रूप से इस फ़ाइल को पढ़ता है और अगर नई एंट्री मिलती है तो आपको नोटिफ़िकेशन देता है। इसलिए आप हर बार साइट खोलने की जरूरत नहीं पड़ती.

आरएसएस सेट करने के आसान कदम

1. एक भरोसेमंद RSS रीडर चुनें – Feedly, Inoreader या मोबाइल पर Google News भी काम करता है.
2. जिस वेबसाइट को फॉलो करना चाहते हैं, उसके पेज में अक्सर “RSS” आइकन या लिंक मिल जाएगा; अगर नहीं दिखे तो URL के अंत में /feed जोड़कर आज़माएँ.
3. उस फ़ीड का पता (URL) कॉपी करके रीडर में ‘Add Content’ बॉक्स में पेस्ट करें.
4. अब नई ख़बरें आना शुरू होंगी, आप शीर्षक पर क्लिक कर पूरा लेख पढ़ सकते हैं.

बहुतेरी समाचार साइट्स – जैसे कि बाल सहायता समाचार, NDTV या The Hindu – अपनी RSS फ़ीड मुफ्त में देती हैं। अगर आप बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य या समाज कल्याण से जुड़ी ताज़ा खबरें चाहते हैं तो इस टैग ‘आरएसएस’ के तहत मिलने वाले पोस्ट को सब्सक्राइब कर सकते हैं.

एक और फायदेमंद बात यह है कि RSS डेटा बहुत हल्का होता है; इसलिए मोबाइल में भी जल्दी लोड होता है, बैटरियां बचती हैं और आपका इंटरनेट कंजम्प्शन घटता है. अगर आप सीमित डेटा प्लान पर हैं तो RSS आपके लिए बेस्ट विकल्प बन जाता है.

ध्यान रखें, सभी साइट्स की फ़ीड हमेशा अपडेट नहीं होती। कभी‑कभी आपको मैन्युअली “Refresh” बटन दबाना पड़ सकता है या नई फ़ीड लिंक ढूँढ़नी पड़ेगी. लेकिन एक बार सेट हो जाने पर रोज़मर्रा की खबरें आपके पास बिना झंझट के आ जाएँगी.

सारांश में, RSS को अपनाने से आप समय बचाते हैं, डेटा खर्च घटाते हैं और अपनी पसंदीदा सामग्री एक ही जगह देख पाते हैं. अभी एक रीडर डाउनलोड करें, बाल सहायता समाचार की RSS फ़ीड जोड़ें, और ताज़ा समाचारों का लाभ उठाएँ.

आरएसएस और भाजपा पर विपक्ष का निशाना: समाज में विभाजन का आरोप

आरएसएस और भाजपा पर विपक्ष का निशाना: समाज में विभाजन का आरोप

भारतीय राजनैतिक परिदृश्य में विपक्ष ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयानों पर तीखी आलोचना की है। भागवत के दिए गए बयानों को लेकर कांग्रेस, सीपीआई जैसे दलों ने आरोप लगाया है कि इससे समाज में विभाजन और असमानता को बढ़ावा मिलता है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि बीजेपी की सत्ता वाले राज्यों में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ते हैं। इससे आरएसएस और भाजपा की विचारधारा पर सवाल उठे हैं।

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