श्रीलंका ने 2025 के वनडे सीरीज के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया को 49 रनों से पराजित किया। इस जीत के पीछे सबसे बड़ा हाथ कप्तान चरिथ असलंका का रहा, जिन्होंने अपने बल्ले से अद्वितीय प्रदर्शन करते हुए 127 रन बनाए। श्रीलंका ने मैच की शुरुआत थोड़ी मुश्किल में की जब उनके दोनों ओपनर पथुम निसंका और अविष्का फर्नांडो जल्दी ही आउट हो गए।
इसके बाद असलंका ने कुसल मेंडिस के साथ मिलकर टीम को संकट से उबारा। मेंडिस ने भी 45 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली, जिससे उनकी टीम एक उल्लेखनीय स्कोर तक पहुंच सकी। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने शुरुआत में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन असलंका ने अपनी धैर्य और आक्रमकता से उन्हें मात दी।
हालांकि ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी चेहरा था, वे बड़े स्कोर का पीछा करने में नाकाम रहे। उनकी टीम 165 रनों पर ढेर हो गई। उनके प्रमुख खिलाड़ी जैसे ट्रैविस हेड, जोश इंग्लिस और ग्लेन मैक्सवेल की अनुपस्थिति साफतौर पर दिखाई दी। हालांकि नाथन एलिस और सीन एबॉट ने तहत का प्रतिरोध करते हुए क्रमश: 37 और 30 रन बनाए, लेकिन यह स्कोर का पीछा करने के लिए पर्याप्त नहीं था।
श्रीलंकाई स्पिन गेंदबाजों ने विशेष रूप से प्रशंसा बटोरी क्योंकि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी को बिखेर कर रख दिया। यह मैच केवल श्रीलंका की जीत ही नहीं बल्कि उनके स्पिन गेंदबाजों की काबिलियत का भी प्रमाण था।
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Vijay Kumar
असलंका ने जो किया वो कोई बल्लेबाजी नहीं, बल्कि एक अर्थशास्त्र का प्रदर्शन था। दबाव में भी शांत रहना, गेंद को जगह देना, और अंत में फटकार मारना - ये तो बस बल्लेबाजी नहीं, जीवन का नियम है।
Jaya Bras
ऑस्ट्रेलिया के बिना हेड और मैक्सवेल के जीतने का दावा करना मजाक है भाई 😂
Rupesh Sharma
ये जीत सिर्फ असलंका की नहीं, पूरी श्रीलंका की नई पीढ़ी की है। जब तक हम बड़े खिलाड़ियों के बिना बड़े नतीजे दे सकते हैं, तब तक दुनिया को ये बात समझनी होगी। ये टीम अब बस टूर्नामेंट नहीं, भावनाएं बदल रही है।
Harsha kumar Geddada
मैंने इस मैच को देखा और सोचा कि ये वो पल है जब क्रिकेट अपने असली रूप में वापस आ रहा है - न तो बिजनेस, न टीवी एड्स, न ही फैंस की भीड़। बस एक बल्लेबाज, एक गेंद, और एक दिमाग जो जीतने के लिए बना हुआ है। असलंका ने सिर्फ रन नहीं बनाए, उसने एक नए नियम की शुरुआत की। जब तक हम अपने खिलाड़ियों को बस स्कोरबोर्ड के लिए नहीं देखेंगे, तब तक हम असली क्रिकेट नहीं देख पाएंगे। ये जीत एक शास्त्र है, एक नए युग का आह्वान है।
Abhishek Rathore
मैंने देखा तो लगा ऑस्ट्रेलिया भी बहुत कोशिश कर रहा था, बस श्रीलंका के स्पिनर्स ने उनकी हर रणनीति को तोड़ दिया। इस टीम में शांति है, न कि जल्दबाजी।
Ravi Kant
श्रीलंका के स्पिनर्स की ये जीत सिर्फ क्रिकेट की नहीं, एशियाई तकनीक की जीत है। जब पश्चिम बल्लेबाजी को बाहर धकेल रहा है, तो हम अपनी बुद्धि से जीत रहे हैं। ये देश का गौरव है।
saikiran bandari
असलंका ने 127 बनाए लेकिन ऑस्ट्रेलिया के बिना तीन खिलाड़ियों के जीतना आसान था ये तो सब जानते हैं
Shivakumar Kumar
असलंका ने बल्ला उठाया तो जैसे बारिश के बाद नीला आकाश खुल गया। उसके शॉट्स में तमिल कविता का राग था, गेंदबाज़ के दिल में घुस गया। ये न सिर्फ रन बनाए, बल्कि दिलों को छू गए। अब तो बच्चे भी उसकी तरह बल्ला घुमाने लगे हैं।
sachin gupta
मैंने इस मैच को देखा और सोचा कि श्रीलंका की टीम अब बस एक टीम नहीं, एक आर्टिस्टिक प्रोजेक्ट है। असलंका का बल्लेबाजी स्टाइल एक बैंगलोर की गली के बार की तरह है - अनोखा, बेतरतीब, लेकिन जबरदस्त।
Rajeev Ramesh
यह जीत श्रीलंका के खेल के नैतिक मानकों की विजय है। व्यक्तिगत उपलब्धियों के बजाय टीम के लिए बल्लेबाजी करने का दृढ़ संकल्प, जिसे हमें अपनाना चाहिए।
Rashmi Naik
स्पिनर्स ने जो किया वो एक्सप्लोटेशन था ना बल्कि एक बैंडविड्थ ऑप्टिमाइजेशन ट्रिक जिसे वे डेटा-ड्रिवन एप्रोच से कर रहे थे
Vishakha Shelar
असलंका ने जीत दिलाई लेकिन मैं रो रही हूँ 😭 उसकी आँखों में आंसू देखकर मेरा दिल टूट गया 🥺💔
Ayush Sharma
इस जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया को अपनी टीम संरचना पर फिर से विचार करना चाहिए। इस तरह की हारें निर्माणात्मक विफलता हैं।
Arun Sharma
आप सभी असलंका की जीत को भावनात्मक रूप से देख रहे हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि ऑस्ट्रेलिया की टीम में अनुभवी खिलाड़ियों की कमी थी। यह एक आंकड़ा है, न कि एक दिव्य घटना।