रोहित शर्मा ने की बड़ी कुर्बानी, पिंक बॉल टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी

रोहित शर्मा ने की बड़ी कुर्बानी, पिंक बॉल टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलिया को चेतावनी

रोहित शर्मा की बड़ी कुर्बानी और पिंक-बॉल टेस्ट की तैयारियां

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने एक अहम कदम उठाते हुए खुद को बल्लेबाजी क्रम में नीचे भेजने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उन्होंने केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल की पहली टेस्ट में दूसरी पारी की 201 रनों की साझेदारी और भारत की 295 रनों की जीत के बाद लिया है। रोहित का मानना है कि ऐसा करके टीम का संतुलन बना रहेगा और सही रणनीति के साथ आगे बढ़ा जा सकेगा। हालांकि, यह निर्णय उनके लिए व्यक्तिगत रूप से आसान नहीं था, लेकिन टीम के हित में यह जरूरी था।

टीम के हित में निर्णय

ध्यान देने वाली बात यह है कि रोहित पहले टेस्ट में अपनी दूसरी संतान के जन्म के कारण शामिल नहीं हो सके थे। उन्होंने जैसे ही टीम में वापसी की, तब तक राहुल और जायसवाल ने ओपनिंग में अपनी छाप छोड़ दी थी। रोहित ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि केएल राहुल की विदेशों में सोचनीय प्रदर्शन की सत्यता को देखते हुए यह जरूरी था कि हम इस जोड़ी को नहीं तोड़ें। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि टीम का वर्तमान सकारात्मक माहौल सफलता की कुंजी है।

ऑस्ट्रेलिया की चुनौती पर नजर

इसके अतिरिक्त, रोहित ने आश्वासन दिया कि टीम ऑस्ट्रेलिया की ताकतवर पिंक-बॉल टेस्ट रिकॉर्ड को चुनौती देने के लिए तैयार है। भारतीय टीम एडिलेड में होने वाले दूसरी टेस्ट से पहले आत्मविश्वास से भरी हुई है और उनका लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया के 12 में से 11 अपराजित रिकॉर्ड को चुनौती देना है। ऑस्ट्रेलिया सिर्फ एक बार पिंक-बॉल मैच में पराजित हुआ है, और वो भी इसी वर्ष वेस्ट इंडीज के खिलाफ ब्रिस्बेन में। रोहित ने कहा कि रिकॉर्ड टूटने के लिए बनाए जाते हैं और भारतीय टीम का फोकस चर्चा से हटकर मैदान पर प्रदर्शन करने पर केंद्रित है।

दबाव झेलते हुए खेल का लुत्फ

रोहित ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि टीम के हर सदस्य को चुनौतियों का मजेदार तरीके से सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम में आपसी विवादों की अफवाह पर कोई टिप्पणी नहीं की, जो जॉश हेजलवुड के स्पष्ट विचारों के बाद सामने आई है। रोहित ने इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि यह जरूरी है कि टीम अपने काम से काम रखे और बाहरी चीजों से खुद को प्रभावित न होने दे।

टिप्पणि

  • Abhishek Rathore
    Abhishek Rathore

    रोहित ने जो किया, वो कप्तानी का असली मतलब है। खुद को नीचे भेजना आसान नहीं होता, लेकिन टीम के लिए ये बड़ा बदलाव है। ऐसे लीडर्स के साथ भारत का क्रिकेट अच्छा रहेगा।

  • Jaya Bras
    Jaya Bras

    अरे यार रोहित ने अपनी जगह छोड़ दी तो क्या अब केएल राहुल को भी कप्तान बना दें? बस एक बार बल्ले से नहीं बल्कि टीम के लिए भी खेलना सीख लो।

  • Rupesh Sharma
    Rupesh Sharma

    दोस्तों, ये सिर्फ बल्लेबाजी क्रम का सवाल नहीं है। ये टीम की सोच का बदलाव है। जब तक हम खुद को बड़ा समझते रहेंगे, तब तक दुनिया के सामने नहीं जीत पाएंगे। रोहित ने एक नए नियम की शुरुआत की है - टीम पहले, मैं बाद में। ये जीत की नींव है।

  • saikiran bandari
    saikiran bandari

    रोहित ने नीचे बैठ गए तो अब वो क्या खेलेगा बल्ला लेकर या बैट बेचने जाएगा

  • Ravi Kant
    Ravi Kant

    भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा कोई नहीं आया जिसने अपनी व्यक्तिगत सफलता को टीम के लिए त्याग दिया हो। ये तो वैदिक नीति है - अहंकार का त्याग।

  • Harsha kumar Geddada
    Harsha kumar Geddada

    क्या आपने कभी सोचा है कि जब रोहित ने बल्लेबाजी क्रम में नीचे जाने का फैसला किया, तो वो सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं बल्कि एक दर्शन था? ये उस दर्शन का प्रतीक है जिसमें व्यक्ति का अस्तित्व टीम के अस्तित्व में विलीन हो जाता है। ये नहीं कि वो नीचे बैठा, बल्कि ये कि उसने अपने अहं को बल्ले के आगे झुका दिया। ये तो गीता का संदेश है - कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।

  • sachin gupta
    sachin gupta

    रोहित की ये बात तो बहुत बड़ी है, लेकिन आप लोगों को पता है ये जो ऑस्ट्रेलिया का पिंक बॉल रिकॉर्ड है, वो असल में एक बहुत बड़ा marketing gimmick है? बस एक नंबर जिसे लोग ज्यादा बात करते हैं।

  • Ayush Sharma
    Ayush Sharma

    रोहित ने जो किया, वो कोई छोटी बात नहीं है। एक कप्तान जो अपने अहं को दबाकर टीम के लिए खड़ा हो जाए, वो असली नेता होता है। ये निर्णय सिर्फ टीम के लिए नहीं, बल्कि भारतीय खेल की नैतिकता के लिए भी एक मील का पत्थर है।

  • Rajeev Ramesh
    Rajeev Ramesh

    कप्तान के रूप में रोहित शर्मा का निर्णय अत्यंत उचित और शिक्षाप्रद है। व्यक्तिगत उपलब्धियों की अपेक्षा टीम के लाभ को प्राथमिकता देना, नेतृत्व के अत्याधुनिक और विवेकपूर्ण आयाम को दर्शाता है। यह निर्णय न केवल खेल के नियमों के अनुरूप है, बल्कि संगठनात्मक सफलता के सिद्धांतों का भी अनुसरण करता है।

  • Vishakha Shelar
    Vishakha Shelar

    रोहित ने नीचे बैठ गए अब क्या होगा राहुल को कप्तान बना देंगे 😭💔

  • Arun Sharma
    Arun Sharma

    यह निर्णय अत्यंत अनुचित है। रोहित शर्मा की बल्लेबाजी क्षमता को नीचे भेजकर बर्बाद किया जा रहा है। टीम के हित में बात करने का नाम लेकर असली खिलाड़ियों के अवसर छीने जा रहे हैं। यह एक गलत रणनीति है।

  • Shivakumar Kumar
    Shivakumar Kumar

    देखो, ये बात सिर्फ बल्लेबाजी क्रम की नहीं, ये तो भारतीय खेल के दिल की धड़कन है। जब एक बड़ा खिलाड़ी अपना नाम छुपा दे, तो वो टीम के लिए नहीं, बल्कि उस खेल के आत्मा के लिए खेल रहा होता है। रोहित ने बल्ला नहीं, दिल बांधा है।

  • charan j
    charan j

    क्या फर्क पड़ता है कौन खेल रहा है जब टीम जीत रही है

  • Rashmi Naik
    Rashmi Naik

    रोहित का नीचे जाना एक strategic pivot है जिसने टीम के batting synergy को अपग्रेड किया है, वैसे ये नहीं कि उनकी form गिरी है बल्कि ये एक तरह का role redefinition है जिससे टीम का overall throughput बढ़ गया है

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