इंग्लैंड के प्रमुख तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन अपने करियर के अंतिम चरण में हैं और उन्होंने हाल ही में सचिन तेंदुलकर को अपने करियर का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज बताया। एंडरसन ने अपने 20 साल के लंबे करियर में कई महान बल्लेबाजों के खिलाफ गेंदबाजी की है, लेकिन सचिन तेंदुलकर का दर्जा उनके लिए सबसे खास है।
जेम्स एंडरसन ने 187 टेस्ट मैच खेले हैं और वह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने अपने करियर में अब तक 700 विकेट चटकाए हैं, जिससे वह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास के महानतम गेंदबाजों में गिने जाते हैं। एंडरसन ने भारत के खिलाफ 39 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें 149 विकेट लिए हैं।
एंडरसन का कहना है कि सचिन तेंदुलकर को गेंदबाजी करना उनके करियर का सबसे विशेष अनुभव रहा है। सचिन तेंदुलकर के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने 9 बार उन्हें आउट किया है, जो उनके करियर के अहम पलों में से एक रहा है। एंडरसन ने एक Q&A सत्र के दौरान स्काई स्पोर्ट्स क्रिकेट पर ये बातें कही।
तेंदुलकर के खिलाफ खेलना एंडरसन के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं था। यह सिर्फ उनकी गेंदबाजी कौशल की परीक्षा नहीं थी, बल्कि उनके मानसिक धैर्य और रणनीतिक सोच की भी परीक्षा थी। तेंदुलकर को आउट करना उनके लिए हमेशा गर्व का विषय रहा है, खासकर जब यह उनके 9 बार के सफल प्रयासों का परिणाम रहा है।
एंडरसन के करियर में कई यादगार मौके शामिल हैं। उनमें से एक खास पल था जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क को 2013 के ट्रेंट ब्रिज टेस्ट में आउट किया था। यह विकेट उनकी यादों में आज भी ताजा है।
हालांकि, थोड़ा अचरज में डालने वाला तथ्य यह है कि एंडरसन ने अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में अपनी बल्लेबाजी को चुना। उनके करियर की सबसे गर्व भरी उपलब्धि उनकी 2014 में ट्रेंट ब्रिज में भारत के खिलाफ 81 रन की पारी रही थी। उन्होंने इस मैच में अपने बल्लेबाजी कौशल का परिचय दिया और अपनी टीम को महत्वपूर्ण योगदान दिया।
एंडरसन टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में उनके असाधारण योगदान के लिए जाने जाते हैं। वह सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे अधिक टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ी भी हैं। तेंदुलकर ने 200 टेस्ट मैच खेले हैं, जबकि एंडरसन ने 187 टेस्ट मैचों में अपना योगदान दिया है।
एंडरसन का क्रिकेट के प्रति समर्पण और उनकी मेहनत से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। इंग्लैंड के इस महान गेंदबाज को क्रिकेट प्रेमियों द्वारा हमेशा याद किया जाएगा।
जेम्स एंडरसन का करियर कई मायनों में अद्वितीय रहा है। उन्होंने न सिर्फ अपनी गेंदबाजी से मैचों का रुख बदला है, बल्कि अपनी बल्लेबाजी से भी टीम की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सचिन तेंदुलकर के खिलाफ उनके अनुभव, उनके करियर की उपलब्धियां, और टेस्ट क्रिकेट में उनके योगदान को लेकर यह स्पष्ठ है कि वह क्रिकेट इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक हैं।
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Rupesh Sharma
सचिन के खिलाफ गेंदबाजी करना बस एक मैच नहीं, एक पूजा जैसा था। उनकी शांति और बल्लेबाजी का तरीका देखकर लगता था जैसे वो खेल नहीं, धर्म खेल रहे हैं। जेम्स ने जो कहा, वो सच है।
Jaya Bras
अरे यार एंडरसन ने तो सिर्फ 9 बार आउट किया है सचिन को ये बात बड़ी बात है क्या? मैंने तो 20 बार घर पर टीवी पर उन्हें आउट कर दिया है
Arun Sharma
यह बयान आंकड़ों के संदर्भ में अत्यंत असामान्य है। एंडरसन के विकेट लेने का औसत और तेंदुलकर के औसत की तुलना करने पर, यह दावा आंकड़ों के खिलाफ है। कृपया स्रोत दें।
Ravi Kant
भारत और इंग्लैंड के बीच क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, एक संस्कृति का संगम है। जेम्स ने जो कहा, वो एक गेंदबाज का सम्मान है, न कि बस एक रिपोर्ट।
Harsha kumar Geddada
देखो यार, जब तक आपने सचिन के खिलाफ गेंदबाजी नहीं की, तब तक आप नहीं जानते कि एक बल्लेबाज कितना अद्भुत हो सकता है। वो न तो डरते थे, न ही बदलते थे, वो बस आपकी गेंद को अपने तरीके से बदल देते थे। आपकी रणनीति, आपकी ताकत, आपका दिमाग - सब कुछ उनके बल्ले से बार-बार तोड़ दिया जाता था। ये नहीं कि वो बहुत अच्छे थे, वो तो एक ऐसे जीवन के रूप में थे जिसे आप नहीं समझ सकते, बस अनुभव कर सकते हैं। एंडरसन को उनकी याद आती है, तो उनकी आंखें भी भर आती हैं। और ये आंखों का भराव वो बात है जो किसी आंकड़े से नहीं बताई जा सकती।
sachin gupta
लेकिन अगर आप टेस्ट क्रिकेट की गहराई को जानते हैं, तो जेम्स की 81 रन की पारी और सचिन के खिलाफ उनके आउट करने का अनुभव - दोनों ही एक ही चीज़ को दर्शाते हैं: एक बड़े खिलाड़ी का अपने खिलाफ बड़े खिलाड़ी के साथ संघर्ष। ये नहीं कि एक ने दूसरे को हराया, बल्कि दोनों ने एक दूसरे को बनाया।
Shivakumar Kumar
ये लोग जो बोलते हैं वो सचिन के खिलाफ गेंदबाजी करने की बात करते हैं... लेकिन क्या किसी ने सोचा है कि सचिन ने भी एंडरसन को बार-बार बुरी तरह दिखाया है? जब एंडरसन ने उनकी गेंद पर लेगली बैक पर जाना चाहा, तो सचिन ने उनकी गेंद को लगातार बार-बार फिर से रास्ते से भटका दिया। ये नहीं कि एंडरसन कमजोर थे - बल्कि सचिन इतना शानदार था कि उनकी हर गेंद एक अलग कहानी बन जाती थी।
saikiran bandari
एंडरसन ने सचिन को 9 बार आउट किया ये बात बड़ी है तो तेंदुलकर ने एंडरसन को 500 बार बाहर कर दिया तो वो क्या
Rashmi Naik
ये सब एंडरसन के बारे में है लेकिन क्या आपने उनकी बल्लेबाजी के बारे में भी पढ़ा? वो तो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे अच्छे नंबर 11 हैं और उन्होंने जो 81 रन बनाए वो नहीं बल्कि एक ऐसा निर्णय था जिसने इंग्लैंड को बचा लिया
Vishakha Shelar
ओ माय गॉड ये सचिन को लेकर ये सब बातें फिर से? जब तक मैं टीवी पर देख रही हूं तब तक उनके लिए आंसू आ रहे हैं 😭😭😭
Ayush Sharma
इस लेख में एक अहम बात छूट गई है। जेम्स एंडरसन की बल्लेबाजी का योगदान टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में एक अद्वितीय घटना है। एक गेंदबाज के रूप में वह न केवल विकेट लेते हैं, बल्कि अपनी बल्लेबाजी से टीम को जीत की ओर ले जाते हैं।
charan j
क्या फर्क पड़ता है जिसने कितने विकेट लिए या किसको कितनी बार आउट किया बस एक बार बात कर लो और आगे बढ़ जाओ
Kotni Sachin
मुझे लगता है, जेम्स एंडरसन ने सचिन तेंदुलकर को सबसे बेहतरीन बल्लेबाज बताने के लिए बहुत बड़ी बात कही है। लेकिन यह भी ध्यान देने वाली बात है कि तेंदुलकर के खिलाफ गेंदबाजी करना एक ऐसा अनुभव है, जिसे कोई भी गेंदबाज नहीं भूल सकता। इसलिए, यह बयान न केवल एक सम्मान है, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव का भी प्रतीक है।
Nathan Allano
मैं तो बस यही सोच रहा हूँ कि जब एक गेंदबाज अपने करियर के अंत में अपने सबसे बड़े विरोधी को सबसे बेहतरीन बल्लेबाज बताता है, तो ये दिखाता है कि खेल का सच्चा मतलब क्या है। ये नहीं कि जीतना है, बल्कि उस खिलाड़ी को सम्मान देना है जिसने आपको बेहतर बनाया। एंडरसन और तेंदुलकर - दोनों ने एक दूसरे को बेहतर बनाया। ये खेल की असली जीत है।
Guru s20
मैंने एंडरसन को खेलते देखा है, और उनकी शांति और अपने खिलाफ खेलने वाले बल्लेबाज के प्रति सम्मान को देखकर लगता है कि वो खेल के अलावा भी एक बहुत बड़े इंसान हैं। सचिन के बारे में उनकी बातें दिल को छू गईं।