19 मई को 57 सीटों पर सात राज्यों और चंडीगढ़ में लोकसभा चुनाव का आखिरी चरण होगा। देशभर में हो रहे इस महासंग्राम में बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य शामिल हैं। यह चरण इस नजरिये से अहम है कि इसमें कई हाई प्रोफाइल उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनकी बहुत बड़ी भूमिका आगामी केंद्र सरकार के गठन में होगी।
उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट वाराणसी सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक है, जहां वे पुनः चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले बार की तरह इस बार भी वाराणसी में मोदी की लोकप्रियता को देखते हुए उनके समर्थकों में खासा उत्साह है। वहीं, अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मैदान में हैं और उनका मुकाबला केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से है। यह मुकाबला भी काफी खास है क्योंकि अमेठी गांधी परिवार का अभेद्य गढ़ समझा जाता है।
चांदनी चौक की सीट पर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन मुकाबला कर रहे हैं। पटना साहिब से अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के उम्मीदवार हैं और उनका सामना बीजेपी के रविशंकर प्रसाद से है। यह सीट भी काफी चर्चित है क्योंकि शत्रुघ्न सिन्हा ने हाल ही में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था और इस बार उनके सामने बड़ी चुनौती है।
पश्चिम बंगाल में टीएमसी और बीजेपी के बीच घमासान है, जहां नौ सीटों पर चुनाव होगा। ममता बनर्जी की टीएमसी और भाजपा के बीच इस प्रदेश में कड़ी टक्कर है। पिछले कुछ समय से राज्य में राजनीतिक हिंसा और विवाद बढ़े हैं, जिस कारण यहां चुनाव प्रक्रिया पर सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी नजर है।
हिमाचल प्रदेश में चार सीटों पर भाजपा मजबूत स्थिति में हैं। पिछले चुनाव में भाजपा ने यहां सभी चार सीटें जीती थीं और इस बार भी पार्टी को अपने प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद है।
चुनाव आयोग ने संवेदनशील इलाकों में शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है। देशभर के अधिकारियों और सुरक्षाबलों ने सुनिश्चित किया है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो और मतदान प्रक्रिया सकारात्मक तरीके से पूरी हो सके।
आखिरी चरण का यह चुनाव न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि इसमें होने वाले मामूली बदलाव भी चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। इसी कारण सभी प्रमुख पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
इस बार आम जनता की भी बड़ी भूमिका है क्योंकि उनकी जागरूकता और मताधिकार की सही उपयोगिता ही लोकतंत्र की नींव को मजबूत करती है। चुनाव परिणाम आने तक हर सीट का विश्लेषण और चर्चा राजनीति के गलियारों में जोर-शोर से चलती रहेगी।
देश के भविष्य के लिए यह चुनाव कितना महत्वपूर्ण है, यह हमें 23 मई को परिणाम के दिन ही देखने को मिलेगा। लेकिन फिलहाल, यह अंतिम चरण कई रंग-बिरंगे नजारों और राजनैतिक दांवपेंच से भरा हुआ होगा।
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