Yes Bank के शेयरों में 8.7% की गिरावट, SMBC डील और फंडरेजिंग चर्चा के बीच बढ़ी हलचल

Yes Bank के शेयरों में 8.7% की गिरावट, SMBC डील और फंडरेजिंग चर्चा के बीच बढ़ी हलचल

Yes Bank और SMBC डील के बाद शेयरों में जबरदस्त गिरावट

Yes Bank के शेयरों में अचानक बड़ी गिरावट मंगलवार को देखने को मिली, जिसने बहुत सारे निवेशकों को चौंका दिया। शेयर 8.47% गिर कर ₹21.30 तक पहुंच गए—ये कमी ऐसे समय आई जब जापान की दिग्गज Sumitomo Mitsui Banking Corporation (SMBC) द्वारा बैंक में 20% हिस्सेदारी खरीद की घोषणा सुर्खियों में है। इस डील में SMBC ने State Bank of India (SBI) और देश के सात और बैंकों से 413 करोड़ से ज्यादा शेयर खरीदे हैं। डील की कुल कीमत ₹13,482 करोड़ बैठती है। हर शेयर की कीमत ₹21.50 तय हुई। इस तरह की विदेशी हिस्सेदारी अब तक भारतीय बैंक सेक्टर में सबसे बड़ा कदम मानी जा रही है।

शेयरों की यह हलचल तब तेज हुई जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि SMBC भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास अपनी अलग से एक पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी स्थापित करने की अनुमति मांग रहा है। इस खबर के बाद सफाई आई कि बैंक को ऐसी किसी भी बातचीत की जानकारी नहीं है और वह पूरी तरह नियामकीय नियमों का पालन करता है। दरअसल, कयास लगाए जा रहे थे कि SMBC और अधिक 14% हिस्सेदारी खरीदने की योजना में है, जिससे उसका कुल स्वामित्व बढ़कर 51% हो सकता है। लेकिन बैंक ने सफाई देकर बताया—अभी ऐसी कोई आधिकारिक राय बन नहीं पाई है।

SMBC का रणनीतिक निवेश, SBI और Yes Bank की नई पारी

SMBC का रणनीतिक निवेश, SBI और Yes Bank की नई पारी

Yes Bank के CEO प्रशांत कुमार के मुताबिक SMBC का लगातार न्यूनतम 20% हिस्सेदारी बनाए रखने का इरादा है। भविष्य में बैंक को पूंजी जरूरत होगी तो SMBC इसमें और वित्तीय मदद कर सकता है। जरिए फंडरेजिंग पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है—इक्विटी, डेट या अन्य सिक्योरिटीज के जरिए। 3 जून को बैंक की बोर्ड मीटिंग भी इसी मसले पर हुई। SBI शेयर बेचने के बाद भी 10% से ज्यादा हिस्सेदारी अपने पास रखेगा।

अगर पीछे देखें तो SBI की अगुआई में 2020 में Yes Bank को नए सिरे से खड़ा किया गया था। उस वक्त SBI के पास कुल 24% हिस्सेदारी थी, जिससे बैंक को दोबारा मज़बूती मिली। अब SMBC का आना बैंक के लिए मुनाफे और विस्तार की नई संभावनाएं खोल रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं—SMBC का यह निवेश न सिर्फ बैंकिंग सेक्टर का विश्वास बढ़ाएगा, बल्कि Yes Bank की बदलती छवि के लिए एक बड़ा मौका भी है।

कुल मिलाकर, निवेशकों की असमंजस कुछ दिनों तक बनी रह सकती है, क्योंकि विदेशी हिस्सेदारी का मसला और RBI की मंजूरी जैसे पेचिदा सवाल अब भी हवा में हैं। फिर भी, इतने बड़े विदेशी निवेश के बाद Yes Bank के लिए आगे की राह दिलचस्प होती जा रही है।

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