उत्तर प्रदेश में तूफान की मार: 14 मौतें, 13 अप्रैल से स्थिति सुधरने की उम्मीद

उत्तर प्रदेश में तूफान की मार: 14 मौतें, 13 अप्रैल से स्थिति सुधरने की उम्मीद

उत्तर प्रदेश में मौसम का कहर

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मौसम का प्रकोप पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है। 10 से 12 अप्रैल के दौरान तेज बारिश, ओलावृष्टि, बिजली गिरने और तेज हवाओं ने 14 लोगों की जान ले ली। राजधानी लखनऊ से लेकर कानपुर, बहराइच और वाराणसी जैसे क्षेत्र इस तबाही से अछूते नहीं रहे।

विशेषकर बहराइच में ओलों ने खेतों पर सफेद चादर बिछा दी, जिसके कारण हजारों बीघा गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। साथ ही, तेज हवाओं ने सैकड़ों पेड़ उखाड़ दिए और बिजली के तारों को ध्वस्त कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप 300 से अधिक गांवों में अंधेरा छा गया।

जान के नुकसान और सरकारी प्रतिक्रिया

इस खतरनाक मौसम के कारण कई लोगों की जान भी गई। 23 वर्षीय किसान हरीशचंद्र भार्गव की मौत बिजली गिरने से सीतापुर में हुई। 55 वर्षीय महिला कुसमा देवी एक गिरती दीवार के नीचे दबकर सकरान में मारी गईं। फिरोजाबाद में एक व्यक्ति करंट लगने से अपनी जान गंवा बैठा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल नुकसान का आकलन और राहत कार्य शुरू करने का आदेश दिया। उन्होंने खासतौर पर फसल हानि के सर्वे और निकासी समाधान को प्राथमिकता देने की बात कही।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ और निम्न दाब की प्रणाली इस कठिनाई का कारण बनी। दिल्ली में धूल भरी आंधी और बारिश से कुछ समय के लिए गर्मी से राहत मिली।

IMD यह भी बता रहा है कि 13 अप्रैल से मौसम में सुधार की उम्मीद है, हालांकि कुछ जिलों में थोड़ी-बहुत बारिश जारी रह सकती है। खासकर बुंदेलखंड और अन्य क्षेत्रों में दीर्घकालिक हीटवेव का खतरा बना हुआ है।

उत्तर प्रदेश में इन प्राकृतिक आपदाओं से जान-माल की हानि से लोगों का हौसला जरुर चुटा लेकिन स्थिति के धीरे-धीरे सामान्य होने की उम्मीद है।

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