जब टाटा मोटर्स ने 14 अक्टूबर 2025 से अपना डीमर्जर लागू किया, बाजार में धक्के की तरह हलचल मच गई। शेयर कीमतें एक ही दिन में 40% गिरकर 399 रुपये पर आ गईं, जो पिछले बंद मूल्य 660.90 रुपये से बहुत नीचे है। यह गिरावट सिर्फ़ बेची गई शेयरों के कारण नहीं, बल्कि नई संरचना के कारण निवेशकों को दो कंपनियों में शेयर मिलने की संभावना से भी जुड़ी है।
डिमर्जर की योजना पहली बार मार्च 2024 में टाटा ग्रुप ने शेयरधारकों को बताई थी। उस समय कंपनी का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और लक्ज़री ब्रांड जैगर लैंड रोवर (JLR) का मूल्य अनलॉक करना था, जिससे दोनों सेक्टर में फोकस और पूँजी अपील बढ़े।
इस कदम को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई बेंच ने 25 अगस्त और 10 सितंबर 2025 को दो अलग‑अलग आदेशों द्वारा मंजूरी दी। आधिकारिक रूप से डिमर्जर 1 अक्टूबर 2025 को प्रभावी हो गया, जबकि शेयरधारकों के लिए रिकॉर्ड डेट 14 अक्टूबर तय किया गया।
डिमर्जर के बाद टाटा मोटर्स का नाम बदल कर टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (TMPVL) कर दिया गया, जिसमें इलेक्ट्रिक कार, SUV और JLR व्यवसाय शामिल होंगे। दूसरी ओर ट्रक‑बस के बड़े पोर्टफ़ोलियो को टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड (TML‑CV) को सौंपा गया। दोनों कंपनियों को आगे भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर अलग‑अलग लिस्टेड किया जाएगा।
रोक‑डेट 14 अक्टूबर 2025 को मौजूद टाटा मोटर्स के शेयरधारकों को नई दो कंपनियों में एक‑एक शेयर मिलेगा, यानी दोहरी हिस्सेदारी का लाभ। इस कारण शेयरधारकों को दो अलग‑अलग इकाइयों के भविष्य के विकास के लिए अतिरिक्त अवसर मिल रहा है।
शेयर कीमतों की असामान्य गिरावट बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर स्पष्ट दिखी। खुलने के तुरंत बाद टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स (PV) के शेयर में लगभग 5% की छोटी उछाल देखी गई, जबकि कमर्शियल व्हीकल्स (CV) के शेयर में 30% से अधिक झटका लगा। विश्लेषकों का मानना है कि PV शेयर में शुरुआती बढ़ोतरी संस्थागत निवेशकों की EV‑जैगर पोर्टफ़ोलियो में उम्मीदों की वजह से है, जबकि CV शेयर में गिरावट ट्रक‑बस सेक्टर के मौजूदा मंदी को दर्शाती है।
एक प्रमुख मार्केट स्ट्रेटेजी फर्म के अध्यक्षक ऋषि सिंह ने कहा, "डिमर्जर के बाद दो शेयरों में बाँटना निवेशकों को जोखिम‑वितरण का अवसर देता है, परन्तु वैल्यूएशन की दोहरी जाँच आवश्यक होगी।"
टाटा मोटर्स के सीईओ गिरीश वाघ ने बीपीएस (BPS) कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमारा लक्ष्य EV और लक्ज़री सेगमेंट में फोकस बढ़ाना है, और डिमर्जर हमें इसका स्पष्ट रास्ता देता है। दोनों नई इकाइयाँ स्वतंत्र रूप से बड़ी रणनीतिक फैसले ले पाएँगी।"
वित्तीय विश्लेषक अभिजीत राव ने कहा, "टाटा मोटर्स का 80 साल का इतिहास देखे तो यह चौथा डिमर्जर है; पिछले डिमर्जर ने कंपनी को नई ऊँचाइयों पर ले जाया था, लेकिन इस बार EV‑जैगर फोकस अधिक चुनौतीपूर्ण है क्योंकि प्रतिस्पर्धा तेज़ी से बढ़ रही है।"
कर्मचारी यूनियन ने भी आशा जताई कि दो अलग कंपनियों की स्थापना से कार्यस्थल पर अधिक स्पष्टता और विशेषीकृत करियर पथ विकसित होगा।
डिमर्जर के बाद दोनों नई इकाइयों की लिस्टिंग की तिथि अभी तय नहीं हुई है, परन्तु अनुमान है कि 2026 के पहले छः महीनों में दोनों को NSE और BSE पर सूचीबद्ध किया जाएगा। लिस्टिंग के साथ ही कंपनियों को वैल्यूएशन, शेयर बक्शी और रजिस्ट्रेशन खर्चों का सामना करना पड़ेगा।
इसी बीच, इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में सरकारी उत्साहवर्धन स्कीम, जैसे कि फास्टर एडवांस्ड इलेक्ट्रिक वाहन (फास्टर एईवी) नियम, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के शुरुआती वर्ष में अतिरिक्त लाभ ला सकते हैं। दूसरी ओर, टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स को घरेलू लॉजिस्टिक्स और परिवहन संस्थानों के साथ दीर्घकालिक कॉन्ट्रैक्ट्स की आवश्यकता होगी, जिससे राजस्व स्थिरता बनेगी।
रिकॉर्ड डेट 14 अक्टूबर 2025 को टाटा मोटर्स के शेयरधारकों को दो नई कंपनियों—टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड—में एक‑एक शेयर मिलेगा। इससे निवेशकों को दोनों व्यवसायों की भविष्य की वृद्धि से लाभ उठाने का द्वि‑पंखी अवसर मिलेगा।
वर्तमान में टाटा ग्रुप ने आधिकारिक तिथि नहीं दी है, पर वित्तीय विश्लेषकों का अनुमान है कि 2026 के पहले छह महीनों में दोनों इकाइयों को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर सूचीबद्ध किया जाएगा। लिस्टिंग प्रक्रिया में वैल्यूएशन, शेयर बक्शी और नियामक अनुमोदन शामिल हैं।
डिमर्जर से EV विकास को विशेष फोकस मिल रहा है। नई पैसेंजर व्हीकल इकाई को इलेक्ट्रिक कार, SUV और JLR के साथ एकीकृत रणनीति बनाने की आज़ादी मिलेगी, जिससे फंडिंग, R&D और नई मॉडल लॉन्च तेज़ हो सकते हैं। सरकार की ईवी-प्रोत्साहन नीतियों से भी इस इकाई को अतिरिक्त सीनियरिटी मिलती है।
ट्रक और बस बाजार में प्रतिस्पर्धा तेज़ी से बढ़ रही है, साथ ही ईंधन की कीमतें और पर्यावरणीय नियम कड़े हो रहे हैं। टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स को अपने प्रोडक्ट पोर्टफ़ोलियो में हाइब्रिड और ई‑व्हीकल विकल्प जोड़ने की जरूरत है, और लॉजिस्टिक कंपनियों के साथ दीर्घकालिक अनुबंध सुरक्षित करना होगा।
दो अलग‑अलग कंपनियों के शेयरों का मूल्य मिलाकर कुल मार्केट कैप लगभग समान रहने की संभावना है, पर शेयर की तरलता और निवेशक भावना में अंतर आएगा। यदि पैसेंजर व्हीकल्स की EV‑जैगर प्रगति सफल रही तो उसकी प्रीमियम वेल्यूएशन संभावित है, जबकि कमर्शियल व्हीकल्स को मौसमी उतार‑चढ़ाव का सामना करना पड़ेगा।
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poornima khot
हम सब जानते हैं कि डिमर्जर से कंपनी को नया फोकस मिलेगा, तो निवेशकों को भी थोड़ा धैर्य रखना चाहिए।
Rajesh kumar
देश की सबसे बड़ी औद्योगिक ताक़त को अगर विभाजित करके बेचना पड़े तो यह सिर्फ़ एक बेतुकी चाल नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्रीय स्वाभिमान की चोट है। इस तरह की डिमर्जर नीति से न सिर्फ़ शेयरहोल्डर्स को नुकसान पहुंचता है, बल्कि बनिया वर्ग की मेहनत भी क्षीण हो जाती है। हर बार जब बड़े कॉरपोरेशन अपने हित में काम करते हैं, हमें याद रखना चाहिए कि उनका मूल मकसद भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना होना चाहिए, न कि विदेशी पूँजी को आकर्षित करना। इस कदम को समझते हुए हमें भारतीय उत्पादन को प्राथमिकता देनी होगी, न कि विदेशी तकनीकी साझेदारियों पर निर्भरता बढ़ानी।
Bhaskar Shil
डिमर्जर से मिलने वाली दो स्वतंत्र इकाइयों में synergies को maximize करने के लिए value proposition को स्पष्ट करना ज़रूरी है। EV‑जैगर सेक्टर में focused R&D और JLR की premium branding दोनों को अलग‑अलग isolation में रखते हुए, integrated supply chain को मजबूत किया जा सकता है। इस कदम से capital allocation efficiency बढ़ेगी और risk‑adjusted returns में इज़ाफ़ा होगा।
Halbandge Sandeep Devrao
डिमर्जर एक रणनीतिक अभिनव कदम है, जो केवल विभाजन के रूप में नहीं, बल्कि दो स्वतंत्र इकाइयों के माध्यम से मूल्य सृजन के नवीनतम मॉडल के रूप में देखा जाना चाहिए। पहला बिंदु यह है कि टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (TMPVL) को इलेक्ट्रिक वांछनीयता और प्रीमियम लक्ज़री ब्रैंड JLR का सम्मिलित पोर्टफ़ोलियो मिलेगा, जबकि टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड (TML‑CV) को ट्रक‑बस की विस्तृत डिवीजन प्राप्त होगी। इस विभाजन के कारण प्रत्येक इकाई अपनी विशिष्ट बाजार गतिशीलता को अधिक स्पष्टता से समझेगी, जिससे पूँजी संरचना अनुकूलित होगी और वित्तीय लक्ष्य स्पष्ट रूप से निर्धारित हो सकेंगे। द्वितीय, एंटरप्राइज़ रीस्ट्रक्चर के तहत दो अलग‑अलग बैलेंस शीट्स के निर्माण से प्रत्येक इकाई अपने निवेशकों को अलग‑अलग वैल्यूएशन मॉडलों द्वारा प्रस्तुत कर सकेगी, जिससे इक्विटी मार्केट में डाइनामिक मूल्यांकन संभव होगा। तृतीय, डिमर्जर के परिणामस्वरूप शेयरधारकों को दो शेयर मिलने का अवसर मिलने से, जोखिम‑वितरण की रणनीति को बल मिलेगा; यह विविधीकरण निवेशकों को अनिश्चितता के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करेगा। चौथा, नियामक दृष्टिकोण से, NCLT द्वारा मान्य आदेशों ने प्रक्रिया को वैधता प्रदान की है, जिसका अर्थ यह है कि कानूनी अड़चनें न्यूनतम रहेंगी। पंचम, दो कंपनियों की अलग‑अलग लिस्टिंग के समय, बाजार सहभागियों को क्रमिक मूल्यांकन का अवसर मिलेगा, जो अनुमानात्मक रूप से प्रत्येक इकाई के भविष्य के नकदी प्रवाह पर अधिक सटीक असाइलमेंट की अनुमति देगा। षष्ठ, EV‑सेगमेंट में सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे फास्टर एईवी स्कीम के लाभ दोनों इकाइयों को समान रूप से नहीं मिलेंगे; केवल TMPVL को साक्षात्कारात्मक प्रोत्साहन मिलेगा, जो उसकी विकास गति को तेज़ करेगा, जबकि TML‑CV को लॉजिस्टिक कॉन्ट्रैक्ट्स के माध्यम से स्थायी राजस्व स्रोत मिलेंगे। सातवाँ, इस विभाजन का दीर्घकालिक प्रभाव यह हो सकता है कि दोनों इकाइयों को अपने‑अपने उत्पाद नवाचार में अधिक स्वायत्तता मिलेगी, जिससे प्रतिस्पर्धी लाभ की अवधि बढ़ेगी। अतः, डिमर्जर न केवल संरचनात्मक पुनर्संरचना का प्रतीक है, बल्कि दो स्वतंत्र इकाइयों के माध्यम से बाजार का पुनः मूल्यांकन और निवेशकों के लिए नई अवसर-सृष्टि का मार्ग है।
One You tea
क्या बात है यार, अब टाटा दो हिस्सा कर देगा, जैसे दो थाली में रागीबोला खिला रहा हो! बड़े लोग सोचे समझे बगैर ही ये फैसला लिया, लग रहा है जैसे बज़्ज़ार में कोई चेक-इन हो। एक तरफ़ EV‑जैगर, दूसरी तरफ़ ट्रक‑बस, अरे भई, आपस में मिल के काम करलो ना, नहीं तो निवेशकभाई लोग उलझन में पड़ेंगे।
Hemakul Pioneers
डिमर्जर का निर्णय एक व्यापक परिप्रेक्ष्य से देखना चाहिए, जहाँ कंपनी का भविष्य सुदृढ़ होने की संभावना है। EV‑सेगमेंट की बढ़ती मांग और लक्ज़री ब्रांड की निरंतर इच्छा दोनों को अलग‑अलग पहचाना जा सकता है, जिससे फोकस स्पष्ट हो जाता है।
Shivam Pandit
बहुत अच्छा कदम है, टाटा ने, इसलिए निवेशकों को, और कंपनी को, दोनों को लाभ होगा,, आगे की रोडमैप पर ध्यान दें,,
parvez fmp
हाय! टाटा भाई ने बड़ा डिटेल में डिमर्जर कर दिया 🙌🏼 अब EV वाले और ट्रक वाले दो अलग शेर होगी, मज़ेदार टाइम! 😂
s.v chauhan
डिमर्जर की खबर सुनके दिल में नई ऊर्जा आ गई है, चलो मिलकर इस बदलाव का समर्थन करें और साथ में बड़िया भविष्य बनाते हैं!
Thirupathi Reddy Ch
खबरों पर भरोसा मत करो, ये सब तो बड़े बैंकों की अपनी चाल है, एक दिन सब खुल जाएगा।
Sonia Arora
डिमर्जर का असर शेयरधारकों के लिए दोहरी अवसर देगा, जैसा कि बताया गया, यह निवेशकों के मन में आशा जगा रहा है।
abhinav gupta
बहुत ही सामान्य बात है।