तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने 'अमरन' फिल्म को बताया भारतीय सेना की सर्वश्रेष्ठ फिल्म

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने 'अमरन' फिल्म को बताया भारतीय सेना की सर्वश्रेष्ठ फिल्म

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सिनेमा की ताकत को सराहा

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 'अमरन' फिल्म देखने के बाद इसे भारतीय सेना पर बनी सबसे बेहतरीन फिल्म बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की फिल्में युवाओं के लिए बेहद प्रेरणास्पद होती हैं। फिल्म की कहानी एक सच्चे जीवन पर आधारित है, जो दर्शाती है कि कैसे एक सेना अधिकारी ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। स्टालिन उपस्थित सभी सितारों और पूरी टीम को इस उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस फिल्म को देखकर युवा पीढ़ी नागरिक सेना के प्रति एक नया दृष्टिकोण विकसित करेगी और सैनिक बनने के लिए प्रेरित होगी।

मेजर मुकुंद वरदराजन की कहानी और 'अमरन' फिल्म

'अमरन' फिल्म एक युद्ध नायक की कहानी कहती है, जिसका नेतृत्व मेजर मुकुंद वरदराजन ने किया था। यह फिल्म 44 राष्ट्रीय राइफल्स की चीताह कंपनी के नेतृत्व की उनकी यात्रा पर आधारित है। फिल्म में शिवकार्तिकेयन ने मेजर वरदराजन का किरदार निभाया है। फिल्म में न केवल उनके वीरता की गाथा है बल्कि उनके पारिवारिक जीवन के संघर्ष और उनकी पत्नी इंदु वर्गीज की बलिदान की भी कहानी है, जो एक सेना अधिकारी की पत्नी होने के नाते कठिन चुनौतियों का सामना करती हैं।

ट्रेलर की व्यापक स्वीकार्यता

'अमरन' के ट्रेलर ने अपने रिलीज के बाद से ही दर्शकों के बीच उत्साह पैदा किया है। इसमें कुछ प्रसिद्ध संवाद हैं जो दर्शकों को अंदर से छूते हैं। एक संवाद है, '44 आरआर को चुना नहीं जाता है, बल्कि 44 आरआर आपको चुनती है,' जो इस फिल्म के साहसी और संवेदनशील पहलू को दर्शाता है। इसका सेट्रीय और जबरदस्त परिदृश्य मेलोड्रामा के बिना जीवन की कठोर वास्तविकताओं को दर्शाता है।

प्रमुख क्रियेटिव टीम की कमाल की प्रस्तुति

फिल्म का निर्देशन राजकुमार पेरियासामी ने किया है, और इसे कमल हासन, आर. महेंद्रन और सोनी पिक्चर्स इंटरनेशनल प्रोडक्शंस द्वारा उत्पादित किया गया है। यह फिल्म विभिन्न भाषाओं में रिलीज की गई है, जिसमें तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी में भी इसे प्रस्तुत किया गया है। अलग-अलग भाषाओं में प्रभावशाली हस्तियों ने इसे प्रोत्साहित किया है, जिनमें नानी, तोविनो थॉमस, शिवराज कुमार और आमिर खान शामिल हैं।

वितरण और मशहूर अदाकारी

नेटिज़न्स ने भी 'अमरन' को भारतीय सेना पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक माना है। शिवकार्तिकेयन और साई पल्लवी द्वारा दी गई दमदार अदाकारी ने दर्शकों को भावुक कर दिया है। फिल्म के भावनात्मक और एक्शन से भरपूर दृश्य प्रमुखता से सिंपल होते हुए भी अत्यधिक प्रभावशाली हैं, जिससे यह मेजर मुकुंद वरदराजन को एक सच्ची श्रद्धांजलि बन गई है। सेना के बलिदान और उनके परिवार की पीड़ा की वास्तविकता को दर्शाने वाली इस प्रस्तुति ने दर्शकों को भीतर तक प्रभावित किया है।

संस्कृति और समाज पर प्रभाव

'अमरन' एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी है, जो एक सच्चे नायक की गाथा उन्हीं की जुबानी सुनाती है। यह फिल्म सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि एक संदेश देती है कि सच्चे भारतीय सेनानी कैसे देश की रक्षा करते हैं। इसके साथ ही, यह कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो देश की सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझेंगे और सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

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