क्रिकेट में औपचारिक रूप से टॉस सिर्फ एक छोटी सी प्रक्रिया लगती है, पर कभी‑कभी इससे बड़ा विवाद उभर जाता है। आम तौर पर टॉस टीम को पहले बैटिंग या बॉलिंग चुनने का अधिकार देता है, लेकिन जब टॉस के परिणाम में कोई सवाल उठता है, तो पूरी मैच की रणनीति बदल सकती है। तो चलिए समझते हैं कि टॉस विवाद क्यों होते हैं और उनका क्या असर पड़ता है।
1. टॉस के दौरान तकनीकी खराबी – अगर इलेक्ट्रॉनिक टॉस मशीन सही से काम नहीं करती, तो दोनों टीमों को भरोसे‑मंद परिणाम नहीं मिलता। कई बार इस कारण दोबारा टॉस करवाने पर भी विवाद बढ़ जाता है।
2. कप्टर की गलतियाँ – कभी‑कभी कप्तान टॉस का फैसला सही समय पर नहीं ले पाते या अपने कोच से सलाह लेकर निर्णय बदलते हैं। इससे विरोधी टीम में नाराज़गी पैदा होती है।
3. मौसम या पिच की बदलती परिस्थितियां – अगर टॉस के बाद मौसम अचानक बदल जाता है, तो टॉस जीतने वाली टीम को वैध कारणों से जीत की भावना मिलती है। इससे विरोधी टीम कहती है कि टॉस का फायदा लेकर unfair advantage मिला।
विवाद केवल शब्दों तक सीमित नहीं रहता, इसका प्रत्यक्ष असर खेल में दिखता है। टॉस जीतने वाली टीम अक्सर पिच के अनुकूल बॉलिंग या बैटिंग का चुनाव करती है, जिससे शुरुआती ओवर में ही खेल का रंग बदल जाता है। दूसरी टीम को अपने प्लान को जल्दी री‑एडजस्ट करना पड़ता है, जिससे खिलाड़ी मानसिक रूप से दबीं महसूस कर सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर 2024 में एक अंतरराष्ट्रीय मैच में टॉस के बाद भारी बारिश हुई, लेकिन टॉस जीतने वाली टीम ने जल्दी से सेकेंड ऑवर में बदलती पिच के हिसाब से गेंदबाज़ी शुरू कर दी। विरोधी टीम ने कहा कि टॉस का फायदा लेकर उन्होंने मैच को ज़्यादा आसान बना दिया। अंत में मैच रद्द हो गया, पर दोनों पक्षों के बीच टॉस की नीति पर नई चर्चाएँ शुरू हो गईं।
अंत में, अगर आप क्रिकेट फैन हैं और टॉस विवाद से परेशान होते हैं, तो कुछ बातों को याद रखें – टॉस सिर्फ एक छोटा भाग है, असली जीत टीम के प्लान, तैयारियों और खेल भावना पर निर्भर करती है। इसलिए टॉस के बाद भी खेल का आनंद लेना ज़रूरी है।
एशिया कप 2025 के इंडिया-पाकिस्तान मैच से पहले टॉस के दौरान Suryakumar Yadav के हैंडशेक से बचने का वीडियो वायरल हुआ। उपलब्ध रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। सोशल मीडिया पर ‘अर्शदीप का नाम भूलना’ और ‘मैं रोहित शर्मा बन गया’ जैसे दावे घूम रहे हैं, लेकिन स्रोतों में इसकी पुष्टि नहीं मिलती।
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