सुनीता विलियम्स: टेनिस की दिग्गज

जब हम टेनिस की बात करते हैं तो सुनीता का नाम सबसे पहले दिमाग में आता है। चार साल की उम्र में रैकिट लेकर कोर्ट में कदम रखे वो अब खेल जगत की सबसे बड़ी आइकन बन गईं। उनका सफर सिर्फ जीत नहीं, बल्कि कई कठिनाइयों को मात देकर आगे बढ़ने की कहानी है।

बचपन से ग्लोबल स्टार तक

सुनीता का जन्म 26 सितंबर 1981 को कालीफोर्निया में हुआ था। चार साल की उम्र में उनका पिता, रिचर्ड विलियम्स ने उन्हें टेनिस सिखाया। शुरुआती अभ्यास बहुत साधारण थे—पार्क में बॉल मारना और छोटी-छोटी प्रतियोगिताओं में भाग लेना। लेकिन जल्द ही उनके कोच ने देखा कि उनमें कुछ अलग है।

1995 में वह प्रो बन गईं, यानी सिर्फ 14 साल की उम्र में ही दुनिया के बड़े टेनिस मंच पर कदम रख दिया। चार साल बाद, 1999 में यूएस ओपन जीतकर उन्होंने अपना पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीता। इस जीत ने उन्हें तुरंत स्टार बना दिया और युवा खिलाड़ियों के लिए एक रोल मॉडल बन गया।

ग्रैंड स्लैम की बौछार और रिकॉर्ड

सुनीता ने अपने करियर में 23 ग्रैंड स्लैम अकेले खिताब जीते, जो किसी भी महिला खिलाड़ी से कहीं आगे है। 2002‑03 सीज़न में उन्होंने चार लगातार सिंगल्स टाइटल हासिल किए—ऑस्टिन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और यूके के कोर्ट पर उनका दबदबा था। कुल मिलाकर वह 319 हफ़्ते तक विश्व नंबर 1 रहीं, जिससे उनके निरंतर प्रदर्शन का प्रमाण मिलता है।

उनकी ताकत सिर्फ सर्विस या बैकहैंड में नहीं थी; उन्होंने खेल के बाहर भी कई पहल कीं—ऑलिम्पिक गोल्ड मेडल, परोपकारी कार्य और महिलाओं को टेनिस में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना। 2022 में अंतिम मैच खेलने के बाद विदा ली, लेकिन उनका नाम नई पीढ़ी के लिये हमेशा मोटिवेशन रहेगा।

सुनीता की कहानी बताती है कि अगर आप मेहनत और धैर्य से काम लें तो उम्र या बाधाओं का कोई मतलब नहीं रहता। उनके जैसे खिलाड़ी न सिर्फ खेल में बल्कि जीवन में भी जीत हासिल कर सकते हैं।

अगर आप अपने बच्चों को टेनिस या किसी और खेल में लगाना चाहते हैं, तो सुनीता की यात्रा एक बेहतरीन उदाहरण है—छोटी उम्र से अभ्यास, सही मार्गदर्शन और लगातार खुद पर भरोसा। याद रखें, हर बड़ा खिलाड़ी एक छोटे कदम से शुरू होता है।

सुनीता विलियम्स ने दिखाया कि सपने देखना आसान है, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत जरूरी है। उनका नाम हमेशा टेनिस की इतिहास में चमकेगा और आने वाले सालों में भी नए खिलाड़ियों को प्रेरित करता रहेगा।

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भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने साथी नासा सहयोगी बट्च विलमोर के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेंगी। उनकी योजना पैसे भेजे गए और अस्थायी मुद्दों ने उनके मिशन को लंबा कर दिया है। नासा ने सुनिश्चित किया है कि दोनों अंतरिक्ष यात्री अपने वोट डाल सकते हैं।

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