जब देश की रक्षा बात आती है तो हर कोई जानना चाहता है कि कौन‑सी कंपनियां, किस तरह के प्रोडक्ट और कैसे नौकरियाँ मिल सकती हैं। यहाँ हम सरल शब्दों में रक्शा उद्योग के मुख्य पहलुओं को समझाते हैं ताकि आप आसानी से जानकारी ले सकें.
भारत में रक्शा उद्योग कई बड़े नामों से बना है। लार्सन & टुब्रो डिफेन्स, बजाज एलएंडई, बीपीएल, एशिया इंडस्ट्रीज व भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) जैसी कंपनियां हथियार, एयरोस्पेस और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम बनाती हैं। ये फर्में केवल सेना के लिए नहीं, बल्कि सीमा सुरक्षा, पुलिस और निजी सेक्टर को भी समाधान देती हैं। उदाहरण के तौर पर, BEL का RADAR सिस्टम एयर फ़ोर्स की निगरानी में मदद करता है जबकि बजाज एलएंडई टैंक व एयरक्राफ्ट इंजन बनाता है.
पिछले कुछ सालों में सरकार ने रक्शा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। "Make in India" योजना के तहत रक्षा उत्पादन का 70 % लक्ष्य भारत में ही रखने की नीति है. इससे विदेशी कंपनियों को भी स्थानीय साझेदार बनकर निवेश करने का मौका मिला। साथ ही, रक्षा खरीद के नियमों को सरल बनाया गया जिससे नई कंपनियां जल्दी-बाजार में आ सकें। ये बदलाव न सिर्फ टेक्नोलॉजी में सुधार लाते हैं बल्कि युवाओं के लिए नौकरी की संभावना भी बढ़ाते हैं.
यदि आप रक्शा उद्योग में करियर बनाना चाहते हैं तो इंजीनियरिंग (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, एयरोस्पेस) और साइबर‑सिक्योरिटी जैसी डिग्री फायदेमंद रहती है। कई कंपनियां इंटर्नशिप और ग्रेजुएट ट्रेनी प्रोग्राम चलाती हैं जहाँ से स्थायी नौकरी मिल सकती है. इसके अलावा, सरकारी परीक्षाओं (जैसे NDA, CDS) के माध्यम से भी सीधे सेना में प्रवेश संभव है.
उद्योग की मांग सिर्फ हार्डवेयर तक सीमित नहीं है। सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट, डेटा एनालिटिक्स और AI‑आधारित रक्षा समाधान की जरूरत बढ़ रही है। इस दिशा में स्टार्टअप्स भी उभर रहे हैं; कुछ ड्रोन निर्माण पर काम करते हैं तो कुछ साइबर हमले रोकने वाले टूल बनाते हैं. यदि आपके पास आईडिया है तो इन क्षेत्रों में फंडिंग के अवसर मिल सकते हैं.
रक्शा उद्योग का भविष्य कई तकनीकों से आकार ले रहा है: इलेक्ट्रिक टैंक, हाइपरसोनिक मिसाइल और क्वांटम कम्युनिकेशन. ये सब भारत की स्वावलंबी रक्षा रणनीति में शामिल हैं। सरकार ने 2030 तक इन नई टेक्नोलॉजीज के लिए विशेष बजट आवंटित किया है, इसलिए निवेशकों को भी इस सेक्टर में आकर्षण दिख रहा है.
आपको शायद यह पूछना पड़े कि रोज़मर्रा की जिंदगी में रक्शा उद्योग से कैसे जुड़ें? जवाब आसान है – सुरक्षा उपकरण जैसे बॉडी कैमरा, निजी गार्ड सर्विस या होम सिक्योरिटी सिस्टम खरीदते समय भरोसेमंद भारतीय ब्रांड चुनें. इससे स्थानीय कंपनियों को बाजार में बढ़ावा मिलता है और आप भी बेहतर सुरक्षा पाते हैं.
संक्षेप में कहा जाए तो रक्शा उद्योग एक तेज़ी से बढ़ता क्षेत्र है, जिसमें बड़े खिलाड़ी, नई नीति, तकनीकी इनोवेशन और रोजगार के कई द्वार खुले हैं. चाहे आप नौकरी की तलाश में हों या निवेश करने वाले, इस उद्योग को समझना आपके लिये फायदेमंद रहेगा.
राम स्टील ट्यूब्स लिमिटेड के शेयरों में करीब 20% की वृद्धि हुई जब कंपनी ने ओनिक्स रिन्यूएबल लिमिटेड के साथ रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की। इसके साथ ही कंपनी ने एक नई पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, राम डिफेंस प्राइवेट लिमिटेड, की स्थापना की। शेयरों की इस भारी वृद्धि के पीछे ग्रीन एनर्जी और रक्षा क्षेत्र की विकास संभावनाएं शामिल हैं।
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