कॉन्टैक्ट लेन्स: क्या चुनना चाहिए और कैसे रखें साफ़‑सफ़ाई?

क्या आप ग्लासेस से थक चुके हैं या खेल‑कूद में बाधा महसूस कर रहे हैं? कॉन्टैक्ट लेंस अक्सर आसान विकल्प बन जाता है। लेकिन सही लेंस चुनना, रोज़मर्रा की देखभाल और छोटी‑छोटी गलतियों से बचना भी ज़रूरी है, वरना आँखों को नुकसान पहुंच सकता है। इस लेख में हम सबसे उपयोगी टिप्स बताएंगे – ताकि आप बिना परेशानी के साफ‑सुथरे लेंस का मज़ा ले सकें।

कॉन्टैक्ट लेंस चुनते समय क्या देखें?

सबसे पहले, आँखों की जाँच कराना अनिवार्य है। ओफ़्थाल्मोलॉजिस्ट आपके रीफ्रैक्शन (दृष्टि) और आंख के आकार को मापेगा, फिर सही पावर और बेस कर्व वाला लेंस सुझाएगा। दो मुख्य प्रकार होते हैं – सॉफ्ट लेंस और हार्ड गैस पारमिएबल (RGP) लेंस।

  • सॉफ्ट लेंस: शुरुआती लोगों के लिए आरामदायक, कम देखभाल की जरूरत, रोज़ बदलने वाले (डेली), साप्ताहिक या मासिक विकल्प उपलब्ध।
  • RGP लेंस: हाई प्रिसिशन विज़न देता है, लेकिन पहनना थोड़ा सीखना पड़ता है और साफ‑सफ़ाई में ध्यान रखना होता है।

ध्यान रखें कि कोई भी लेंस बिना डॉक्टर की लिखी रेसिपी के न खरीदें। बाजार में उपलब्ध ‘ऑफ‑ब्रांड’ या ‘जेनरिक’ लेंस अक्सर क्वालिटी में अंतर रखते हैं, जिससे इरिटेशन या संक्रमण हो सकता है।

सही देखभाल और साफ़‑सफ़ाई के कदम

लेंस को साफ़ रखने का सबसे आसान तरीका – हल्के साबुन‑पानी से हाथ धोएँ, फिर सूखे तौलिये से पूरी तरह सुखाएँ। लेंस केस भी हर रात बदलें; पुराने सॉल्यूशन में बैक्टीरिया जमा हो सकता है।

  1. लेंस को निकालते समय दो उंगलियों की मदद लें – अंगुली और मध्यमा। तेज़ खिंचाव से बचें।
  2. सॉल्यूशन (नॉन‑परॉक्साइड) में लेंस को 4‑6 मिनट तक भिगोएँ, फिर नर्म टॉपिकली रब करें।
  3. धुले हुए लेंस को साफ़ केस में रखें और नई सॉल्यूशन डालें। कभी भी पानी या आँसू से लेंस न धोएँ – इनमें माइक्रो‑ऑर्गैनिज्म होते हैं।
  4. अगर लेंस पर धुंधली जगह, लालिमा या असहजता महसूस हो तो तुरंत निकाल कर डॉक्टर को दिखाएँ।

कई लोग रात भर लेंस पहनते रहते हैं, लेकिन यह खतरा बढ़ा देता है। अधिकांश सॉफ्ट लेंस के लिए 8‑10 घंटे से अधिक नहीं पहना जाना चाहिए। अगर आपको आँखों में जलन या सूखापन महसूस हो तो तुरंत ब्रेक लें और आर्टिफ़िशियल टियर ड्रॉप इस्तेमाल करें।

एक आम गलती यह है कि लोग लेंस केस को रोज़ नहीं साफ़ करते। हर दिन केस को सॉल्यूशन से धोएँ, फिर उसे खुले में सूखने दें। बंद जगह पर रखे केस में बैक्टीरिया जल्दी बढ़ता है।

अंत में, अगर आप खेल‑कूद या पानी वाले काम करते हैं तो डिस्पोजेबल लेंस (डेली) बेहतर रहेगा – क्योंकि इन्हें बाद में फेंक दिया जाता है और संक्रमण का जोखिम कम रहता है। याद रखें: कोई भी लेंस ‘हर दिन पहन सकते हैं’ नहीं; हर लेंस की अपनी लाइफ़ टाइम होती है, जिसे रेसिपी में लिखा होता है.

इन सरल कदमों को अपनाएँ और आप कॉन्टैक्ट लेंस के साथ साफ‑सुथरी दृष्टि का आनंद ले सकेंगे। अगर अभी भी कोई सवाल या असहजता महसूस हो रही है तो तुरंत अपने नेत्र चिकित्सक से संपर्क करें – आपकी आँखें, आपका भविष्य!

टेलीविज़न अभिनेत्री जैस्मिन भसीन को कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से हुआ आंख में चोट, अस्थायी अंधापन और दर्द से जूझ रही हैं

टेलीविज़न अभिनेत्री जैस्मिन भसीन को कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से हुआ आंख में चोट, अस्थायी अंधापन और दर्द से जूझ रही हैं

टेलीविज़न अभिनेत्री जैस्मिन भसीन को कॉन्टैक्ट लेंस पहनने के कारण आंख में चोट लगने से अस्थायी अंधापन और दर्द का सामना करना पड़ा है। यह समस्या उन्हें 17 जुलाई को दिल्ली में एक इवेंट की तैयारी के दौरान हुई। उपचार के बाद डॉक्टरों ने उन्हें चार से पांच दिन में सुधार की उम्मीद जताई है।

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