हर दिन नई एआई एप्लिकेशन हमारी स्क्रीन पर दिखती हैं। चैटबॉट से लेकर मेडिकल डाइग्नोसिस तक, तकनीक हमारे काम को आसान बनाती जा रही है। इस पेज में हम उन प्रमुख ख़बरों को संक्षेप में बताएँगे जो आपके लिये फ़ायदे‑मंद होंगी।
भोजन ऑर्डर करने वाले ऐप अब आपके पसंदीदा रेस्टोरेंट को अनुमानित समय में ढूँढते हैं, क्योंकि उनके पीछे मशीन लर्निंग मॉडल काम कर रहे होते हैं। इसी तरह, मोबाइल कैमरा मोड्स पोर्ट्रेट या नाइट शॉट्स को स्वचालित रूप से बेहतर बनाते हैं – सब एआई की वजह से। अगर आप खुद भी एआई का उपयोग करके समय बचाना चाहते हैं तो सरल टूल जैसे गूगल असिस्टेंट या सिरी को अपनाएँ, इन्हें सेट‑अप करना बहुत आसान है।
सरकार ने "डिजिटल इंडिया" योजना के तहत एआई स्टार्ट‑अप्स को फंडिंग दी है और कई शैक्षणिक संस्थानों में एआई लैब शुरू की गई हैं। इससे नई नौकरी, नई सॉल्यूशन्स और छोटे व्यवसायों के लिये किफ़ायती ऑटोमेशन टूल उपलब्ध हो रहे हैं। यदि आप अपना छोटा व्यापार चलाते हैं तो इन सरकारी योजनाओं को देखना फायदेमंद रहेगा – कई बार ग्रांट या टैक्स रियायतें मिल जाती हैं।
एआई में सबसे चर्चा वाला क्षेत्र है जेनरेटिव एआई, यानी टेक्स्ट, इमेज या वीडियो बनाना। हाल ही में चैटजीपीटी जैसे मॉडल ने लेखन और ग्राहक सहायता को तेज़ कर दिया है। छोटे व्यवसाय मालिक अब बिना बड़े टीम के भी ग्राहकों के सवालों का जवाब दे सकते हैं। आप अपने ब्लॉग के लिये भी ऐसे टूल से विचार जनरेट करके काम की गति बढ़ा सकते हैं।
अगर स्वास्थ्य क्षेत्र देखेंगे तो एआई ने रोग निदान में मदद करने वाले एप्लिकेशन लाए हैं। उदाहरण के तौर पर, कुछ ऐप्स कैंसर स्क्रिनिंग के लिए इमेज़ का विश्लेषण कर शुरुआती चेतावनी देते हैं। इनका उपयोग डॉक्टरों को जल्दी निर्णय लेने में सहायता करता है और मरीजों की बचत भी होती है। इस तरह की तकनीकें अब बड़े शहरों से बाहर छोटे क्लीनिक तक पहुँच रही हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में एआई ट्यूटरिंग सिस्टम छात्रों की कमजोरियों को पहचानकर व्यक्तिगत अभ्यास प्रदान करते हैं। अगर आप अभिभावक या शिक्षक हैं तो ऐसे प्लेटफ़ॉर्म अपनाने से पढ़ाई में अंतर कम हो सकता है। कई मुफ्त ऐप्स भी उपलब्ध हैं, बस इंटरनेट कनेक्शन चाहिए और फिर सीखने का मज़ा दोगुना होगा।
एआई को लेकर अक्सर सुरक्षा की चिंता रहती है। डेटा प्राइवेसी के लिए सरकारी नियम कड़ी हुई हैं – जैसे PDPB (पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल)। आपके पास अपने डाटा पर नियंत्रण होना चाहिए, इसलिए किसी भी एआई सर्विस का उपयोग करने से पहले उसकी नीति पढ़ें। छोटे व्यवसायों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ग्राहक डेटा सुरक्षित रहे।
अंत में, यदि आप एआई सीखना चाहते हैं तो शुरुआती स्तर के कोर्स बहुत आसान होते जा रहे हैं। कई मुफ्त प्लेटफ़ॉर्म जैसे कोडैकैडमी या कौरसेरा पर मशीन लर्निंग की बेसिक क्लासेस उपलब्ध हैं। रोज़ 30 मिनट अभ्यास से भी प्रोग्रामिंग की समझ बढ़ सकती है और भविष्य में बेहतर नौकरी के अवसर मिल सकते हैं।
इस पेज पर हम लगातार नई एआई ख़बरें, ट्यूटोरियल और उपयोगी टिप्स जोड़ते रहेंगे। जब आप यहाँ आएँ तो नवीनतम लेख पढ़ें, नोट लें और अपनी ज़िन्दगी या काम में एआई को आज़माएँ। आपका फ़ीडबैक हमें बेहतर बनाता है – बताइए कौन सी जानकारी आपके लिये सबसे अधिक मददगार रही।
ChatGPT का नया फीचर अब आपकी सामान्य तस्वीरों को स्टूडियो गिबली के अनोखे एनीमेशन स्टाइल में बदलने की सुविधा देता है। प्रक्रिया में फोटो अपलोड करना, सटीक प्रॉम्प्ट डालना और कुछ ही सेकंड में बदलने की क्षमता शामिल है। अगर परिणाम संतोषजनक न हो, तो अन्य प्लेटफार्मों का भी उपयोग कर सकते हैं।
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