भारत मौसम विज्ञान विभाग – क्या है, क्यों जरूरी है?

जब हम भारत मौसम विज्ञान विभाग, देश का आधिकारिक मौसम विज्ञान संस्थान है, जो मौसम पूर्वानुमान, जलवायु निगरानी और आपदा चेतावनी जारी करता है. अन्य नाम से इसे IMD भी कहा जाता है। यह विभाग विभिन्न डेटा स्रोत, रडार और उपग्रह इमेजरी को मिलाकर बारिश की संभावनाओं, भूस्खलन जोखिम और तापमान की रेंज का अनुमान लगाता है।

समझिए कैसे ये तीनों तत्व आपस में जुड़ते हैं: भारत मौसम विज्ञान विभाग मौसम चेतावनी जारी करता है, जिससे स्थानीय प्रशासन समय पर एलेक्शन, स्कूल छुट्टी या आपातकालीन नियंत्रण कक्ष खोल सके। बारिश की तीव्रता का सही अनुमान लाकर सरकार बाढ़‑रोधी बंध बनवा सकती है, जबकि भूस्खलन‑प्रवण क्षेत्रों में वनस्पति कटाई या भूकंपीय गतिविधियों को सीमित किया जा सकता है। तापमान की सटीक भविष्यवाणी किसानों को फसल बुवाई के सही समय की जानकारी देती है, जिससे फसल क्षति न्यूनतम रहती है।

मुख्य कार्य और उपयोग‑केस

IMD रोज़ाना सत्रसंकट (सत्र) जारी करता है, जहाँ वह अगले 24 घंटे के लिए विस्तृत प्रॉबेबिलिटी मैप पेश करता है। इस मैप में बारिश, बर्फ, आँधी, धुंध, हवा की गति आदि की संभावनाएँ दिखती हैं। इस जानकारी का उपयोग मल्टी‑मीडिया, मोबाइल ऐप और सरकारी पोर्टल पर तुरंत किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, 4‑5 अक्टूबर की तेज़ बारिश के बाद उत्तरी बंगाल में 100 से अधिक भूस्खलन हुए, जैसे कि हमारे एक लेख में बताया गया। उस घटना में IMD की चेतावनी देर से पहुंची, जिससे बचाव कार्य धीमा रहा। इसी वजह से अब विभाग की अलर्ट‑टाइम को घटाने पर काम चल रहा है।

इसी तरह, जब मुंबई में 791 मिमी बारिश हुई, तब इन्डियन मेटीओरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने लाल अलर्ट जारी किया, जिससे स्कूल बंद हो गए और फसल‑संकट कम हुआ। इससे दिखता है कि मौसम डेटा स्थानीय निर्णय‑लेने में कितनी अहम भूमिका निभाता है। अगर आप एक विद्यार्थी या किसान हैं, तो IMD की वेबसाइट, ऐप या सोशल मीडिया पर नियमित रूप से अपडेट देखना आपके दैनिक कार्य‑योजनाओं को भारी मदद कर सकता है।

अब नीचे आप देखेंगे कि इस टैग में कौन‑कौन सी खबरें इकट्ठी हुई हैं – बारिश की परेशानियाँ, भूस्खलन की चेतावनियाँ, तापमान‑संबंधी विशेष रिपोर्ट और अन्य मौसम‑विज्ञान से जुड़ी ताज़ा अपडेट। इन लेखों को पढ़कर आप अपने घर, काम या यात्रा के लिए बेहतर तैयारी कर सकते हैं। तो चलिए, आगे की लिस्ट में डुबकी लगाते हैं और जानते हैं कि भारत मौसम विज्ञान विभाग ने हाल के दिनों में क्या किया।

छत्तीसगढ़ में भारी वर्षा अलर्ट: 2 अक्टूबर को गहरा depressi संग बंगाल पर असर

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भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 2 अक्टूबर को दक्षिण छत्तीसगढ़ पर भारी वर्षा अलर्ट जारी किया; गहरे depressi से बस्तर में बाढ़ की आशंका, मानसून की वापसी से कई उत्तर राज्यों में बारिश घटेगी.

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