क्या कभी खेलते‑खेलते या घर में अचानक आँख पर कुछ गिर गया? कई बार छोटी सी चुटकी भी आँख को नुकसान पहुँचा सकती है। लेकिन डरने की जरूरत नहीं – सही कदम उठाएँ तो दर्द कम हो जाता है और नजर सुरक्षित रहती है। इस लेख में हम बात करेंगे चोट के कारण, लक्षण, घर में पहले कदम और कब डॉक्टर से मिलना चाहिए.
सबसे ज्यादा बच्चों को खेल‑कूद में चोट लगती है – फुटबॉल, बैडमिंटन या बस कागज़ का टुकड़ा भी आँख पर गिर सकता है. घर में सफाई करते समय झाड़ू‑पानी की छींट, रसायनों के धुंध या तेज़ रोशनी से भी आँखा जल सकता है. कभी‑कभी कार दुर्घटना या बॉलिस्टिक चोटें गंभीर होती हैं, लेकिन वे दुर्लभ होते हैं.
1. अचानक दर्द – हल्का से तेज़ तक, अक्सर आँसू के साथ. 2. लालिमा या सूजन – आंख का सफेद हिस्सा लाल हो जाता है. 3. दृष्टि धुंधली या दोहरी दिखना. 4. प्रकाश में असहजता (फोटोफ़ोबिया) और पानी की कमी. 5. यदि कोई बाहरी वस्तु फँसी है, तो वह महसूस होती है लेकिन देख नहीं पाते.
इनमें से एक भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत कार्रवाई करें. दर्द कम करने के लिए आँख को रगड़ें नहीं – इससे स्थिति बिगड़ सकती है.
इन उपायों के बाद अगर दर्द दो‑तीन घंटे तक बना रहे, दृष्टि धुंधली रहे या प्रकाश से बहुत परेशान हों तो डॉक्टर को दिखाएँ.
• तेज़ चोट जैसे चाकू या कांच का टुकड़ा लगा हो. • रक्तस्राव (लाल रंग की आँख या पॉप) दिखाई दे. • दृष्टि में अचानक गिरावट या दोहरी दिखना. • लगातार दर्द 24 घंटे से अधिक रहे. इन स्थितियों में तुरंत आपतकालिक विभाग जाएँ.
आगे जैसी चोटें न हों, इसके लिए कुछ आसान नियम अपनाएँ:
इन छोटे‑छोटे कदमों से आँख की सुरक्षा बढ़ती है और चोट का जोखिम कम होता है. याद रखें, आँखे बहुत नाजुक होती हैं; छोटी सी अनदेखी बड़ी समस्या बन सकती है.
चोट लगे तो तुरंत आँखें बंद करें, ठंडा कॉम्प्रेस लगाएँ और साफ़ पानी से धोएँ. दर्द या दृष्टि में परिवर्तन बने रहे तो देर न करके डॉक्टर को दिखाएँ. रोज‑रोज सुरक्षा उपाय अपनाएँ – ऐसा करने से आप अपने बच्चों की आँखों को सुरक्षित रख सकते हैं.
टेलीविज़न अभिनेत्री जैस्मिन भसीन को कॉन्टैक्ट लेंस पहनने के कारण आंख में चोट लगने से अस्थायी अंधापन और दर्द का सामना करना पड़ा है। यह समस्या उन्हें 17 जुलाई को दिल्ली में एक इवेंट की तैयारी के दौरान हुई। उपचार के बाद डॉक्टरों ने उन्हें चार से पांच दिन में सुधार की उम्मीद जताई है।
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