स्ट्रॉबेरी मून 2022: 14 जून को दिखा अद्भुत सुपरमून, संस्कृति और ज्योतिष में खास महत्व

स्ट्रॉबेरी मून 2022: 14 जून को दिखा अद्भुत सुपरमून, संस्कृति और ज्योतिष में खास महत्व

सुपरमून के साथ स्ट्रॉबेरी मून का प्रभाव

14 जून 2022 की रात आसमान कुछ खास था। चाँद आम दिनों से बड़ा और चमकीला दिखा—यह कोई जादू नहीं, बल्कि सुपरमून था। जब पूर्णिमा के करीब चाँद, पृथ्वी के सबसे नजदीक आता है तो वो हमें असाधारण बड़ा दिखता है। इस बार की पूर्णिमा को 'स्ट्रॉबेरी मून' नाम दिया गया, लेकिन चाँद का रंग गुलाबी नहीं था।

यह नाम उत्तरी अमेरिका की लोक परंपराओं से निकला है। जून में वहाँ स्ट्रॉबेरी की फसल पकती है और आदिवासी समुदाय इस चाँद को उसी से जोड़ते हैं। जबकि यूरोप में कुछ लोग इसे 'हनी मून' या 'मीड मून' भी कहते हैं, क्योंकि यह समय हनी यानी शहद की नई फसल का होता है और प्राचीन परंपराओं में नवविवाहितों को शहद से बने पेय 'मीड' दिए जाते हैं। इसलिए शादी और उत्सव की भी एक अनकही कहानी इस चाँद से जुड़ी है।

ज्योतिष शास्त्र और पौराणिक मान्यताएं

2022 का स्ट्रॉबेरी मून धनु राशि में था, जो आग का तत्व मानी जाती है। धनु की पहचान होती है—यात्रा, रोमांच, नई सोच और ज्ञान की तलाश। कहा गया कि इस दौरान लोगों में यात्रा करने, नए अनुभव बटोरने, पढ़ाई में ध्यान देने और खुद के बेहतर वर्जन की खोज का उत्साह बढ़ा।

कई जगहों पर इस चंद्रमा की ऊर्जा को सकारात्मक बदलाव और पुराने बोझ छोड़ने के लिए भी माना गया। Strawberry Moon से जुड़ी रात को कुछ लोग मोमबत्ती जलाकर या कागज पर अपनी नकारात्मक भावनाएँ लिखकर जलाने जैसे छोटे-छोटे रिचुअल्स करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये रिवाज जीवन में नयापन लाने का संकेत देते हैं।

स्ट्रॉबेरी मून का समय ग्रीष्म संक्रांति यानी 'समर सॉल्स्टिस' के पास पड़ता है, जब सूरज सबसे ज्यादा समय तक आसमान में रहता है। कई संस्कृतियों में इसे नई शुरआत और प्रजनन क्षमता से भी जोड़ा गया है। सोशल मीडिया पर भी इस रात की फोटोज छाई रहीं, क्योंकि ये दृश्य हर किसी के लिए यादगार था।

दिलचस्प यह है कि हर कोई चाँद की इस अलग पहचान को अपनी संस्कृति और जरूरत के हिसाब से जोड़ लेता है—कहीं ये फसल का संकेत बनकर आता है, कहीं शादी की रीतियों का, तो कहीं आत्म-खोज की ओर प्रेरित करता है।

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