दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में 3rd Women’s ODI के दौरान एक ऐसा परिदृश्य बना जो क्रिकेट इतिहास में कई सालों तक याद रहेगा। भारत की ओपनर Smriti Mandhana ने केवल 63 गेंदों में 125 रन बनाकर महिला ODI में दूसरे सबसे तेज़ शतक का खिताब जیت लिया। वह 23 गेंदों में फ़िफ़्टी तक पहुँची, फिर 50 गेंदों में सैंकड़ तक का सफ़र तय किया, जिससे वह ऑस्ट्रेलिया की Meg Lanning (45‑ball शतक) के बाद दूसरे क्रम में आयी।
Mandhana के इस हमले ने ऑस्ट्रेलिया की तेज़ गेंदबाज़ी पर पूरी तरह से दबाव डाल दिया। उसने खुद को बाएँ हाथ की बल्लेबाज़ी के खतरनाक हथियार के रूप में स्थापित किया और टीम के कप्तान Harmanpreet Kaur के साथ एक मजबूत साझेदारी बनाई। इस साझेदारी ने भारत को 413 लक्ष्य के करीब लाने में मदद की, हालांकि Grace Harris ने 22वें ओवर में Mandhana को आउट कर दिया।
ऑस्ट्रेलिया ने 413 रन बनाकर महिला ODI के इतिहास में एक बड़ी स्कोरिंग क्षमता का परिचय दिया। यह आंकड़ा न सिर्फ भारतीय टीम के लिए चुनौती बन गया, बल्कि पूरी महिला क्रिकेट की तेज़ी से बदलती हुई बॅटिंग शैली को भी उजागर करता है। भारत ने 370‑से‑सिर्फ 43 रन की कमी के साथ खेल को समाप्त किया, लेकिन Mandhana की शौर्यपूर्ण पारी ने सभी को दिखा दिया कि महिला क्रिकेट में रोमांच अब सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि एक वास्तविकता है।
सीरीज़ का अंत 2-1 ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में हुआ, फिर भी इस दौर में Mandhana का प्रदर्शन कई व्यक्तिगत रिकॉर्ड तोड़ता रहा:
इस पारी ने न केवल Mandhana को एक स्टार बना दिया, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए एक नया मानक भी स्थापित किया। भविष्य में भारतीय महिला टीम की बैटिंग लाइन‑अप में इस जैसे आक्रमणात्मक खेल को देखना संभव है। ऑस्ट्रेलिया की बार-बार बड़ी स्कोर बनाने की क्षमता ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि अब हर टीम को हर शॉट पर सावधानी बरतनी होगी।
जैसे ही महिला क्रिकेट का श्वास तेज़ हो रहा है, इस तरह के रिकॉर्ड‑ब्रेकिंग मोमेंट्स दर्शकों को और अधिक उत्तेजित कर रहे हैं। Mandhana का 125‑रन का innings एक प्रेरणा बन चुका है, जो आने वाली पीढ़ियों को दिखाता है कि "सपना देखो, पर पीछे नहीं हटो"। भारतीय क्रिकेट के प्रशंसक इस नई ऊर्जा को दोबारा महसूस करेंगे, और निश्चित ही आगे के मैचों में भी ऐसी ही रोमांचक पारी देखेंगे।
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