भारतीय क्रिकेट टीम के मंझे हुए ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने T20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है। यह बड़ा फैसला उन्होंने टीम इंडिया की ICC T20 वर्ल्ड कप 2024 की जीत के बाद लिया है। भारत ने दक्षिण अफ्रीका को रोमांचक फाइनल मुकाबले में हराकर यह खिताब अपने नाम किया। जडेजा के इस निर्णय ने क्रिकेट प्रेमियों में हलचल पैदा कर दी है और उनकी T20I करियर का अंत एक बड़ा मोड़ साबित हुआ है।
रविंद्र जडेजा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के माध्यम से यह घोषणा की। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "भारत के लिए खेलना हमेशा गर्व की बात रही है और मैंने हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की है। T20 वर्ल्ड कप जीतना मेरे T20I करियर का सबसे बड़ा सपना था और यह पूरा होने का अनुभव अविस्मरणीय है।" उन्होंने आगे कहा कि वह टेस्ट और वनडे क्रिकेट में देश के लिए योगदान देना जारी रखेंगे।
जडेजा की इस घोषणा ने भारतीय T20 क्रिकेट में एक युग का अंत कर दिया है। वह T20I से संन्यास लेने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं, इससे पहले विराट कोहली और रोहित शर्मा ने भी इस फॉर्मेट से संन्यास का फैसला लिया था। जडेजा का T20I करियर कई यादगार प्रदर्शनों और महत्वपूर्ण योगदान से भरा रहा है।
रविंद्र जडेजा ने अपने T20I करियर में 60 मैचों में शिरकत की और इस दौरान कई मैच विनिंग प्रदर्शन किए। उनकी गेंदबाजी और फील्डिंग ने कई बार भारत को मुसीबत से बाहर निकाला है। जडेजा ने अपनी गेंदबाजी में लगातार सुधार करते हुए खुद को सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडरों में से एक साबित किया।
जडेजा की खास बात उनकी हरफनमौला क्षमता रही है। वह न केवल एक कुशल गेंदबाज हैं बल्कि एक धमाकेदार बल्ले चलाने वाले बल्लेबाज भी हैं। उनके फील्डिंग के हुनर का तो कोई मुकाबला ही नहीं है। उन्होंने कई बार अपने शानदार कैच और रन-आउट से मैच को पलट कर रख दिया है। उनकी यह विविधता और कुशलता ही उन्हें खास बनाती है।
संज्ञा से T20I क्रिकेट को अलविदा कहने वाले जडेजा ने स्पष्ट किया कि वह टेस्ट और वनडे फॉर्मेट में खेलने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। उन्होंने कहा, "मैं टेस्ट और वनडे क्रिकेट में भी अपने सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा और भारत को गौरव दिलाने में अपना योगदान देने के लिए तत्पर रहूंगा।"
जडेजा के संन्यास की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर क्रिकेट प्रशंसकों की प्रतिक्रिया उमड़ी पड़ी है। हजारों फैंस ने उनके योगदान को सराहा और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। क्रिकेट विशेषज्ञों ने भी जडेजा की तारिफ करते हुए उनकी जगह की महत्ता को स्वीकारा।
रविंद्र जडेजा का संन्यास टीम इंडिया के लिए एक नई शुरुआत का संकेत है। कप्तान और कोच को अब नई प्रतिभाओं को मौका देने और टीम की रणनीति को फिर से परिभाषित करने की आवश्यकता होगी। हालांकि, जडेजा का अनुभव और उनकी मार्गदर्शक की भूमिका टीम के लिए अमूल्य होगी।
ICC T20 वर्ल्ड कप 2024 में भारतीय टीम की जीत एक बड़ी उपलब्धि रही। फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीम को हराना एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इस जीत ने भारतीय टीम को एक बार फिर से विश्व क्रिकेट में शीर्ष पर पहुंचा दिया है।
जडेजा के संन्यास का फैसला भावनात्मक और तर्कसंगत दोनों दृष्टिकोणों से महत्वपूर्ण है। वह अपने करियर की ऊंचाई पर रहते हुए इस फॉर्मेट को अलविदा कह रहे हैं जो एक खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ा सम्मान होता है। उनके योगदान को सराहना देना और उनके अनुभव का लाभ उठाना आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
रविंद्र जडेजा का T20I से संन्यास लेना भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी घटना है। इसका असर आगामी मैचों और श्रृंखलाओं पर स्पष्ट दिखेगा। टीम इंडिया के लिए यह एक चुनौती होगी कि वह नई प्रतिभाओं को विकसित करे और जडेजा जैसे महान ऑलराउंडर की कमी को महसूस न होने दे।
रविंद्र जडेजा का T20I से संन्यास लेना एक युग का अंत है लेकिन यह उनके क्रिकेट करियर का अंत नहीं है। वह टेस्ट और वनडे में अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरते रहेंगे और भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेंगे। उनके फैसले का सम्मान करना और उनकी यादों को संजोना हमारे लिए गर्व की बात होगी।
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Rupesh Sharma
जडेजा ने जो किया, वो किसी बड़े खिलाड़ी का काम है। टीम के लिए सब कुछ देकर जब अपना सपना पूरा कर लिया, तो अब जाने का फैसला भी उतना ही बड़ा है। उनकी गेंदबाजी और फील्डिंग ने कई मैच बचाए थे। ये जो बात है, वो कोई आम बात नहीं।
भारत के लिए खेलना एक गर्व की बात है, और वो इसे हमेशा अपने तरीके से जिया।
Jaya Bras
अब तो बस फिर लोग उनके नाम से रो रहे हैं 😭 जडेजा ने जो किया वो सब ने देखा लेकिन अब टीम इंडिया के लिए बस बहुत बड़ी खालीपन है
Ravi Kant
ये फैसला सिर्फ खेल का नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पल है। हमारी टीम ने अपने अंदर एक ऐसा खिलाड़ी पाया जो अपने आप को बड़ा नहीं समझता था, लेकिन हर बार बड़ा बन गया।
जडेजा ने बिना शोर किए, बिना फोटो खिंचवाए, बस खेलकर इतिहास बना दिया। ये ही असली नेतृत्व है।
Harsha kumar Geddada
देखो ये बात बहुत गहरी है। जडेजा ने न सिर्फ टीम के लिए खेला, बल्कि एक नई पीढ़ी को दिखाया कि असली खिलाड़ी कैसे होता है। उन्होंने अपने करियर की चरमशिखा पर जाकर संन्यास लिया, जो कि एक ऐसा फैसला है जिसे सिर्फ वही ले सकते हैं जिनके अंदर आत्म-सम्मान हो।
कोई भी खिलाड़ी अपने करियर के अंत में ये फैसला ले सकता है, लेकिन जडेजा ने इसे एक धार्मिक अनुष्ठान की तरह किया। वह अपने आप को टीम के लिए नहीं, बल्कि भारत के लिए बल्ले और गेंद से अर्पित कर चुके थे।
उनकी गेंदबाजी ने न केवल रन रोके, बल्कि दबाव को भी तोड़ा। उनकी फील्डिंग ने दर्शकों को खड़ा कर दिया। उनके बल्ले से निकले रन बस रन नहीं थे, वो आशा के रूप थे।
अब जब वो नहीं हैं, तो हमें याद रखना होगा कि असली नायक वो होते हैं जो नाम नहीं बनाते, बल्कि इतिहास बनाते हैं।
हमारे बच्चे आज जडेजा के नाम से खेलेंगे, न कि कोहली या रोहित के।
उनका जो अंदाज़ था, वो आज भी देखने को मिलता है - शांत, लेकिन अपने आप में जबरदस्त।
किसी ने कभी उन्हें बड़ा नहीं कहा, लेकिन हर मैच में वो बड़ा बन गए।
इसलिए जडेजा का संन्यास एक अंत नहीं, बल्कि एक नए अर्थ की शुरुआत है।
अब हमारे लिए काम है - उनके जैसे खिलाड़ियों को उत्पन्न करना।
और ये जो नए लोग आ रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि टीम के लिए खेलना अपने आप में एक विजय है।
sachin gupta
अरे भाई, जडेजा ने जो किया, वो तो बस एक और खिलाड़ी की तरह था। अब तो लोग इसे एक बड़ी बात बना रहे हैं। मैंने तो देखा है, उनके फील्डिंग के बाद भी कभी कोई बड़ा शॉट नहीं लगाया। ये सब बस ट्रेंड है।
कोहली और रोहित ने तो ज्यादा कुछ किया था।
Shivakumar Kumar
जडेजा का फैसला एक चिंगारी की तरह है - छोटी लेकिन इतनी गहरी कि आग लग जाए।
उनकी गेंदबाजी तो बस गेंद नहीं थी, वो एक नृत्य था। फील्डिंग? वो एक ड्रामा था जिसमें हर लम्हा बांध देता था।
और जब बल्ला उठाते, तो लगता जैसे उनके हाथों में बारिश छिपी हो।
उन्होंने बिना बोले, बिना ट्रेंड किए, बस खेलकर सब कुछ बदल दिया।
अब जब वो नहीं हैं, तो हमें याद रखना होगा - असली नायक वो नहीं जो ट्रेंड करते हैं, बल्कि वो जो तुम्हारे दिल में बस जाते हैं।
हमारे बच्चे आज उनकी तरह खेलेंगे - शांत, लेकिन अपने आप में जबरदस्त।
उनका संन्यास एक अंत नहीं, बल्कि एक नए अर्थ की शुरुआत है।
हम उनके लिए रोएंगे नहीं, हम उनकी तरह खेलेंगे।
saikiran bandari
जडेजा ने छोड़ दिया तो फिर क्या हुआ बड़ी बात है टीम इंडिया के लिए तो बस एक और खिलाड़ी निकल गया
Rashmi Naik
ये संन्यास तो बस एक नया क्लाउड ब्रेकर है जिसे एमओए ने एनएसए के अंतर्गत रिकॉर्ड किया है। जडेजा की एक्सपर्टाइज़ लेवल ट्रांसफॉर्मेशन इंडेक्स ने फैसला दिया कि अब उनका रोल फॉर्मेट से एक्सिट होना चाहिए।
मैंने देखा है, उनकी फील्डिंग एनालिटिक्स ने बेस्ट ऑप्टिमाइज़ेशन रेट दिया।
Vishakha Shelar
मैं रो रही हूँ 😭😭😭 जडेजा ने छोड़ दिया... अब कौन खेलेगा? कौन बचाएगा? मैं तो उनके बिना नहीं रह सकती 🥺💔
Ayush Sharma
यह निर्णय अत्यंत उचित एवं विचारशील है। एक खिलाड़ी के रूप में उन्होंने अपने करियर के शिखर पर अपना योगदान समाप्त करने का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस तरह के निर्णयों को व्यवस्थित रूप से लेना एक उच्च स्तरीय आत्म-जागरूकता का सूचक है।
Rupesh Sharma
ये बात सुनकर लगता है जैसे एक दोस्त चला गया हो। जडेजा ने जो खेला, वो कोई खेल नहीं था - वो एक बयान था।
अब जब वो नहीं हैं, तो भारत के लिए बस यही बचा है - उनकी यादों को संजोकर रखना।
हमारे बच्चे उनकी तरह खेलेंगे - शांत, लेकिन जबरदस्त।