रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में दूसरे टेस्ट की शुरुआत से ठीक पहले, पाकिस्तान ने अपनी टीम में एक ऐसा बदलाव किया जिसने सभी को हैरान कर दिया — असीफ अफरीदी, 38 साल के अनुभवहीन स्पिनर, को टेस्ट क्रिकेट का मैडन कैप दे दिया गया। ये फैसला सिर्फ एक नया खिलाड़ी लाने का नहीं, बल्कि पिच की स्थिति को समझते हुए एक स्ट्रैटेजिक जुआ था। जहां बल्लेबाजी शुरुआत में आसान लग रही थी, वहीं धीमी गेंदबाजी को तीसरे और चौथे दिन तक खेल का निर्णय लेने का मौका दिया जा रहा था। इस बदलाव के पीछे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की नई कोचिंग टीम थी, जिसमें अजहर महमूद हेड कोच और अब्दुल रहमान स्पिन बोलिंग कोच शामिल थे।
पाकिस्तान ने हासिन अली को बाहर करके असीफ अफरीदी को शामिल किया, जिससे उनकी स्पिन अटैक चार गेंदबाजों की टीम बन गई — नोमान अली, सजीद खान, अब्रार अहमद और अब असीफ अफरीदी। ये चारों अलग-अलग स्टाइल के स्पिनर थे — ऑफ, लेग, ऑफ-ब्रेक और लेफ्ट-अर्म ऑर्थोडॉक्स। एक ऐसा संयोजन जिसे पाकिस्तान ने पिछले दो दशकों में कभी नहीं देखा था। वर्ल्ड स्पोर्ट्स की 17 अक्टूबर, 2025 की रिपोर्ट में कहा गया कि "स्पिनर्स ही मैच का फैसला करेंगे"।
असीफ अफरीदी की चयन की वजह सिर्फ उनकी बल्लेबाजी नहीं, बल्कि उनकी टेस्ट क्रिकेट में अनुभव की कमी थी। उन्होंने अब तक केवल एक दिन का फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेला था — अक्टूबर 2025 में क्वाइद-ए-आजम ट्रॉफी का एक राउंड, जो अनुचित बारिश के कारण तीन दिन में ही खत्म हो गया था। एसपीएनसीरिकइनफो के अनुसार, इस बार टीम के लिए प्रैक्टिस का बहुत कम समय रहा। लेकिन कोचिंग टीम ने यही फायदा उठाया — एक ऐसा खिलाड़ी जिसे दबाव नहीं, बल्कि नई ऊर्जा देनी थी।
जब शान मसूद ने टॉस जीता, तो उन्होंने बल्लेबाजी का फैसला किया — दूसरे टेस्ट में भी वही रणनीति जो पहले टेस्ट में काम कर गई थी। पहले टेस्ट में पाकिस्तान ने 277 रनों का लक्ष्य रखकर दक्षिण अफ्रीका को 93 रनों से हरा दिया था। शान मसूद ने अपने चार टेस्ट मैचों में यही दृष्टिकोण अपनाया है, जो उनके लिए अप्रत्याशित नहीं है। उन्होंने एसपीएनसीरिकइनफो को बताया: "चार महीने तक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना अस्वीकार्य है।" लेकिन उन्होंने यह भी कहा: "हम अपने तरीके से खेलेंगे।"
इस बार उनकी टीम में वापसी की खबर ने भी ताकत बढ़ाई — इमाम-उल-हक को उनके इंग्लैंड के वनडे कप और हानी मोहम्मद ट्रॉफी में ट्रिपल सेंचुरी के बाद वापस बुलाया गया। वहीं, युवा बल्लेबाज रोहैल नज़ीर और फाइसल अक्रम को टीम से बाहर कर दिया गया।
दक्षिण अफ्रीका भी अपनी टीम में बदलाव कर रहा था। नियमित कप्तान टेम्बा बावुमा चोट के कारण बाहर थे, और एडेन मार्करम ने कप्तानी संभाली। उनकी टीम में केशव महाराज और मार्को जैनसे वापस आए, जिन्होंने अपने अंतिम टेस्ट मैच के बाद लगभग एक साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला था। लेकिन उनकी टीम भी कमजोर थी — सात टॉप खिलाड़ी टी-20 सीरीज़ के लिए छोड़ दिए गए थे।
पाकिस्तान की टी-20 टीम में बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान को वापस नहीं बुलाया गया। सलमान अली अघा टी-20 कप्तान बने रहे। यह फैसला अक्टूबर 9, 2025 को PCB ने लिया था — जिसका मतलब था कि टेस्ट और टी-20 टीमों के बीच एक स्पष्ट अलगाव बन गया है।
अंतिम नतीजा अच्छा रहा — पाकिस्तान ने टेस्ट सीरीज़ 1-1 से ड्रॉ किया। दक्षिण अफ्रीका ने दूसरे टेस्ट में जीत दर्ज की, लेकिन उनकी टीम बहुत कमजोर थी। टी-20 सीरीज़ में पाकिस्तान ने 2-1 से जीत दर्ज की। अरब न्यूज़ की रिपोर्ट में बताया गया कि दक्षिण अफ्रीका ने "पाकिस्तान के लिए एक अनुभवी टीम नहीं, बल्कि एक अनुभवहीन टीम" बनाई थी। उनके अस्थायी कप्तान मैथ्यू ब्रीट्ज़के ने ओडीआई डेब्यू पर 150 रन बनाए — एक अच्छा प्रदर्शन, लेकिन टीम के लिए बहुत कम।
असीफ अफरीदी का डेब्यू एक छोटा सा कदम लग सकता है, लेकिन इसका संकेत बड़ा है — पाकिस्तान अब टेस्ट क्रिकेट में अनुभवी बल्लेबाजों की बजाय युवा और अनुभवहीन स्पिनर्स पर भरोसा कर रहा है। यह एक नई रणनीति है, जिसे वे अगले वर्ष के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिए बना रहे हैं। क्या यह एक रणनीतिक जीत है? या सिर्फ एक जोखिम? अगले छह महीनों में ही जवाब सामने आएगा।
असीफ अफरीदी 38 साल के एक अनुभवहीन स्पिनर हैं, जिन्होंने अब तक केवल एक दिन का फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेला था। PCB ने उन्हें चुना क्योंकि रावलपिंडी की पिच पर स्पिनर्स का अहम भूमिका आने की उम्मीद थी, और उन्हें नए बल के रूप में लाया गया। उनकी अनुभवहीनता को एक ताकत माना गया — दबाव के बिना खेल सकने की क्षमता।
रावलपिंडी की पिच को बल्लेबाजी के लिए शुरुआती दिनों में आसान माना जा रहा था, लेकिन चौथे और पांचवें दिन बहुत ज्यादा टेस्ट ट्रेंड बदलने की उम्मीद थी। चार अलग-अलग स्टाइल के स्पिनर्स (ऑफ, लेग, लेफ्ट-अर्म) को इसलिए चुना गया ताकि बल्लेबाजों को एक ही तरह की गेंद न देखनी पड़े।
चार महीने तक टेस्ट मैच न होने के कारण खिलाड़ियों को गेंदबाजी के लिए रिदम और बल्लेबाजी के लिए फॉर्म बनाने में दिक्कत हुई। क्वाइद-ए-आजम ट्रॉफी का एक ही राउंड ही खेला गया, जो बारिश के कारण तीन दिन में समाप्त हो गया। इसलिए शान मसूद ने इसे "अस्वीकार्य" कहा।
हां, यह एक नया ट्रेंड हो सकता है। PCB ने अब युवा और अनुभवहीन खिलाड़ियों को टेस्ट टीम में शामिल करना शुरू कर दिया है, जिससे उनकी टीम लंबे समय तक टिक सके। यह एक रणनीतिक बदलाव है — जहां अनुभव की जगह नई ऊर्जा और रणनीतिक लचीलापन को प्राथमिकता दी जा रही है।
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