बुधवार की शाम को कोयंबटूर के मैदान में साधारण प्रैक्टिस कर रहे थे N Jagadeesan। तभी एक फोन आया, जिसमें बताया गया कि रिषभ पैंट की चोट के कारण उन्हें भारत की टेस्ट टीम में जगह मिलने वाली है। पहले चयनकर्ता ने उसे एक घंटे में दोबारा फोन करने को कहा था, जिससे वो थोड़ा बेचैन हो गए। जब अंतिम पुष्टि हुई, तो उन्होंने कहा ‘यह एक बहुत ही खुशहाल पल है’। इस सपने जैसा अवसर तुरंत नहीं मिलता, इसलिए यह खबर उन सभी घरेलू खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बन गई जो राष्ट्रीय रंग पहनने की आशा रखते हैं।
जगदेसन ने तमिलनाडु के लिए कई सीजन में ओपनिंग बैट्समैन और विकेटकीपर दोनों किरदार निभाए हैं। उनका रनों का औसत, सूची में लगातार 1,000 से अधिक रन, और कई शतक यह सब उनके निरंतर प्रदर्शन का प्रमाण है। नीचे उनके कुछ प्रमुख आँकड़े दिए गए हैं:
इन आँकड़ों ने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा और उन्हें ‘टार्गेटेड प्लेयर्स लिस्ट’ में शामिल किया। इसलिए जब पैंट की जगह खाली हुई, तो जगदेसन का नाम स्वाभाविक रूप से सामने आया।
टेस्ट क्रिकेट को वे सबसे बड़ा चुनौती मानते हैं। उनका मानना है कि टेस्ट मैच खेलते समय धैर्य, तकनीक और मानसिक ताकत का परीक्षण होता है। इंग्लैंड की ऑवल पिच पर खेलने का मौका विशेष रूप से महत्व रखता है, क्योंकि वहाँ स्टीव स्मिथ, जॉर्ज बॉलिंगर जैसे दिग्गजों के साथ मुकाबला करना उनके करियर का एक अहम मोड़ होगा।
यह चयन भारतीय टीम की गहरी प्रतिभा का भी संकेत देता है। पिछले कुछ वर्षों में कई घरेलू खिलाड़ी टेस्ट में मौके पा चुके हैं, और अब जगदेसन की तरह और भी युवा खिलाड़ी आशा कर रहे हैं। टीम मैनेजमेंट ने कहा है कि वे ऐसे खिलाड़ी चाहते हैं जो बैट के साथ साथ विकेट‑कीपिंग में भी विश्वसनीय हों, ताकि टीम की संतुलित रचना बन सके।
जगदेसन ने इस अवसर को लेकर कहा कि वह जल्द से जल्द अपने खेल से यह साबित करना चाहते हैं कि उन्हें टीम में जगह देना सही फैसला था। उनके शब्दों में यह भावना स्पष्ट है कि ‘मैं अपने सभी क्षणों को देश की सेवा में लगाना चाहता हूँ’। अब सामने है वह पहला टेस्ट, जहाँ उन्हें खुद को साबित करना है, लेकिन इस सपने जैसी कॉल‑अप ने पहले ही उनके करियर में एक नई दिशा खोल दी है।
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