IPL 2024 के दौरान मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स की भिड़ंत हमेशा से ही क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय रही है। इस विशेष मुकाबले में चेन्नई ने मुंबई को 20 रन से हराया था, जो महेंद्र सिंह धोनी की रणनीतिक कुशलता और उनकी टीम की सामूहिक क्षमता का परिणाम था। रुतुराज गायकवाड़ ने 26 गेंदों में 52 रन बनाकर चेन्नई को मजबूत शुरुआत दी थी।
महज 156 के लक्ष्य का पीछा करने में मुंबई इंडियंस जूझती रही। खिलाड़ी अपने कप्तान सूर्यकुमार यादव की गैरमौजूदगी में थोड़े असहज दिखे, जिन्होंने हार्दिक पांड्या की अनुपस्थिति में टीम की कप्तानी की थी। हालांकि, सूर्यकुमार यादव ने 29 रन बनाए, वहीं तिलक वर्मा ने 31 रन बनाए, जिससे मुंबई को थोड़ी राहत मिली। दोनों के बीच 51 रन की साझेदारी भी मुश्किल समय में टीम के लिए साहसिक प्रदर्शन था।
चेन्नई सुपर किंग्स ने अपनी गेंदबाजी में नायाब रणनीति अपनाई। नूर अहमद की घातक स्पिन ने मुंबई के बल्लेबाजों को खासा परेशान किया, जिसमें उन्होंने 4 विकेट लेकर रनों की गति को थाम लिया। उनकी बॉलिंग में अनुशासन और कुटिलता साफ दिखाई पड़ी, जिससे मुंबई के बल्लेबाज बड़ी साझेदारी नहीं कर सके।
रचिन रविंद्र ने 45 गेंदों में 65 रन बनाकर चेन्नई की पारी को संभाला और सुनिश्चित किया कि टीम सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचे। यह जीत CSK के खेमे में ऊर्जा की लहर फैलाने वाली साबित हुई और उनकी इस सफलता ने उनके और मुंबई के बीच की प्रतिद्वंद्विता को और ज्यादा तेज कर दिया। आईपीएल के इस सत्र में उनका शानदार प्रदर्शन उनके आगामी मैचों के लिए भी संदेशवाहक साबित हुआ।
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Rupesh Sharma
ये मैच तो देखकर लगा जैसे धोनी ने फिर से एक फिल्म बना दी हो। रुतुराज की शुरुआत, रचिन की धीमी लेकिन बेहद सटीक पारी, और नूर अहमद की स्पिन... ये सब मिलकर एक अद्भुत नाटक बन गया। ये टीम तो बस दिल को छू जाती है।
Jaya Bras
मुंबई फिर से अपनी आदत पर चल रही है... सूर्यकुमार नहीं तो हार जाते हैं 😒
Arun Sharma
इस मैच के विश्लेषण में एक गंभीर बात यह है कि मुंबई के बल्लेबाजों की रन रेट पर नियंत्रण नहीं हो पाया। यह टैक्टिकल असफलता है, जिसका असर टीम के आत्मविश्वास पर पड़ा।
Ravi Kant
चेन्नई की जीत सिर्फ खेल की नहीं, भारतीय क्रिकेट की आत्मा की जीत है। धोनी की शांति, रचिन की धैर्य, नूर की चालाकी... ये सब भारत के गाँवों की ज़मीन से उगे हुए गुण हैं।
Harsha kumar Geddada
क्या आपने कभी सोचा है कि जब एक टीम के पास इतनी गहरी बल्लेबाजी और बॉलिंग की गहराई होती है, तो उसकी जीत कोई भाग्य नहीं, बल्कि एक दर्शन होता है? मुंबई ने बल्ला घुमाया, लेकिन चेन्नई ने खेल को समझा। ये फर्क है। जब तक आप खेल को नहीं समझते, बस रन बनाते रहते हैं। ये वही चीज है जो धोनी को अलग करती है।
sachin gupta
रचिन का 65 रन? बहुत अच्छा लगा। लेकिन अगर आप इसे स्टैट्स के साथ देखें तो उनकी strike rate कम है। आधुनिक T20 में ऐसा बल्लेबाजी अब नहीं चलता। ये बातें तो पुराने दिनों की हैं।
Shivakumar Kumar
ये मैच तो जैसे एक गाँव का त्योहार हो। नूर की गेंदें जैसे बच्चों की उड़ती डोरी, धोनी की चाल जैसे बुजुर्ग का धीमा नाच। मुंबई ने तो बस धमाके की कोशिश की, लेकिन चेन्नई ने तो दिल की धड़कन बना दी।
saikiran bandari
धोनी ने फिर जीत दिलाई बस इतना ही बात है
Rashmi Naik
मुंबई की बॉलिंग लीक हो रही है और बल्लेबाजी नॉन-एक्शन कॉम्प्लेक्स में है... इंटेलिजेंस गैप बहुत बड़ा है
Vishakha Shelar
मैं रो रही थी 😭 जब नूर ने विकेट लिया... ये दिल टूट गया ❤️
Ayush Sharma
मैच के बाद विश्लेषण करने के लिए एक नियम है: जिस टीम की बॉलिंग ने खेल नियंत्रित किया, वही जीतती है। चेन्नई ने यही किया।
charan j
मुंबई फिर नाकाम... बस इतना ही
Vineet Tripathi
हारे तो हारे, लेकिन तिलक और सूर्यकुमार की 51 रन की साझेदारी तो बहुत अच्छी रही। ये दोनों भविष्य हैं। अब बस उन्हें थोड़ा समय दो।
Vijay Kumar
जीत का रहस्य? नूर अहमद की स्पिन नहीं, धोनी की चुप्पी है। जब वो चुप रहते हैं, तो टीम जीतती है।
Subham Dubey
ये सब जानबूझकर किया गया है। बॉल टैम्परिंग नहीं, लेकिन बॉल की लाइटिंग फिल्टरिंग और टीम वालों के बीच की टेलीपैथिक कम्युनिकेशन... ये सब एक बड़ा नेटवर्क है।
Rajeev Ramesh
मुंबई की टीम संरचना में एक गंभीर त्रुटि है। कप्तानी के अभाव में नेतृत्व का अभाव है। यह एक संगठनात्मक विफलता है।
Rupesh Sharma
हाँ, विनीत ने बिल्कुल सही कहा। तिलक और सूर्यकुमार ने जो किया, वो असली भविष्य का निशान है। अगर ये दोनों एक साथ बल्ला चलाएंगे, तो मुंबई के लिए अभी भी कुछ बाकी है।