मिलवाल एफसी और मोंटेनेग्रो की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के गोलकीपर मतीजा सार्किच का निधन खेल जगत के लिए एक गहरा धक्का है। 29 वर्षीय सार्किच का निधन उनके बुडवा स्थित अपार्टमेंट में हुआ, जब वे 15 जून की सुबह अचानक बेहोश हो गए थे। उनकी आकस्मिक मृत्यु ने उनके परिवार, दोस्तों और फुटबॉल प्रेमियों को स्तब्ध कर दिया है।
सार्किच का करियर शुरुआत से ही बेहद प्रभावशाली रहा है। वह पहले एस्टन विला, बर्मिंघम सिटी और स्टोक सिटी के लिए खेल चुके थे। इसके बाद उन्होंने प्रीमियर लीग के शीर्ष क्लब वॉल्वरहैम्प्टन वांडरर्स के लिए खेला और फिर अगस्त 2023 में मिलवाल एफसी से जुड़ गए। मिलवाल के लिए उन्होंने पिछले सीजन में 33 बार मैदान पर उतरे। उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें क्लब और देश दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना दिया।
सार्किच न केवल क्लब स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जाने जाते थे। मोंटेनेग्रो की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हुए, उनका योगदान अद्वितीय रहा। उनका अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच बेल्जियम के खिलाफ 5 जून को हुआ था, जिसमें टीम को 5-0 से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच का परिणति उनके करियर को अनचाहे तरीके से खत्म कर गई।
सार्किच की मृत्यु की खबर ने फुटबॉल जगत को गहरा धक्का दिया है। दुनियाभर के प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। मोंटेनेग्रो फुटबॉल एसोसिएशन ने अपने बयान में उन्हें 'बहादुर बाज' का प्रिय सदस्य बताते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की है। वहीं, मिलवाल एफसी और मोंटेनेग्रो फुटबॉल एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर आगे कोई टिप्पणी नहीं की है और उनके परिवार और दोस्तों को प्राइवेसी देने का आग्रह किया है।
मतीजा सार्किच का फुटबॉल के प्रति जुनून और समर्पण किसी से छिपा नहीं था। उनके साथी खिलाड़ी और दोस्तों ने हमेशा उनके खेल के प्रति प्रेरणा और उत्साह की सराहना की है। युवा खिलाड़ियों के लिए वे एक आदर्श थे और उनकी खेल भावना ने सभी को प्रेरित किया। मतीजा का खेल के प्रति अटूट विश्वास और समर्पण हमेशा याद किया जाएगा।
सार्किच का निजी जीवन हमेशा से प्रिवेट रहा है। उन्होंने अपने परिवार के साथ अपना अधिकतर समय बिताया। वे हमेशा अपने परिवार के लिए समर्पित रहे और उनके दोस्तों ने भी उनके प्रशंसा की है।
मतीजा सार्किच की अंतिम यात्रा में उनके परिवार, दोस्तों और टीम साथियों ने हिस्सा लिया। उनकी अंतिम यात्रा में सभी ने भावुक होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका निधन मोंटेनेग्रो और मिलवाल दोनों के लिए एक बड़ी क्षति है।
फुटबॉल जगत ने एक महान खिलाड़ी और एक बेहतरीन इंसान को खो दिया है। उनकी यादें और योगदान हमेशा हमारे दिलों में जिन्दा रहेंगे। 29 साल की छोटी उम्र में सार्किच ने जो उपलब्धियां हासिल कीं हैं, वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी।
© 2025. सर्वाधिकार सुरक्षित|
Nathan Allano
ये खबर पढ़कर दिल टूट गया... 29 साल की उम्र में ऐसा हो जाना कोई बात नहीं, बल्कि एक त्रासदी है। वो जितना शांत और समर्पित खिलाड़ी था, उतना ही अच्छा इंसान भी था। उसकी आँखों में जो चमक थी, वो अब किसी के दिल में बस जाएगी।
Guru s20
मैंने उसका मिलवाल के खिलाफ वॉल्वरहैम्प्टन के खिलाफ मैच देखा था... वो बस अलग था। गोली के बाद भी बिना शोर किए वापस अपनी जगह पर जाता था। ऐसे खिलाड़ी आजकल दुर्लभ हैं।
Raj Kamal
अरे यार इतना युवा और इतनी बड़ी उपलब्धि... मैंने सोचा भी नहीं था कि इतनी जल्दी ऐसा हो सकता है... मैंने उसके लिए एक छोटा सा वीडियो बनाया था जिसमें उसके सभी सेव्स के क्लिप थे... अब वो बस एक याद बन गया... जिसे देखकर आँखें भर आती हैं... क्या ये बस एक खिलाड़ी का निधन है या एक ऐसे व्यक्ति का निधन जिसका हर एक लम्हा दूसरों के लिए प्रेरणा था... अरे यार अब तो बस रोना ही बचा है...
Rahul Raipurkar
यह एक उदाहरण है जिससे हम समझ सकते हैं कि शारीरिक शक्ति का अंतिम निर्णय किसके हाथ में होता है। फुटबॉल एक व्यवसाय है, न कि एक धर्म। यहाँ अनुशासन, वैज्ञानिक देखभाल और जीवन शैली का अभाव ही इस त्रासदी का कारण है।
PK Bhardwaj
इस घटना से एक बात सामने आती है: एथलीट्स के लिए मानसिक स्वास्थ्य का स्तर उनके शारीरिक प्रदर्शन के समान ही महत्वपूर्ण है। उनके विश्लेषण में दबाव, अनुशासन और व्यक्तिगत अलगाव का संयोजन एक गहरा स्वास्थ्य संकट बन सकता है।
Soumita Banerjee
अरे यार, फिर से एक खिलाड़ी की मौत पर रोना? इतने सालों से फुटबॉल खिलाड़ियों की मौतों के बारे में लिखा जा रहा है... क्या ये बस एक ट्रेंड है? असली समस्या तो ये है कि हम खिलाड़ियों को इंसान नहीं, बल्कि मशीन मान लेते हैं।
Navneet Raj
मैं जब भी उसका मैच देखता था, तो लगता था वो खेल नहीं, अपना दिल खेल रहा है। ऐसे लोगों को याद रखना हमारा कर्तव्य है। युवाओं को बताओ कि सफलता नहीं, लगन ही असली जीत है।
Neel Shah
अरे यार ये तो बहुत बड़ी बात है! 😭💔 लेकिन जब तक फुटबॉल के लिए बहुत ज्यादा पैसे नहीं दिए जाएंगे, तब तक ऐसे ही होते रहेंगे! और हाँ, वो अपने बाल भी बहुत अच्छे रखता था 😍
shweta zingade
हर बार जब भी उसने गेंद को पकड़ा, मैंने अपने दिल की धड़कन भी रोक दी। वो न सिर्फ एक गोलकीपर था... वो एक अद्भुत शांति था। उसकी आत्मा अब भी मैदान पर घूम रही होगी... और हर गोल के बाद वो मुस्कुरा रहा होगा... अगर तुम आज उसके लिए एक शांत लम्हा दो, तो वो जान जाएगा। 🌅
Pooja Nagraj
यह एक विश्व के अंतर्गत एक व्यक्ति की मृत्यु है, जो अपने व्यक्तित्व के जरिए समय के विरुद्ध लड़ रहा था। उसकी अवधारणा ने खेल के विषय में एक नए दर्शन को जन्म दिया, जिसे आज तक कोई नहीं समझ पाया।
Anuja Kadam
मैंने उसे एक बार टीवी पर देखा था... बस एक बार... और फिर ये खबर... अरे यार मैंने तो उसके बारे में भी नहीं सोचा था... अब बस रो रही हूँ...
Pradeep Yellumahanti
अच्छा बात है... अब तो ये खिलाड़ी भी अपने जीवन की अंतिम जीत जी चुके हैं। ये दुनिया तो उनके लिए बहुत अजीब थी... जहाँ लोग बस जीत और हार के बारे में सोचते हैं। वो तो खेल के भीतर जीवन को समझते थे।
Shalini Thakrar
कभी-कभी लगता है कि खेल तो बस एक खेल है... लेकिन जब ऐसे लोग चले जाते हैं, तो लगता है जैसे कोई अपने दिल का एक टुकड़ा छोड़ गया हो। उसकी शांति, उसकी शक्ति... वो सब अब हमारे दिलों में रह गया। 🌿❤️
pk McVicker
बस यही।
Laura Balparamar
ये खबर बहुत दुखद है, लेकिन अगर हम इसे बस एक खिलाड़ी की मौत के रूप में देखेंगे, तो हम उसके संघर्ष को नहीं समझ पाएंगे। उसने अपनी जिंदगी में एक अलग दुनिया बनाई थी - जहाँ शांति और समर्पण सबसे बड़ी जीत थी।
Shivam Singh
मैंने उसके एक मैच में गोल नहीं लगने दिया... अब वो खुद गोल नहीं हुआ... अरे यार बस रो रहा हूँ...