जो बाइडन ने फिर चुनाव न लड़ने का किया ऐलान, कमला हैरिस को सौंप सकते हैं कमान

जो बाइडन ने फिर चुनाव न लड़ने का किया ऐलान, कमला हैरिस को सौंप सकते हैं कमान

अमेरिका की राजनीति में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने अगले चुनाव में खुद को फिर से उम्मीदवार न बनाने का फैसला किया है। इसके बजाय, उन्होंने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में समर्थन देने का ऐलान किया है। यह कदम सिर्फ एक राजनीतिक निर्णय नहीं है, बल्कि एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो डेमोक्रेटिक पार्टी को नए नेतृत्व के साथ आगे बढ़ाने का प्रयास है।

जो बाइडन ने इस साल की शुरुआत में हुए सभी राज्य प्राइमरी और कॉकस में जीत हासिल की थी, और लगभग 4,000 डेलीगेट्स अपने नाम किए थे। हालांकि, पार्टी के मौजूदा नियमों के अनुसार, वह इन डेलीगेट्स को सीधे कमला हैरिस को स्थानांतरित नहीं कर सकते। इसके बावजूद, उनका समर्थन महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। कमला हैरिस को अब राज्यों, क्षेत्रों और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया के डेलीगेट्स के अलावा 700 से अधिक सुपरडेलीगेट्स का समर्थन पाने की दिशा में काम करना होगा। इनमें पार्टी के नेता, निर्वाचित अधिकारी और पूर्व राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति शामिल हैं।

कमला हैरिस के सामने कई चुनौतियां हैं। उन्हें न केवल पार्टी के भीतर समर्थन जुटाना होगा, बल्कि अन्य संभावित उम्मीदवारों जैसे कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम और मिशिगन की गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर के मुकाबले में भी आगे बढ़ना होगा। डेमोक्रेटिक कन्वेंशन आगामी 19-22 अगस्त को शिकागो में निर्धारित है, जहां लगभग 4,700 डेलीगेट्स एक नए नेता का चयन करेंगे, जो रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेगा।

राष्ट्रपति पद की इस दौड़ में जहां बाइडन के समर्थन ने कमला हैरिस के लिए उम्मीदों के दरवाजे खोले हैं, वहीं पार्टी के अंदरूनी तार्किक, वित्तीय और राजनीतिक चुनौतियों का सामना भी करना पड़ेगा। बाइडन के अभियान के पास वर्तमान में 91 मिलियन डॉलर की नकद राशि है, और उनके सहयोगी डेमोक्रेटिक समितियों ने कुल योग 240 मिलियन डॉलर से अधिक जा पहुंचाया है। ये फंड्स कमला हैरिस के नियंत्रण में हो सकते हैं, लेकिन अगर किसी अन्य उम्मीदवार को चुना जाता है तो कानूनी प्रतिबंध आ सकते हैं।

इसके अलावा, उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भी एक अलग कन्वेंशन वोट के हिस्से के रूप में संसाधित किया जाएगा, जो राजनीतिक वरदान के रूप में काम आ सकता है। कंजरवेटिव्स ने इस प्रक्रिया पर मुकदमे की धमकी दी है, लेकिन राज्य के कानून आमतौर पर यह निर्धारित नहीं करते कि पार्टियां अपने उम्मीदवारों का चयन कैसे करती हैं। प्रमुख व्यक्तित्व जैसे ओहियो के गवर्नर माइक डिवाइन और अलबामा की गवर्नर के आईवी ने डेमोक्रेट्स के लिए साधारण बैलट एक्सेस सुनिश्चित करने का काम किया है।

कमला हैरिस के लिए यह समय एकता प्रदर्शित करने और डेलीगेट्स का समर्थन प्राप्त करने के प्रयास में त्वरित प्रतिक्रिया देने का है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि पार्टी के अंदर कोई फूट न हो और सभी डेलीगेट्स और समर्थक एकजुट होकर उनके पीछे खड़े हों।

अंततः, इस प्रक्रिया में हर कदम महत्त्वपूर्ण है। राजनीतिक, वित्तीय, और कानूनी झंझटों के बावजूद एक सफल नेतृत्व परिवर्तन के लिए स्पष्टता और रणनीति आवश्यक है। कमला हैरिस के पास यह बहुत बड़ा मौका है और उनका हर फैसला भविष्य की दिशा को प्रभावित करेगा।

टिप्पणि

  • Anuja Kadam
    Anuja Kadam

    बाइडन ने छोड़ दिया तो कमला को चलना होगा, वरना डेमोक्रेट्स का तो अब कोई नेता ही नहीं बचा।

  • Shalini Thakrar
    Shalini Thakrar

    ये सिर्फ एक नेतृत्व बदलाव नहीं, बल्कि एक सामाजिक संक्रमण है। कमला के नेतृत्व में डेमोक्रेटिक पार्टी का डीएनए बदल रहा है - अब ये अधिक विविध, अधिक इंक्लूसिव, अधिक डिजिटल-एजेड हो रहा है। ये ट्रांसफॉर्मेशनल लीडरशिप का एक नया मॉडल है, जहां गेंडर, रेस, और जेनरेशनल रिप्रेजेंटेशन का एक नया अर्थ बन रहा है। 🌍✨

  • Pradeep Yellumahanti
    Pradeep Yellumahanti

    अरे भाई, अमेरिका में अब लोगों के लिए नेता चुनने के बजाय बाकी लोगों के नेता को चुनने का रिवाज बन गया है? बाइडन ने जो डेलीगेट्स जीते, वो कमला के नाम नहीं, अपने नाम पर जीते थे। अब ये सब तो बस एक बड़ा राजनीतिक बाहरी शो है।

  • Pooja Nagraj
    Pooja Nagraj

    इस राजनीतिक संक्रमण के पीछे एक गहरी दार्शनिक अवधारणा छिपी है - जब एक पुराना संरचनात्मक अधिकार अपने स्वयं के अंत को स्वीकार करता है, तो वह नए जीवन के लिए एक अवकाश बनाता है। कमला हैरिस एक ऐसे अवकाश की अध्यक्षता कर रही हैं, जहां इतिहास के निर्माण का दबदबा अब निर्माण के लिए एक नए अध्याय की ओर अग्रसर हो रहा है। यह एक ऐतिहासिक लिखावट है, न कि एक चुनावी गतिविधि।

    यह अवधारणा एक नए समय की ओर ले जाती है, जहां शक्ति का अंतर्निहित वितरण अब अंतर्दृष्टि और सामाजिक प्रतिनिधित्व के आधार पर होता है, न कि केवल अनुभव या वयस्कता के।

    इस बदलाव का अर्थ है कि एक नई नैतिकता का उदय हो रहा है - जहां नेतृत्व अब अपने विरासत के बजाय अपने विकास के आधार पर मापा जाता है।

    बाइडन के निर्णय में एक अद्भुत नैतिकता छिपी है: वह जानते हैं कि उनका समय समाप्त हो रहा है, और उन्होंने अपने निजी स्वार्थ को छोड़कर राष्ट्र के भविष्य को प्राथमिकता दी।

    यह वह अद्भुत नैतिक उच्चता है जिसे आज के राजनीतिक नेताओं में देखना लगभग असंभव हो गया है।

    कमला हैरिस के नेतृत्व की व्याख्या अब न केवल एक राजनीतिक अधिकार के रूप में, बल्कि एक नए जागरूकता के रूप में की जानी चाहिए।

    इस नेतृत्व का सार अपने आप में एक अंतर्राष्ट्रीय नैतिक उदाहरण है।

    जब एक राष्ट्र अपने पुराने नेता को अपने भविष्य के लिए बलि देता है, तो वह एक नई आत्मा की ओर बढ़ता है।

    यह एक विश्व इतिहास का नया अध्याय है - जहां शक्ति का हस्तांतरण एक शांत, विवेकपूर्ण और दार्शनिक रूप से उचित आंदोलन है।

    कमला हैरिस एक ऐसी नेता हैं जिन्होंने न केवल अपने जीवन को बदला, बल्कि राष्ट्र के अंदरूनी दर्पण को भी बदल दिया है।

    इस बदलाव को सिर्फ चुनावी गतिविधि के रूप में नहीं, बल्कि एक नैतिक उत्थान के रूप में देखना चाहिए।

    हम एक ऐसे युग के अंत में खड़े हैं जहां नेतृत्व का अर्थ बदल रहा है।

  • pk McVicker
    pk McVicker

    बाइडन ने छोड़ दिया। कमला अब बाकी सब कुछ संभालेगी।

  • Shivam Singh
    Shivam Singh

    अगर बाइडन ने अपने डेलीगेट्स कमला को दे दिए, तो ये तो बस एक अंदरूनी समझौता है। लेकिन अगर किसी और को चुन लिया गया तो उसके पास ये पैसे कैसे आएंगे? ये तो एक बड़ा कानूनी घेरा है।

  • Piyush Raina
    Piyush Raina

    कमला हैरिस के लिए ये सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि एक नए अमेरिकी नैतिक ढांचे की शुरुआत है। लेकिन क्या उनके पास वह सामाजिक समर्थन है जो इस बदलाव को स्थायी बनाने के लिए जरूरी है? या ये सिर्फ एक राजनीतिक शो है जो अगले चुनाव में खत्म हो जाएगा?

  • Laura Balparamar
    Laura Balparamar

    कमला के पास बाइडन के पैसे हैं, लेकिन क्या उनके पास लोगों का विश्वास है? डेमोक्रेट्स के अंदर फूट बढ़ रही है। न्यूसम और व्हिटमर के समर्थक शांत नहीं हैं। अगर कमला ने अभी तक एकता का संदेश नहीं दिया, तो ये चुनाव बर्बाद हो सकता है।

  • Srinath Mittapelli
    Srinath Mittapelli

    अरे भाई, ये सब तो बस एक बड़ा बाहरी शो है। बाइडन ने छोड़ दिया तो कमला को चलना होगा, लेकिन असली सवाल ये है कि अमेरिका के आम आदमी को कमला हैरिस से क्या लेना देना है? उन्होंने तो अभी तक कुछ बड़ा नहीं किया। ये सब तो बस एक नए चेहरे के नाम पर एक बड़ा राजनीतिक चाल है।

    मैं तो सोचता हूं कि अगर डेमोक्रेट्स को असली बदलाव चाहिए तो उन्हें किसी नए आदमी या औरत को चुनना चाहिए जो आम लोगों के साथ रहा हो।

    कमला तो वैसे भी एक अच्छी लड़की है, लेकिन ये सब बस एक बड़ा फैंसी राजनीतिक डिज़ाइन है।

    मैं तो चाहता हूं कि कोई ऐसा नेता आए जो बस अपने घर के बाहर बैठकर बात करे, न कि टीवी पर लाइव जाए।

    कमला के पास बाइडन के पैसे हैं, लेकिन क्या उनके पास अमेरिका के उन लोगों का दिल है जो अभी भी रोज़ खाना नहीं खा पाते?

    मुझे लगता है अगर ये चुनाव असली बदलाव लाना चाहता है तो ये सब बाहरी शो छोड़कर असली समस्याओं पर ध्यान देना होगा।

    कमला के पास एक बड़ा मौका है, लेकिन अगर वो इसे बस एक राजनीतिक टूल के रूप में इस्तेमाल करेंगी तो लोग फिर से निराश हो जाएंगे।

    मैं तो बस चाहता हूं कि कोई भी नेता अपने आप को बड़ा न समझे, बल्कि अपने आप को एक आम आदमी के रूप में देखे।

    ये सब तो बस एक बड़ा राजनीतिक नाटक है।

  • Vineet Tripathi
    Vineet Tripathi

    बाइडन ने अपना रास्ता छोड़ दिया, अब कमला को चलना है। लेकिन देखो, अगर वो अभी तक लोगों को नहीं जोड़ पाई, तो ये चुनाव उनके लिए बहुत ज्यादा कठिन हो जाएगा।

  • Dipak Moryani
    Dipak Moryani

    कमला हैरिस के लिए डेलीगेट्स का जमावड़ा तो है, लेकिन अगर वो डेमोक्रेट्स के अंदर फूट को नहीं बंद कर पाई, तो क्या ये सब बस एक बड़ा शो हो जाएगा?

  • Subham Dubey
    Subham Dubey

    ये सब एक बड़ा नियो-लिबरल कॉन्सपिरेसी है। बाइडन को विषैला दिया गया है, और कमला हैरिस को एक फेक नेता बनाया जा रहा है। ये सब एक ग्लोबल एलिट की योजना है जो अमेरिका को एक नए शासन के तहत ले जाना चाहती है। डेमोक्रेट्स के पास ये पैसे नहीं हैं - ये पैसे चीन और बिल गेट्स से आ रहे हैं। ये चुनाव फर्जी है। आप सब धोखे में हैं।

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