जब जयपुर पिंक पैंथर्स ने प्रो कबड्डी लीग सीज़न 11 का मैच 86नोएडा इनडोर स्टेडियम में 41-28 से तेलुगु टाइटन्स को हराया, तो कई अहम आंकड़े सामने आए। Neeraj Narwal, raider of जयपुर पिंक पैंथर्स ने 12 राइड पॉइंट्स के साथ सुपर 10 किया, जबकि Arjun Deshwal, raider of जयपुर पिंक पैंथर्स इतिहास रचते हुए 1,100 राइड पॉइंट्स का मुकाम हासिल किया। उसी बीच, Vijay Malik, raider of तेलुगु टाइटन्स ने टीम की कोशिशों को 15 पॉइंट्स तक ले जाकर बचाव किया, पर अंत में असफल रहा।
प्रो कबड्डी लीग (PKL) का गहरा इतिहास 2014 से शुरू हुआ, और दोनो टीमों ने इस सफर में अलग‑अलग मोड़ देखे हैं। जयपुर पिंक पैंथर्स ने सीज़न 1 (2014) और सीज़न 9 (2022) के खिताब अपने नाम किए हैं, जबकि तेलुगु टाइटन्स अभी तक ट्रॉफी नहीं उठा पाए, लेकिन कई बार प्ले‑ऑफ़ में पहुँच चुके हैं। दोनों के बीच की प्रतिद्वंद्विता अक्सर टाइटिकल टक्कर को जन्म देती है; पिछले सीज़न 10 में जयपुर ने 38‑35 से टाइटन्स को मात दी थी, और अक्टूबर 2024 में 52‑22 की चमकदार जीत कर चर्चाओं में रहा। इस सीज़न 11 में भी दोनों टीमें बारी‑बारी से जीतने की कोशिश में थीं, और मैच 86 को दोनों के लिए निर्णायक माना गया था।
मैच की शुरुआत दोनों पक्षों के लिए सावधानीपूर्ण थी। पहले कुछ ओवर में Vijay Malik ने दो‑पॉइंट की राइड के साथ टाइटन्स को चार अंक की बढ़त दिलाई। जयपुर ने तुरंत जवाब दिया; Neeraj Narwal ने तेज़ राइड्स से स्कोर को घटाते हुए पहला अर्द्ध‑घंटा बराबरी की ओर ले आया। लेकिन टाइटन्स की डिफेंस, विशेषकर Ankit की तीन टैकल पॉइंट्स, पहले आधे में जयपुर को पीछे रखी।
दूसरे आधे में मोड़ आया जब नारवाल ने एक निर्णायक तीन‑पॉइंट राइड मारते हुए अपना सुपर 10 पूरा किया। इस राइड ने जयपुर को दुगुना 12‑अंक की बढ़त दिला दी। इसके बाद Arjun Deshwal ने लगातार राइड्स मारते हुए अपने करियर के 1,100वें पॉइंट को छू लिया, जो इस लीग में केवल दूसरे खिलाड़ी ने हासिल किया था। रक्षात्मक हिस्से में Reza Mirbagheri ने 4 टैकल पॉइंट्स और Surjeet Singh ने सहयोगी भूमिका निभाई, जिससे टाइटन्स की राइड्स रोकना आसान हो गया। अंत में स्कोर 41‑28 रहा, और जयपुर ने 13‑अंक की बड़ी जीत दर्ज की।
बाद में टीम के कोच Lucky Sharma ने कहा, “नैरज का सुपर 10 और अर्जुन का माइलस्टोन दोनों ही हमारे खेल के आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं। टाइटन्स ने अच्छी कोशिश की, पर हमें दो‑तीन चीज़ों में सुधार की जरूरत है।” टाइटन्स के डिफेंस कोच ने जवाब दिया, “विजयी कठिन था, पर हमारी राइड्स अभी भी प्रभावी हैं, हमें अगले मैच में रणनीति बदलनी होगी।”
मैच के बाद सोशल मीडिया पर दोनों टीमों के फैंस ने ज़ोरदार प्रतिक्रिया दी। जयपुर के फैंस ने “नैरज की सुपर 10 और अर्जुन की 1,100 राइड्स, इस साल का सबसे रोमांचक क्षण” जैसे ट्वीट्स किए। वहीं टाइटन्स के समर्थकों ने “हारा नहीं, लेकिन अगले हाफ में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद” कहा। कबड्डी विश्लेषक Rohit Sharma ने नोट किया, “जयपुर ने राइड‑डिफेंस कॉम्बो में संतुलन दिखाया, जिससे विरोधी राइडर्स को दबाव महसूस हुआ। टाइटन्स को अब शुरुआती आक्रमण को मजबूत करने और मध्य‑ऑवर्स में रोधी दबाव को कम करने की जरूरत है।”
इस जीत के बाद जयपुर पिंक पैंथर्स ने प्ले‑ऑफ़ की दिशा में अपना रास्ता साफ किया, जबकि टाइटन्स को अपने ऑर्डर को ऊपर लाने के लिए अगले दो मैचों में लगातार जीतना होगा। दोनों टीमें अगले सीज़न 12 में फिर से टकराने वाली हैं, और इस बार टाइटन्स को जीतने के लिए अपनी रैंक्स को सुधारना पड़ेगा।
कुल मिलाकर, इस मैच ने कबड्डी प्रेमियों को फिर से इस खेल की तेज़ी‑भरी रोमांचकता दिखा दी। नयी रिकॉर्ड, सुपर 10, और टीम‑स्तर की रणनीति का संगम यह दर्शाता है कि PKL अब भी भारत के सबसे लोकप्रिय खेल मोर्चों में से एक बना हुआ है।
41‑28 की जीत से जयपुर ने पॉइंट टेबल पर अपना अंतर 4 अंक बढ़ा दिया, जो उन्हें प्ले‑ऑफ़ की सीधी राह में लाता है। अब टीम को केवल दो मैच जीतने की जरूरत है, जबकि टाइटन्स को अपनी स्थिति बचाने के लिए लगातार जीतना पड़ेगा।
अभी तक केवल दो ही खिलाड़ी इस सीमा को पार कर चुके हैं; Deshwal का रिकॉर्ड अगले 2‑3 साल में नया रैकेट बन सकता है, अगर वह निरंतर फॉर्म में रहें और टीम की रणनीति उसके लिए अनुकूल हो।
Malik टाइटन्स का मुख्य raider है, और इस सीज़न में उसने औसत से अधिक 14‑15 राइड पॉइंट्स प्रति मैच बनाए हैं। उसकी गति और झटके टीम के आक्रमण को जीवंत बनाते हैं, पर उसे रक्षा के साथ तालमेल बिठाने की ज़रूरत है।
नोएडा का स्थल पिछले पाँच सीज़नों में कई बार इस्तेमाल हुआ है। लीग के आयोजक अगले दो‑तीन साल तक इसे प्रमुख स्थल के रूप में रखेंगे, क्योंकि यहाँ की सुविधा, दर्शक क्षमता और मीडिया कवरेज उत्कृष्ट है।
जयपुर पिंक पैंथर्स को अब एक स्थिर कोहोर्ट मिला है और वे शीर्ष‑4 में जगह बनाने की संभावना रखते हैं। टाइटन्स को अपनी राइड‑डिफेंस को बेहतर बनाकर और नई रणनीति अपनाकर पहले दो‑तीन मैच जीतने की जरूरत होगी, तभी वे प्ले‑ऑफ़ में प्रवेश कर पाएँगे।
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Raj Kumar
पिछली कुछ सीज़नों में लीग की वित्तीय संरचना में अनदेखे बदलाव हुए हैं; उन बदलावों का सीधा असर टीमों के प्रदर्शन पर पड़ता है।