रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन पटरी से उतरने की घटना के पीछे पटरी पर रखी गई एक अज्ञात वस्तु की मुठभेड़ है। यह घटना अहमदाबाद की ओर जाते समय हुई। ट्रेन के इंजन ने जैसे ही उस वस्तु को टकराया, ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। इस मौके पर मंत्री ने कहा कि रेलवे सुरक्षा और पटरियों की देखभाल में और भी अधिक सतर्कता की आवश्यकता है।
इस घटना के बाद रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। विशेष रूप से यह पहेली कि पटरियों पर ऐसी वस्तु कैसे पहुंची, इसे लेकर रेलवे अधिकारियों की जिम्मेदारी भी सवालों के घेरे में आ गई है। कई यात्रियों ने भी इस घटना पर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि रेलवे प्रशासन को अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं की जांच और पुनः मूल्यांकन करने की आवश्यकता है जिससे इस प्रकार की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।
अश्विनी वैष्णव ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कहा कि रेल मंत्रालय पूरी घटना की जांच कर रहा है। उन्होंने बताया कि जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया है जो इस पूरे घटनाक्रम की विस्तार से पड़ताल करेगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सुरक्षा मानकों को और भी सख्त किया जाएगा जिससे यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता बनी रहे।
घटना में किसी बड़ी जानमाल की हानि नहीं हुई है, लेकिन कई यात्रियों को चोटें आईं हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यात्रियों ने इसे डरावना अनुभव बताया और रेलवे प्रशासन से त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई की मांग की। एक यात्री ने कहा, 'यह बहुत ही भयानक था। हम सबने अपनी जान की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं की थी।' इस घटना ने यात्रियों के मन में डर पैदा कर दिया है।
पिछले कुछ वर्षों में रेलवे ने सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। रेलवे ट्रैक पर निगरानी कैमरों की स्थापना, रेलवे कर्मचारियों की ट्रेनिंग और उच्च गुणवत्ता के सामग्री का उपयोग जैसी पहलें शामिल हैं। लेकिन इस घटना ने दिखाया कि अभी भी और सुधार की आवश्यकता है। यह घटना रेलवे प्रशासन के लिए एक अलार्म के रूप में देखी जा रही है जिससे सुरक्षा के प्रति और भी अधिक कड़े कदम उठाने का संकल्प लिया जा सके। आवश्यकता यह भी है कि इससे जुड़ी सभी प्रक्रियाओं और उपायों की निरंतर निगरानी और जाँच होती रहे।
घटना के तुरंत बाद रेलवे प्रशासन ने घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। पटरी से उतरे डिब्बों को फिर से पटरी पर लाने के लिए विशेष क्रेनों और अन्य उपकरणों का उपयोग किया गया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित मार्ग को जल्द से जल्द पुनः चालू करने के लिए तमाम प्रयास जारी हैं। रेलवे कर्मचारियों की एक बड़ी टीम लगातार काम कर रही है।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कई यात्रियों को चोटें आईं हैं लेकिन किसी बड़े जान-माल की हानि की सूचना नहीं है। रेलवे के अधिकारी और चिकित्सा टीम तुरंत मुस्तैद हो गए और घायलों को इलाज के लिए निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों में भेजा गया। रेलवे प्रशासन ने संयुक्त रूप से यह कहा है कि सभी घायलों का मुफ्त में इलाज किया जाएगा और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
साबरमती एक्सप्रेस की पटरी से उतरने की इस घटना ने हमें रेलवे सुरक्षा पर पुनः विचार करने और मौजूदा सुरक्षा मानकों को और भी सख्त बनाने की आवश्यकता का अहसास कराया है। इस प्रकार की घटनाओं को हमेशा के लिए टालने के लिए हमें सतर्कता और तकनीकी सहायता दोनों में सुधार करने की आवश्यकता है। रेलवे प्रशासन को चाहिए कि वह अपनी प्रक्रियाओं का गहन समीक्षा करें और रेल यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। यात्रियों का विश्वास फिर से जीतने के लिए रेलवे को अपनी साख सिद्ध करनी होगी।
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