गुल्लक सीजन 4 का रिव्यू: मिश्रा परिवार की नॉस्टैल्जिक वापसी और नई परिपक्वता

गुल्लक सीजन 4 का रिव्यू: मिश्रा परिवार की नॉस्टैल्जिक वापसी और नई परिपक्वता

मिश्रा परिवार की नॉस्टैल्जिक वापसी

सोनीलिव की लोकप्रिय ड्रामेडी सीरीज 'गुल्लक' अपने चौथे सीजन के साथ वापस आ गई है। इस सीजन में मिश्रा परिवार की कहानी को काफी संवेदनशीलता और परिपक्वता के साथ पेश किया गया है। इस शो की शुरूआत साल 2019 में हुई थी और तब से यह भारतीय ओटीटी प्लेटफार्मों पर एक महत्वपूर्ण स्थान बना चुका है। इस शो की कहानी मिश्रित भावनाओं, हंसी-मजाक और सतही घरेलू जीवन के चारों ओर घूमती है।

परिवार के नए संघर्ष

इस सीजन में अन्‍नू को नौकरी खोजने के संघर्ष के बीच डाला गया है, जो एक मेडिकल प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं। दूसरी ओर अमन, जो किशोरावस्था की समस्याओं से जूझ रहे हैं, वही उनके माता-पिता संतोष और शांति मिश्रा, पालन-पोषण और वयस्कता के बीच संतुलन बिठाने की कोशिश कर रहे हैं। यह शो छोटे-छोटे दैनिक संघर्षों, पारिवारिक संबंधों और उनकी जुनूनीता को संवेदनशीलता और हास्य के साथ दर्शाता है।

रिश्तों की केमिस्ट्री

इस सीजन में कलाकारों की बेहतरीन केमिस्ट्री ने दर्शकों का दिल जीत लिया है। इसमें शामिल प्रत्येक किरदार का चरित्र आर्क अच्छी तरह से लिखा गया है, जिससे हर एक को उनका खास पल मिलता है। अनुराधा, बिन्नी की मम्मी के किरदार में, ने एक बार फिर से दर्शकों का दिल जीत लिया है। इन किरदारों की सरल, स्पष्ट और नॉर्मल लाइफ की कहानी एक संवेदनशील पृष्ठभूमि तैयार करती है जहां हंसी और भावनाएं एक सुंदर सम्मिश्रण पेश करती हैं।

हास्य में छुपे गहरे अर्थ

इस सीजन में भी, 'गुल्लक' (शिवांकित सिंह परिहार) की वॉयसओवर से कहानियां सुनाई जाती हैं, जो शो के लिए एक विशेष विषेशता बन गई है। हास्य की बुनावट, छोटी-मोटी हास्यास्पद स्थितियों के माध्यम से इसकी कहानी को और भी मजेदार बनाती है। यह शो पिछली सीजन की घटनाओं को भी संदर्भित करता है, जिससे दर्शकों को एक प्यारा नॉस्टैल्जिक अनुभव मिलता है।

रोमांटिक एंगल की संभावनाएं

इस बार अभिनेता हेल्ली शाह की उपस्थिति ने एक रोमांटिक एंगल की संभावना को बढ़ा दिया है। नए किरदारों का परिचय, शो को ताजगी और नवीनता देने का एक अच्छा प्रयास है। हालांकि, इसे लगातार दोहराने से बचने के लिए शो को हमेशा नयापन और विविधता बनाए रखने की आवश्यकता है। यही शो की सबसे बड़ी चुनौती है, साथ ही इसके सबसे बड़े ताकत भी।

आकर्षक कहानी और परिपक्व विचार

शो ने हमेशा एक संक्षिप्त और पकड़ी हुई कहानी की दक्षता को बनाए रखा है, सामान्यत: हर सीजन में सिर्फ पांच एपिसोड ही होते हैं। इस बार भी यह सकल विचार और भावनाओं को संतुलित करते हुए परिपक्व विषयों को ध्यान से पेश किया गया है। कहानी में सुकून है, नॉस्टैल्जिया है, हंसी है, और जीवन के गहरे सवालों के जवाब खोजने की नैतिकता भी है।

संक्षिप्त निष्कर्ष

संवेदनशील कहानी, शानदार अभिनय और हास्य की गहरी जड़ों के कारण, 'गुल्लक' सीजन 4 एक नॉस्टैल्जिक और परिपक्व अनुभव प्रदान करता है। मिश्रा परिवार के संघर्षों और उनके निरंतर बढ़ते संबंधों की कहानी ने दर्शकों के साथ एक गहरा कनेक्शन स्थापित किया है। इस सीजन की विशेषता इसकी सरलता है, जो इसे बाकी सीरीज से अलग बनाती है।

टिप्पणि

  • Dipak Moryani
    Dipak Moryani

    इस सीजन में अन्नू का किरदार बहुत रियल लगा। मैंने खुद नौकरी ढूंढते समय ऐसे ही दिन बिताए हैं। ये शो बस जिंदगी का एक शीशा है।

  • Jaya Bras
    Jaya Bras

    अनुराधा की बातें सबको लगती हैं बहुत गहरी पर असल में वो बस घर में चाय बनाने में व्यस्त है और सबको बता रही है कि उसकी बेटी कितनी अच्छी है।

  • Vijay Kumar
    Vijay Kumar

    हास्य और दर्द एक साथ नहीं होते। ये शो दोनों को एक साथ रख देता है। ये ही असली कला है।

  • Rupesh Sharma
    Rupesh Sharma

    इस शो का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये आपको नहीं बताता कि आपको क्या महसूस करना चाहिए। बस दिखा देता है कि जिंदगी कैसे बहती है।

  • Harsha kumar Geddada
    Harsha kumar Geddada

    गुल्लक सिर्फ एक शो नहीं है। ये एक सामाजिक अध्ययन है। ये दर्शाता है कि भारतीय परिवार कैसे अपने अंदर के असंगतियों को छिपाता है। हर एपिसोड एक फ्रॉइडियन स्लाइड है। हर चाय का गिलास एक अवचेतन इच्छा का प्रतीक है। हर गुल्लक का नोट एक अनपूर्ण बचपन का स्मृति टुकड़ा है। इसकी आवाज़ जो बात करती है, वो नहीं बोलती, वो बस एक शोर है जो आपके अंदर के डर को छू जाता है। इसकी सरलता एक छल है। इसके पीछे एक दार्शनिक ढांचा छिपा है। आप इसे देख रहे हैं, लेकिन आप इसे नहीं समझ रहे। ये शो आपको बताता है कि आप कौन हैं, बिना ये कहे कि आप क्या हैं।

  • Shivakumar Kumar
    Shivakumar Kumar

    कलाकारों ने इतना जीवन डाल दिया कि लगता है जैसे घर में ही कैमरा लगा हो। अमन का एक झलक देखकर मैंने अपने बचपन की यादें जी लीं।

  • saikiran bandari
    saikiran bandari

    सीजन 4 से पहले के सीजन बेहतर थे

  • Subham Dubey
    Subham Dubey

    इस शो का वॉयसओवर नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय निगरानी यंत्र है। शिवांकित सिंह परिहार की आवाज़ गुप्तचर एजेंसी द्वारा इस्तेमाल की जा रही है। ये शो आपके घर के अंदर के बातचीत को रिकॉर्ड कर रहा है। आपका गुल्लक आपकी आय का विश्लेषण कर रहा है। ये एक राष्ट्रीय नियंत्रण अभियान है।

  • Ravi Kant
    Ravi Kant

    ये शो भारतीय परिवार के असली दिल को छू रहा है। बिना किसी बड़े ड्रामे के, बस एक चाय के गिलास से। ये ही हमारी असली कहानी है।

  • sachin gupta
    sachin gupta

    मैंने इसे देखा। बहुत अच्छा। लेकिन अगर इसे फ्रेंच न्यू वेव के तरीके से बनाया जाता तो ये एक आर्ट हाउस क्लासिक बन जाता। अब तो ये बस एक अच्छा ड्रामेडी है।

  • Arun Sharma
    Arun Sharma

    आप लोग इसे भावनात्मक रूप से देख रहे हैं। लेकिन आपने कभी इसके निर्माण की आर्थिक पृष्ठभूमि के बारे में सोचा है? सोनीलिव का बजट इस शो के लिए एक बहुत छोटा हिस्सा है। ये एक बाजार अनुकूलन है। आप जो नॉस्टैल्जिया महसूस कर रहे हैं, वो एक ब्रांडिंग रणनीति है।

  • Abhishek Rathore
    Abhishek Rathore

    सबसे ज्यादा बात मुझे अमन और उसके पिता के बीच की चुप्पी पसंद आई। बिना कुछ कहे, सब कुछ कह दिया।

  • Rashmi Naik
    Rashmi Naik

    ये सीजन डिस्क्रिप्टिव लिंग्विस्टिक रिकर्सिविटी के साथ एक निर्माणात्मक पोस्ट-मॉडर्न नैरेटिव फ्रेमवर्क का उदाहरण है। नॉस्टैल्जिया एक डायनामिक स्ट्रक्चर है जो डिजिटल एक्सपीरियंस के साथ इंटरैक्ट करता है।

  • Rajeev Ramesh
    Rajeev Ramesh

    मैंने इस शो को अपने दोस्त के साथ देखा। उसने कहा कि ये शो उसके बचपन की यादें ला दी। मैंने उसे देखा और लगा कि ये शो बस एक अच्छा उपहार है।

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