GIFT Nifty के अनुसार, भारतीय बाजार में आज के सत्र की शुरुआत कमजोर हो सकती है, क्योंकि निफ्टी फ्यूचर्स ने 79 अंकों की गिरावट के साथ 23,400 पर ट्रेडिंग की है। यह संकेत दे रहा है कि निवेशकों को जल्दबाजी में कदम उठाने की बजाय सतर्क रहना चाहिए।
मोटिलाल ओसवाल के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने बताया कि भारतीय बाजार निकट भविष्य में ऊपरी स्तरों पर समेकित हो सकता है, विशेष रूप से बजट से जुड़े क्षेत्रों द्वारा संचालित होगा। उनके अनुसार, यदि निफ्टी 23,600 से ऊपर जा पाता है, तो यह 24,000 की तरफ तेजी से बढ़ सकता है। दूसरी ओर, अगर यह 23,300 के नीचे बंद होता है, तो घबराहट का माहौल बन सकता है।
वैश्विक बाजारों की बात करें तो वहां मिला जुला रुख देखने को मिला है। एसएंडपी 500 फ्यूचर्स स्थिर बने हुए हैं, जबकि हांग सेंग और ऑस्ट्रेलिया के एसएंडपी/एएसएक्स 200 में गिरावट देखने को मिली है। जापान के टॉपिक्स ने बढ़त हासिल की है। डॉलर का मूल्य अमेरिका के मुद्रास्फीति डेटा के पहले स्थिर रहा, जबकि येन में गिरावट दर्ज की गई।
तेल की कीमतों में लगातार दूसरे सत्र में गिरावट जारी रही, जिसकी प्रमुख वजह मजबूत डॉलर और उच्च ब्याज दरों की चिंताएं हैं। इससे निवेशकों को कठिन समय का सामना करना पड़ सकता है।
इस बीच, जिन शेयरों को एफ एंड ओ प्रतिबंध में रखा गया है उनमें बालरामपुर चीनी मिल्स, पीईएल, चंबल फर्टिलाइजर्स, इंडस टॉवर, हिंदुस्तान कॉपर, एचएएल, जीएनएफसी और ग्रेन्यूल्स शामिल हैं। इन शेयरों में निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 1,790 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की है, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,237 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। यह दर्शाता है कि विदेशी निवेशक सतर्क बने हुए हैं और अपनी निवेश रणनीति में सावधानी बरत रहे हैं। घरेलू निवेशक बाजार में एक हद तक विश्वास बनाए हुए हैं।
बाजार में स्थिरता और अनिश्चितता दोनों की संभावना बनी हुई है। निवेशकों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है, जहां सतर्कता और सही फैसले महत्वपूर्ण साबित होंगे। गौरतलब है कि बाजार में किसी भी बड़ी हलचल से पहले सभी आर्थिक संकेतकों पर नजर रखना आवश्यक है।
© 2024. सर्वाधिकार सुरक्षित|
एक टिप्पणी लिखें